
गोण्डा जिला महिला अस्पताल में चिकित्सकीय लापरवाही: नवजात की जांघ की हड्डी टूटी
गोण्डा। जिला महिला अस्पताल, गोण्डा में चिकित्सकीय लापरवाही का सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कोतवाली देहात के ग्राम भुलभुलिया की ममता देवी, पत्नी राम सूरत, 4 जुलाई 2025 को प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती हुई थीं। डॉ. सौम्या चौबे ने सिजेरियन ऑपरेशन की सलाह दी और परिजनों से सुविधा शुल्क के नाम पर 5,000 रुपये वसूले। ऑपरेशन के बाद ममता ने एक बच्ची को जन्म दिया, लेकिन नवजात लगातार रो रही थी और उसका एक पैर हिल नहीं रहा था। जांघ के पास सूजन देख परिजन उसे हड्डी रोग विशेषज्ञ के पास ले गए, जहां एक्स-रे में जांघ की हड्डी टूटी पाई गई। परिजनों का आरोप है कि डॉ. सौम्या ने ऑपरेशन के दौरान बच्ची का पैर इतनी जोर से खींचा कि हड्डी टूट गई। इस घटना ने ममता को मानसिक रूप से आहत किया, जबकि परिजनों में आक्रोश है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. देवेंद्र सिंह को जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई न करने पर उनकी भूमिका भी संदेह के घेरे में है। परिजनों ने डॉ. सौम्या और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक पर सुविधा शुल्क की सांठगांठ का आरोप लगाया है। यह घटना अस्पताल की पहले से विवादास्पद छवि को और धूमिल करती है,जहां लापरवाही की शिकायतें आम हैं। मामले में सरिता देवी निवासिनी भुलभुलिया कोतवाली देहात ने अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य, देवीपाटन मंडल को पत्र लिखकर त्वरित जांच और न्याय की मांग की है। स्वास्थ्य कर्मियों के इस घोर लापरवाही कारनामे से जनता में रोष बढ़ रहा है और अस्पताल प्रशासन से जवाबदेही की उम्मीद की जा रही है।
✍️रिपोर्ट: सौरभ मौर्य
संपादक – वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
उत्तर प्रदेश महामंत्री भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
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