
सीकर. जिले में खेती-किसानी व जमीन बचाओ आंदोलन समिति सीकर के बैनर तले 13 जुलाई रविवार को जाट बोर्डिंग हाउस संस्थान के रडमल सिंह किसान आडिटोरियम में सुबह 11 बजे किसान महापंचायत का आयोजन होगा। यह महापंचायत यूआईटी सीकर के मास्टर प्लान 2041 के विरोध में आयोजित की जा रही है ।
आस पास के 50 गांवों के किसान- ग्रामीण होंगे शामिल
आंदोलन समिति के प्रवक्ता हरिराम मील ने शुक्रवार को जाट बोर्डिंग हाउस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि महापंचायत में सीकर और आस-पास के 50 गांवों के किसान व ग्रामीण हिस्सा लेंगे। इसके लिए 6 जुलाई से गांवों और सीकर शहर में होर्डिंग, स्पीकर और क्रांति रथ के जरिए प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। व्यक्तिगत और सामूहिक संपर्क के माध्यम से 13 जुलाई को सीकर चलो का आह्वान किया जा रहा है।
विकास के नाम पर विनाश का डिजास्टर प्लान
संघर्ष समिति ने मास्टर प्लान को ‘विकास के नाम पर विनाश का डिजास्टर प्लान’ करार दिया है। समिति के सदस्यों गणेश बेरवाल, एडवोकेट सूरजभान जाखड़, कुंडली सरपंच प्रतिनिधि प्रभु दयाल ओला, सरजीत खीचड़, नविराज सिंह दूजोद, राजेंद्र डोरवाल और हरिराम मील ने कहा कि मास्टर प्लान 2041 किसानों की जमीन, खेती-किसानी और रोटी-रोजगार को उजाड़ने वाला है। उन्होंने इसे विकास की बजाय विनाश का प्लान बताया। समिति का कहना है कि इस प्लान के खिलाफ जनता में भारी आक्रोश है और लोग महापंचायत में बड़ी संख्या में शामिल होंगे। संघर्ष समिति का गठन और रणनीति होगी तय महापंचायत में आंदोलन को तेज करने के लिए संघर्ष समिति का गठन किया जाएगा और आगे की रणनीति व रूपरेखा तय की जाएगी। शुक्रवार को हुई समिति की बैठक में प्रचार-प्रसार, जन जागरण अभियान और महापंचायत की तैयारियों की समीक्षा की गई।
कार्यकर्ताओं को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए। प्रेस कॉन्फ्रेंस और बैठक में हरिराम मील, दिनेश सिंह जाखड़, राजेंद्र डोरवाल, जसवीर सिंह चौधरी, भरत सिंह दूजोद, बनवारी लाल नेहरा, सोहन बाजियां, भोलाराम और मनोज मंगावा हरदयालपुरा सहित कई सदस्य मौजूद रहे।