
वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ श्रावणी मेले का शुभ उद्घाटन गोविंदगंज विधायक श्री सुनील मणि तिवारी एवं मोतीहारी डीएम श्री सौरभ जोरवाल ने संयुक्त रूप से किया, मंदिर के पीठाधीश्वर श्री रविशंकर गिरी जी ने विधायक श्री सुनील मणि तिवारी, डीएम श्री सौरव जोरवाल, एसपी श्री स्वर्ण प्रभात, आदि सभी अतिथियों को भागवत गीता एवं अंग वस्त्र प्रदान कर अभिनंदन किये। दंडाधिकारियों व सुरक्षा कर्मियों को संबोधित करते हुए मोतीहारी डीएम श्री सौरव जोरवाल ने कहा कि मेला ड्यूटी में ड्यूटी करने वाले सभी दंडाधिकारी शिव भक्तों से आदरपूर्वक व्यवहार करें शिव भक्तों के साथ सख्ती से पेश नहीं आये। शुक्रवार से शुरू होने वाले पवित्र सावन महीने मे अरेराज सोमेश्वर नाथ महादेव मंदिर में भक्तों की जलाभिषेक को लेकर भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अस्थाई बांस बल्ले की बेरीकेटिंग को हटा करके लोहे की स्थाई बैरिकेडिंग लगाई गई है साथ ही अरेराज के विभिन्न चौक चौराहो से लेकर मंदिर परिसर के अंदर 40 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। वही मंदिर परिसर एवं आसपास के जगहों की सफाई की व्यवस्था मंदिर प्रशासन एवं नगर पंचायत के सफाई एजेंसी नियोनि इंटरप्राइजेज के प्रबंधक विशाल कुमार द्वारा की जा रही है। मंदिर के महंत महामंडलेश्वर श्री रविशंकर गिरी ने बताया कि इस पवित्र सावन मास में श्रद्धालु अनेक नदियों से जल लेकर बाबा बाबा सोमेश्वर नाथ के दरबार पहुंचते हैं और श्रद्धा से जलाभिषेक करते हैं। शुक्रवार को श्रद्धालुओं की भीड़ देखते हुए समय अनुसार गर्भ गृह में प्रथम पूजा करके दंडाधिकारी एवं सुरक्षा बलों के मौजूदगी में मंदिर का पट भक्तों के लिए खोल दिया गया, सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते हुए अरेराज एसडीपीओ रंजन कुमार ने बताया कि मेले मे संवेदनशील जगहों पर दंडाधिकारी एवं पुलिस बल की तैनाती की गई है, मेला क्षेत्र में आने वाले सभी वाहनों को हरदिया चौक से काली मंदिर होते हुए पार्किंग स्थल तक जाने की अनुमति दी गई है। इस मंदिर का इतिहास रामायण काल मे भी मिलता है सोमेश्वरनाथ मंदिर की स्थापना राजा सोम ने की थी। उन्हीं के नाम पर इस मंदिर का नाम सोमेश्वरनाथ पड़ा। यहां बिहार ही नहीं उत्तर प्रदेश व नेपाल के श्रद्धालु भी पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। आसपास के क्षेत्र मे विवाह के बाद यहाँ दुल्हा-दुल्हन द्वारा माथा टेका जाता है। मान्यता है की भगवान श्रीराम विवाह के बाद जनकपुर से लौटते समय यहीं रुके थे तथा प्रभु श्रीराम और माता सीता भगवान शिव की पूजा किये थे। दूसरी मान्यता के अनुसार बच्चों का पहला मुंडन कराना भी यहाँ शुभ माना जाता है। सोमेश्वर नाथ महादेव मंदिर में सावन माह के अलावा अन्य महीनों में भी श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। यहां वर्ष में मुख्यत: छह प्रसिद्ध मेले लगते हैं, इस दौरान एक दिन में लाख से अधिक कांवरिये जलाभिषेक करते हैं। इस मंदिर की दक्षिण दिशा में निर्जन टीले पर बटुक भैरों स्थान, पश्चिम में जलपा भवानी व अकालदेव महादेव, उत्तर में मसान माई का स्थान अवस्थित है। अरेराज का ऐतिहासिक सोमेश्वर नाथ महादेव मंदिर उत्तर बिहार का सबसे प्राचीनतम एवं प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है जो मोतिहारी से 28 किलोमीटर पर दक्षिण में गंडक नदी के किनारे स्थित है। सावन माह में तथा अन्य पर्वो के अवसर पर लाखो श्रद्धालु भक्तजन देश तथा समीपवर्ती नेपाल से यहां आते है। श्रावण में यहां मेला भी लगता है। पर्यटकों का यह प्रिय स्थल बन चुका है।पार्वती पोखरा अनुमंडल का सबसे प्राचीन पोखरा है जहां माता जानकी भगवान श्री राम लक्ष्मण सहित स्नान करके भगवान श्री सोमेश्वरनाथ महादेव का जलाभिषेक किये तथा शिव पार्वती गठबंधन परंपरा की शुरुआत पुत्र रत्न प्राप्ति व अखंड सौभाग्य के लिए किये जिसके फलस्वरूप लव- कुश के रूप में उनको दो पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। वाराह पुराण में सोमेश्वर नाथ का उल्लेख मिलता है, जिसे सृष्टि की प्रथम तीर्थ नदी नारायणी के तट पर माना जाता है, द्वापर युग में भी पांडव पुत्र धर्मराज युधिष्ठिर यहां आए थे और बाबा का अभिषेक किये थे, जिसके बाद उन्हें राज्य की पुनः प्राप्ति हुई।