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एक बगिया मां के नाम योजना के तहत होगा पौधारोपण

पौधारोपण के लिए जिले में होगा 3500 महिला हितग्राहियों का चयन

एक बगिया मां के नाम योजना के तहत होगा पौधारोपण

 

पौधरोपण के लिए जिला में होगा 3500 महिला हितग्राहियों का चयन

 

जिले में किसानों के खेत पर पहली बार हाईटेक एवं सॉफ्टवेयर की मदद से किया जाएगा पौधारोपण

 

📝खरगोन से अनिल बिलवे की रिपोर्ट…

जिले में अब पारंपरिक तरीके से पौधरोपण नहीं होगा। सॉफ्टवेयर आधारित और हितग्राहीमूलक प्रणाली लागू कर दी है। अब एक बगिया मां के नाम नामक एप के जरिए ही पात्र हितग्राहियों का चयन होगा और उन्हे ही सीधे भुगतान मिलेगा। मनरेगा और राज्य अजीविका मिशन द्वारा इस अभियान को संयुक्त रूप से क्रियान्वित किया जाएगा। चयनित हितग्राही खुद पौधा एवं खाद खरीदेगा और तय तकनीकी मापदण्डों पर खरा उतरने के बाद प्रमाणिक बिल के आधार पर उसे मनरेगा से प्रत्यक्ष भुगतान कर दिया जावेगा।

 

कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल ने एक बगिया मां के नाम के तहत खरगोन जिले की भौगोलिक स्थिति एवं किसानों को जागरुकता को देखते हुए 3500 महिला किसानों के चयन के निर्देश दिए गए। किसानों के चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए मनरेगा योजना के अलावा राज्य आजीविका मिशन, कृषि विभाग एवं उद्यान विभाग को निर्देशित किया गया है। कलेक्टर सुश्री मित्तल ने एक बगिया मां के नाम अभियान के तहत जिले की सभी जनपद पंचायत विभागों को आपसी समन्वय स्थापित करते हुए निर्धारित लक्ष्य के अनुसार पात्र महिला किसानों का चयन करने और उनकी जानकारी गूगल शीट में दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। इस अभियान की डेली प्रोग्रेस की नियमित समीक्षा की जाएगी।

 

 पौधरोपण के लिए SIPRi software का उपयोग किया जाएगा। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से प्रत्येक किसान के खेत में पौधों की प्रजाति व समय के अनुसार पौधारोपण को पूर्ण कराया जाएगा। तकनीकी आधारित कियान्वयन और जमीनी बदलाव की ठोस दिशा में कदम है। एक बगिया मां के नाम कार्यक्रम में एक एकड़ में तार फेंसिंग का काम कृषकों को पहले पूर्ण करना होगा, इसका सत्यापन के उपरांत की पौधरोपण किया जाएगा।

 

 इस बार महिलाओं को अभियान में अग्रणी भूमिका देने की योजना है। विशेषकर आजीविका मिशन की महिला सदस्य जो अपनी या परिजनों की भूमि पर फलोद्यान लगाना चाहती है, उन्हे प्राथमिकता दी जाएगी। पात्रता के लिये हितग्राही के पास 0.5 से 1.00 एकड भूमि होना अनिवार्य है। इससे अधिक भूमि स्वीकार नही की जावेगी। सिपरी एप न केवल हितग्राही और स्थल चयन करेगा, बलिक भूमी की उपलब्धता, पौधों की अनुकुलता और जल स्त्रोत की उपलब्धता भी जाचेंगा। यदि जल स्त्रोत नहीं है, तो 50 हजार लिटर क्षमता का जलकुण्ड बनाना अनिवार्य होगा। पहली बार वृक्षारोपण में ड्रोन तकनीक का उपयोग एक बगिया मां के नाम में पौधारोपण एवं भुगतान की प्रक्रिया के पहले ड्रोन से सत्यापन किया जाएगा।

 

उत्कृष्ट प्रदर्शन पर मिलेगा ईनाम

 

 राज्य सरकार ने इस अभियान में श्रेष्ठ कार्य करने वाले 03 जिलों, 10 जनपदों और 25 ग्राम पंचायतों को राज्य स्तरीय पुरस्कार देने की घोषणा की है। लाखों रूपये की प्रोत्साहन राशि श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों को दी जाएगी।

 

अब सीधे हितग्राही को मिलेगा लाभ

 

 इस योजना में एक बड़ा बदलाव यह है कि पंचायत, समिति या किसी एजेन्सी को इसमें भुगतान नहीं होगा। इस योजना के तहत 15 जुलाई तक हितग्राही चयन, 25 जुलाई तक प्रशासकीय स्वीकृति, 14 अगस्त तक गड्ढे खोदना और तारबंदी तथा 15 अगस्त से 15 सितंबर के बीच पौधारोपण की समयसीमा निर्धारित की गई है।

 

 मनरेगा योजना से वर्तमान में 4087 कार्य प्रगतिरत हैं। मनरेगा योजना से विगत 3 वर्षों में उद्यान विभाग से 2776 एवं पंचायत से 1311 किसानों के खेत में फलदार पौधों का रोपण कराया गया है। मनरेगा योजना से जिले में थाई अमरूद, संतरा, नींबू के क्लस्टर विकसित किए गए हैं। इन फलोद्यान से किसानों द्वारा 2 से 3 लाख रुपए प्रति एकड़ की आय अर्जित की जा रही है।

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