
अजीत मिश्रा (खोजी)
।। बस्ती में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी राज्य शिक्षक पुरस्कार चयन प्रक्रिया , मानकों की अनदेखी कर राज्य शिक्षक पुरस्कार हेतु किया गया चयन।
💫राज्य शिक्षक पुरस्कार चयन में बेसिक शिक्षा अधिकारी व उनके चहेते बाबू संतोष गुप्ता की खूब चली मनमानी।
💫पूर्व में गैर जनपद में एआरपी के रूप में तैनात शिक्षक का विद्यालय में नामांकन बढ़ाने का फर्जी अभिलेख हुआ अपलोड।
💫जो शिक्षक 2023 के राज्य पुरस्कारों हेतु नहीं था फिट वही 2024 में कैसे हो गया फिट बना अहम प्रश्न।
💫जो तीन वर्ष शिक्षक ही नहीं रहा उसे राज्य पुरस्कार देने की तैयारी में बेसिक शिक्षा अधिकारी।
बस्ती-यूपी ।। वैसे तो जनपद के बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय का भ्रष्टाचार से पुराना नाता है चाहे वह सत्तापक्ष के दबाव में शिक्षकों के निलंबन व बहाली में वसूली का मामला हो या चाहे नियम विरुद्ध तरीके से अनुदेशकों के सम्बद्धीकरण से जुड़ा हो मामला या फिर राज्य पुरस्कारों हेतु शिक्षकों के चयन से जुड़ा मामला हो , हर जगह शासनादेशों की अनदेखी करते हुए मनमानी की गयी है ।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सत्र 2024-25 हेतु जनपद से जिस शिक्षक का चयन राज्य पुरस्कार हेतु किया गया है उसे वर्ष 2023 – 24 में अयोग्य कर दिया गया था , अब यहाँ यह प्रश्न उठना लाजिमी हो जाता है कि जिस शिक्षक को विगत एक वर्ष पूर्व राज्य पुरस्कारों हेतु अयोग्य करार दिया गया हो अगले ही वर्ष उसे योग्य कैसे कर दिया गया । नियमों की यदि बात करें तो राज्य शिक्षक पुरस्कार हेतु चयनित शिक्षक का विगत पाँच वर्षों के मापदंड पूरे करने होते हैं परन्तु जनपद से वर्तमान में जिस शिक्षक का चयन किया गया है जनपद में उसकी अभी पाँच वर्ष की सेवा ही नहीं पूर्ण है और उनके गैर जनपद संतकबीर नगर की सेवाओं की यदि बात की जाय तो वहाँ इनका कुछ कार्यकाल एआरपी के रूप में भी बीता है जिसके कारण मूल विद्यालय में इनकी सहभागिता / उपलब्धता नगण्य सी रही होगी । दबे जुबान तो लोग यहाँ तक कह रहे हैं कि वर्ष 2024-25 हेतु राज्य पुरस्कारों हेतु चयनित शिक्षक ने मात्र दो तीन साल में ऐसा कौन सा काम कर दिया कि दशकों से ज्यादा समय से जनपद में सेवा देने वाले शिक्षक राज्य शिक्षक पुरस्कार चयन की रेस में वे पीछे रह गए । शिक्षक राज्य पुरस्कार में अनियमितता को लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल व पीजी पोर्टल पर शिकायत की गई है शिकायत में जांच कर फर्जी डाटा तैयार कर शिक्षक राज्य पुरस्कार हड़पने वाले शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है एवं गलत तरीके से उच्च अधिकारियों को गुमराह कर सूची भेजने व प्रमाणित करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की मांग की गई है । अब देखना यह है कि जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा उक्त प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए निष्पक्ष जांच कर विभागीय कार्रवाई की जाती है या कूट रचित तरीके से तैयार किए गए अभिलेखों के आधार पर आयोग्य शिक्षक राज्य पुरस्कार को हासिल करने में सफल रहेगा ।