
सड़क पर मवेशी, बढ रही है दुर्घटनाएं, प्रशासन बेखबर !
महासमुंद । महासमुंद जिले से गुजरने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग 53 पर गौवंश के लिए मौत का तांडव जारी है। पिछले सप्ताह ही इस रास्ते दुर्घटनाओं के कारण 16 गौवंश और भैंस घायल हुए। इनमें से 6 की मौके पर ही मौत हो गई।
यहां हादसों का दौर थम नहीं रहा है। महासमुंद, पिथौरा, सरायपाली, बागबाहरा शहर और आसपास के इलाकों में रोजाना सैकड़ों मवेशी सडक़ दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। घायल मवेशियों को गौसेवक दल के युवाओं की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंचकर गौधाम पहुंचा देते हैं। जहां प्राथमिक चिकित्सा से मवेशियों को त्वरित राहत मिलती है।
गौधाम के संचालकों का कहना है कि प्रशासन की अनदेखी के कारण यह त्रासदी घटित हो रही है। जबकि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) का दावा है कि मवेशियों को सडक़ों से हटाने के लिए कर्मचारी तैनात हैं और हेल्पलाइन 1033 सक्रिय है। सच तो यह है कि ये तस्वीरें सडक़ों पर गौवंश की मौजूदगी और लगातार हादसे राजमार्ग प्राधिकरण के दावों की पोल खोल रहे हैं।
गौ सेवकों ने टोल प्रशासन पर तंज कसते हुए कहा कि टोल वसूलने में तत्पर लेकिन सडक़ सुरक्षा और गौवंश की रक्षा में नाकाम है। गौसेवकों ने प्रशासन की संवेदनहीनता पर सवाल उठाया है। सर्वाधिक बुरी स्थिति सरायपाली क्षेत्र में है जहां शहरी क्षेत्र में भी झुंड में मवेशी सड़क पर देखे जा सकते हैं लेकिन विडंबना है कि न प्रशासन को इसकी फिकर है और न ही नगरपालिका प्रशासन को, लिहाजा आए दिन दुर्घटनाएं सामने आ रही है।