
📍 स्थान: ललितपुर / इलाहाबाद
🕒 तारीख: 22 जून 2025
📄 रिपोर्ट:
ललितपुर की बहुचर्चित LUCC चिटफंड घोटाला मामले में हाईकोर्ट ने शनिवार को एक अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने दोनों मुख्य आरोपियों, राजेंद्र कुमार गुप्ता उर्फ राजू बरसैंया और संजीव कुमार खरे को सभी मुकदमों में बरी करते हुए रिहा करने का आदेश दे दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश प्रथम यादवेन्द्र सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश सुनाया। कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी और रिमांड आदेशों को अवैध ठहराया और कहा कि यदि इनके खिलाफ कोई अन्य मामला लंबित नहीं है, तो उन्हें तत्काल प्रभाव से रिहा किया जाए।
दोनों आरोपी गैंगस्टर एक्ट समेत कई गंभीर धाराओं में 25 जनवरी 2025 से जेल में बंद थे। राजेंद्र गुप्ता पर कुल 10 और संजीव खरे पर 8 मुकदमे दर्ज थे।
दोनों आरोपियों की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने माना कि गिरफ्तारी में प्रक्रिया का उल्लंघन हुआ है। अदालत ने स्पष्ट किया कि गिरफ्तारी से पहले की गई कार्रवाई कानूनी मानकों के अनुरूप नहीं थी।
📢 बैकग्राउंड: LUCC चिटफंड कंपनी पर हजारों लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने का आरोप है। मामले की जांच के दौरान इन दोनों को मुख्य आरोपी माना गया था। लेकिन अब हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद मामले की जांच दिशा बदल सकती है।
📝 निष्कर्ष: LUCC कंपनी पर हजारों निवेशकों से करोड़ों की ठगी का आरोप है। आरोपियों की रिहाई से अब पूरे मामले में नई बहस छिड़ गई है और भविष्य की जांच पर भी सवाल उठ रहे हैं। इस फैसले से आरोपी पक्ष को जहां बड़ी राहत मिली है, वहीं निवेशकों में निराशा का माहौल है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन अगला कदम क्या उठाता है।