A2Z सभी खबर सभी जिले कीउज्जैन

सप्तम व्यक्तित्व परिष्कार शिविर संपन्न ।

अपना सुधार संसार की सबसे बड़ी सेवा: महेश आचार्य

लोकेशन उज्जैन ।
सेवा को सबसे बड़ा धर्म कहा गया ,और अपना सुधार सबसे बड़ी सेवा है। अपने आप को भगवान की बगिया का सेवक या माली बनाकर प्रत्येक कार्य को भगवान की पूजा सेवा मानकर करना चाहिए यह उद्गार श्री महेश आचार्य उपझोन समन्वयक गायत्री परिवार उज्जैन में केंद्रीय कारागार उज्जैन में चल रहे सप्तम व्यक्तित्व परिष्कार शिविर के समापन सत्र में व्यक्त किए।
प्रतिभागी बंदियों ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया कि जो हम जानना चाहते थे वह सब कुछ हमें इस शिविर में मिल गया है। अब हम उसे पर चलने के लिए संकल्पित होते हैं। हमारे मन में अब ईर्ष्या ,प्रतिशोध जैसी भावनाएं काम हो रही हैं तथा स्नेह सहकार के भाव जाग रहे हैं। गायत्री महामंत्र लेखन ने हमें बहुत आत्म शांति प्रदान की है।
गायत्री शक्तिपीठ के व्यवस्थापक श्री जे पी यादव ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप अपनी सजा रूपी आपदा को जीवन साधना के अवसर में बदलिए इसी के लिए जेल प्रशासन और गायत्री परिवार ने यह शिविर आयोजित किए हैं। श्रीमती माधुरी सोलंकी दीदी जी ने ध्यान साधना तथा श्री नागेन्द्र सोलंकी ने प्रज्ञा गीतों का अभ्यास कराया। सह अधीक्षक जेल श्री जसवंत सिंह डाबर एवं शिविर के नोडल अधिकारी जेलर श्री सुरेश गोयल ने अतिथियों के साथ प्रतिभागी बंदियों को सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किए। यह जानकारी प्रचार प्रसार सेवक देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव द्वारा दी गई।

Vande Bharat Live Tv News
Back to top button
error: Content is protected !!