A2Z सभी खबर सभी जिले कीअन्य खबरे

मीडिया राष्ट का चौथा स्तंभ है परंतु कब तक

जानने के लिए पढ़े ये लेख

मीडिया राष्ट का चौथा स्तंभ है परंतु जब तक ही है जब तक निष्पक्ष है

आप को बता दें आज निष्पक्ष पत्रकार और निष्पक्ष चैनलों का दम घुट रहा है क्योंकि निष्पक्ष पत्रकार यदि कोई निष्पक्ष खबर किसी चैनल के लिए प्रेषित करता है तो या तो खबर लगाई ही नहीं जाती या और लगाई भी जाती हैं तो उसका प्रारूप ही बदल दिया जाता है और कोई चैनल खबर लगा भी दे जो किसी भ्रष्ट राजनेताओं के विरुद्ध हो या राज्य सरकार या भारत सरकार की कोई भी त्रुटि की झलक उसमें सम्मिलित हो फिर तो उस खबर कवरेज करने वाले पत्रकार और खबर लगाने वाले चैनल और अखबार पर ही प्रलय आ जाती है ये सब क्या है यही है राष्ट के चौथे स्तंभ की गरिमा

आप की जानकारी को बता दें। कोई भी टीवी चैनल एवं प्रिंट मीडिया जो भारत सरकार द्वारा पंजीकृत है उसको जन साधारण से लेकर मुख्य मंत्री और प्रधानमंत्री तक की वो खबरें लगाने और चलाने का अधिकार है जो खबर पूर्ण रूप से इस बात की पुष्टि करती है कि ये खबर सत्य घटनाओं पर आधारित है और पूर्ण रूप से साक्ष्य उपलब्ध के साथ है इसके इसके अलावा जिस खबर को। सार्वजनिक करने से कोई जनहित और राष्ट हित की हानि नहीं हो रही हैं उस खबर को निष्पक्षता के साथ सार्वजनिक करे चाहे वो किसी के भी विरुद्ध हो निडर होकर उस खबर को सार्वजनिक किया जाए

ये है राष्ट के चौथे स्तंभ का वास्तविक कर्तव्य

अब हम सभी जो राष्ट के चौथे स्तंभ के वो सिपाही जो जिसी भी मान्यता प्राप्त पेपर और चेनल के माध्यम से अपने क्षेत्र गांव शहर राज्य और सम्पूर्ण। भारत वर्ष की खबरे दिखाने में कितनी निष्पक्षता दिखा रहे है और कितना अपने कर्तव्य पालन के प्रति संवेदन शील है अपने अंतर्मन से पूछने के उपरांत ये विचार गहनता से अवश्य करे कि क्या हम राष्ट के चौथे स्तंभ के योग्य हैं और यदि नहीं हैं तो क्यों नहीं है किसी लालच के वशीभूत है या किसी डर के वशीभूत है या फिर किसी दबाव के कारण अपने नाम छवि और कर्म को धूमिल कर रहे है क्योंकि राष्ट का चौथा स्तंभ सुदृढ़ बनेगा तो पत्रकार ही बनाएंगे और यदि इस की छवि धूमिल होती है तो भी कही ना कहीं हमारी एकता और निष्पक्षता पर ही प्रश्नवाचक चिन्ह है और कोई नहीं जो राष्ट के चौथे स्तंभ की और आंख उठा कर भी देख सके ,

 

इसके अलावा एक और नई परम्परा अब चल रही है घर घर में पत्रकार और गांव ,गांव, शहर शहर में न्यूज चैनल बन गए हैं चाहे वो राष्ट की चौथे स्तंभ क ख ग़ भी नहीं जाने अतः सबसे पहले तो वो ही पत्रकारिता का सर्वनाश करने पर तुले हैं जिनके ऊपर कोई भी अंकुश नहीं है

 

और अब आते है वहीं मुख्य बिंदु

पर राष्ट। का चौथा स्तंभ आज क्यों जर्जर हो रहा है क्या हम अपने पत्रकारिता के वास्तविक स्वरूप को पहचान रहे है

क्या हम अपने पत्रकारिता कर्त्तव्य के प्रति संवेदन शील है

 

कहीं हम झूठी शान और एक दूसरे के प्रति ईर्ष्या के वशीभूत

उसी डाल को तो नहीं काट रहे हैं जिस पर हम बैठे है

आप की बता दें यही हो रहा है यही वो सत्य।है जिसको जानते हुए। भी कोई जानना और सुनना नहीं चाहता,आज राष्ट के चौथे स्तंभ के अंदर ही इतनी प्रतिस्पर्धा और एक दूसरे के प्रति शत्रुता की आग है कि राष्ट के चौथे स्तंभ को नष्ट भ्रष्ट करने के लिए स्वयं ही काफी है और किसी बाहर के अपराधी या भ्रष्टाचारी शत्रु की आवश्यकता नहीं है

 

सचिव वैध गुरु। तीन जो,प्रिय बोलहि भय आस

राज धर्म तन तीन का होई वेगहि नास,

जय हिंद

 

बलदेव चौधरी

Back to top button
error: Content is protected !!