उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में ‘छांगुर बाबा’ का धर्मांतरण रैकेट, करोड़ों की विदेशी फंडिंग का खुलासा

अजीत मिश्रा (खोजी)

।। उत्तर प्रदेश में ‘छांगुर बाबा’ का धर्मांतरण रैकेट, करोड़ों की विदेशी फंडिंग का खुलासा।।

बलरामपुर, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में इन दिनों ‘छांगुर बाबा’ नाम का एक व्यक्ति धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग के आरोपों को लेकर सुर्खियों में है। जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा पर लड़कियों को गुमराह कर उनका धर्म परिवर्तन कराने और इसके लिए इस्लामिक देशों से करोड़ों रुपये की फंडिंग हासिल करने का आरोप है। हर बीतते दिन के साथ इस विवाद में नए खुलासे हो रहे हैं।

कौन है छांगुर बाबा?

छांगुर बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के उतरौला में हुआ था और उसका बचपन रेहरा माफी गांव में बीता। बताया जाता है कि उसने अपने सभी अवैध काम इसी गांव से शुरू किए।

बचपन और परिवार:

छांगुर बाबा का बचपन अत्यधिक गरीबी में बीता। कई सालों तक उसने भीख मांगकर गुजारा किया। बाद में उसने कुछ समय के लिए साइकिल पर नग और अंगूठियां बेचने का काम भी किया। उसके परिवार के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक उसके तीन भाई हैं, जिनमें वह सबसे बड़ा है। उसके तीनों भाई बलरामपुर के गांव में ही रहते हैं।

धर्मांतरण रैकेट के आरोप:

छांगुर बाबा पर आरोप है कि वह अपनी एक कोठी में जबरन धर्मांतरण का रैकेट चला रहा था। बताया जा रहा है कि वह लड़कियों की जाति देखकर धर्मांतरण करता था और हर जाति के लिए अलग-अलग ‘रेट’ तय कर रखे थे। उसके घर से कलावा और धार्मिक किताबें भी बरामद हुई हैं।

रैकेट का केंद्र और विवादित कोठी:

छांगुर बाबा नेपाल बॉर्डर से सटे बलरामपुर में अपनी एक बड़ी कोठी से इस रैकेट को चला रहा था। इस कोठी को लेकर कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। कहा जा रहा है कि इसमें सारा सामान विदेश से मंगवाया जाता था। सुरक्षा के लिए दीवारों को ऊंचा रखा गया था और उन पर बिजली वाली कटीली तारें भी लगाई गई थीं। प्रशासन ने आरोप लगाया है कि यह कोठी अवैध जमीन पर बनी थी और इसका इस्तेमाल धर्मांतरण के लिए किया जा रहा था, जिसके बाद इसे बुलडोजर से ढहा दिया गया है।

विदेशी फंडिंग का खुलासा:

जांच में सामने आया है कि छांगुर बाबा को कई इस्लामिक मुल्कों से भारी फंडिंग मिल रही थी। अब तक 200 करोड़ रुपये की फंडिंग की पुष्टि हो चुकी है, और माना जा रहा है कि 300 करोड़ रुपये की अतिरिक्त फंडिंग को अभी ट्रैक किया जाना बाकी है। उसने इस काम के लिए कई बैंक खाते भी खुलवा रखे थे।

आगे की कार्रवाई:

छांगुर बाबा फिलहाल 16 जुलाई तक एटीएस की हिरासत में है और उससे लगातार घंटों पूछताछ की जा रही है। इस पूछताछ में कई बड़े खुलासे हो रहे हैं। संभावना है कि उसे आगे भी हिरासत में रखा जा सकता है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उस पर शिकंजा कस रहा है।

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