
जगम्मनपुर (जालौन) पेड़ लगाने की मूल अवधारणा को मूर्ति रूप देते हुए जनहित में अति आवश्यक स्थान पर वृक्षारोपण किया गया है ।
सरकार द्वारा करवाया जा रहा वृक्षारोपण कार्यक्रम सामान्य लोगों को भले ही सिर्फ सरकारी कार्यक्रम महसूस होता हो और वह उसे गंभीरता से ना लेते हैं लेकिन समाज का जागरूक वर्ग वृक्ष और मानव जीवन के अभिन्न संबंधों को समझते हैं। मनुष्य सहित प्रत्येक जीव का जीवन ऑक्सीजन के बिना संभव नहीं और ऑक्सीजन वृक्षों से ही प्राप्त होती है जहां वृक्ष पर्याप्त मात्रा में होते हैं वहां वर्ष भी पर्याप्त होती है जहां वृक्ष नहीं वहां जल एवं जीवन दायनी ऑक्सीजन की कमी में प्रत्येक जीव जंतु व मानुष को जूझता है । सरकार की मंशा है कि पर्यावरण प्रदूषण से मुक्ति हेतु अधिक से अधिक बृक्ष लगाए जाए, यह कार्यक्रम चलते भी रहते हैं। लेकिन धरातलीय कार्यक्रम को हवा हवाई रूप अधिक दिया जाता है। वृक्षारोपण कार्यक्रम के दौरान जितने बृक्ष लगाए जाने का दावा होता है उसमें यदि 10% वृक्ष जीवित बने रहे तो प्रतिवर्ष वृक्ष लगाने की जहमत शायद ना उठानी पड़े । जगम्मनपुर में वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी विजय द्विवेदी प्रतिवर्ष दो वृक्ष लगाने का संकल्प लेकर गत 10 वर्षों से अब तक लगभग 25 पौधों को जीवन देकर वृक्ष का रूप देने में सफल रहे हैं । इस वर्ष भी विजय द्विवेदी ने दो वृक्ष बरगद ,दो बृक्ष पाकड़, दो वृक्ष चंदन , दो वृक्ष पीपल एवं एक वृक्ष जामुन कुल 9 बृक्षों को स्वयं रोपित कर उन्हें सुरक्षित रखने हेतु स्थानीय ग्राम प्रधान जगम्मनपुर प्रज्ञादीप गौतम, सुनील कुमार प्रधान हमीरपुरा, योगेश कुमार प्रधान हुसेपुरा जागीर तथा वन विभाग से ट्रीगार्ड का सहयोग लिया है। वृक्षारोपण के इस कार्यक्रम में उन स्थानों का चयन किया गया जहां वृक्षों के छांव की बहुत अधिक आवश्यकता है जैसे जगम्मनपुर क्षेत्र में किसी के दिवंगत होने पर यमुना नदी के लिए जा रहे शव यात्रा के दौरान पिंडदान स्थल पर पीपल बरगद पाकड़ के वृक्ष लगाकर उन्हें ट्री गार्ड से संरक्षित किया गया। राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के मैदान में बरगद , ग्राम जगम्मनपुर से यमुना मार्ग में बरगद, पाकड़ के वृक्ष लगाकर स्थानीय लोगों से उनकी रक्षा करने का अनुरोध किया है।