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विस्थापित ग्रामीणों ने अपनी मांगो के समर्थन में पिपरवार में कोयला खनन और ट्रांसपोर्टिंग कराया बंद।।

विस्थापित ग्रामीणों ने अपनी मांगो के समर्थन में पिपरवार में कोयला खनन और ट्रांसपोर्टिंग कराया बंद।।

सीसीएल प्रबधंन के साथ हुई वार्ता के बाद चार घंटे बाद काम काज हुआ चालु

संवाददाता/राशीद अंसारी खलारी

खलारी । सीसीएल पिपरवार क्षेत्र के मंगरदाहा गांव से विस्थापित हुए चिरैयांटांड़ भाग-1 के विस्थापित ग्रामीणो ने सोमवार को मंगरदाहा विस्थापित समिति के बैनर तले क्षेत्र का कोयला खनन एंव ट्रांसपोटिंग का काम बन्द करा दिया।ग्रामीणों ने घुम घूमकर सीएचपी/सीपीपी परियोजना,कोयला ढुलाई, राजधर साईडिंग एंव भुमिगत खदान का काम काज को बन्द करा दिया।इस संबंध मे ग्रामीणों ने बताया कि विस्थापित ग्रामीणो ने दिसम्बर 2024 मे ही सीसीएल प्रबधंन को समस्या से अवगत कराया था,लेकिन कोई पहल नही हुआ।जिसके बाद ग्रामीणों ने 16 जून को स्थानीय सीसीएल प्रबंधन को ज्ञापन देकर 23 जून से बंदी की चेतावनी दी थी, इसके बावजूद प्रबंधन के द्वारा कोई पहल नहीं किया गया,जिससे आक्रोशित होकर ग्रामीणों ने बंदी किया है।ग्रामीणों की प्रमुख मांगों में पिपरवार उर्फ़ मंगरदहा से विस्थापित हुए रैयतों के लंबित नौकरी और मुआवजा देने आउटसोर्सिंग एंव अंडरग्राउंड प्रोजेक्ट मे स्थानीय विस्थापित ग्रामीणों को रोजगार मुहैया कराने, विस्थापित को मुलभुत सूविधा के अंतर्गत मिलने वाली सारी सुविधा पूर्ण करने,जिसमे गांव मे घुस रहे बरसात के पानी को रोकने के लिए व्यवस्था करने,सभी बिजली पोल के लाइट एवं तार को दुरुस्त करने,जंगल जाने के लिए सड़क का व्यवस्था कराने,सीसीएल द्वारा अधिग्रहित भूमि की पहचान के लिए बोर्ड लगाने, विस्थापन प्रमाण पत्र देने, पेप सर्टिफिकेट दे, छात्र-छात्राओ को जाति आवास बनाने की सुमिधा देने,पानी की सूविधा देने, पानी टंकी की मरम्मत एवं गाँव में बोरिंग,खाली पड़े जगह पर फलदार पोधारोपण करने,खेलकूद के लिए खेल मैदान देने,विवाह भवन का निर्माण करने सहित अन्य मांगे शामिल है। इधर बंदी की सूचना पाकर सीसीएल प्रबंधन गंभीर होकर विस्थापित ग्रामीणों के साथ वार्ता किया।वार्ता में ग्रामीणों की मांगों को क्षेत्रीय स्तर से लेकर मुख्यालय स्तर तक पूरा करने का भरोसा दिया।प्रबंधन के द्वारा मिले आश्वासन के बाद ग्रामीण शांत हुए और बंदी को स्थगित किया,जिसके बाद करीब चार घंटे के बाद कोयला खनन ट्रांसपोर्टिंग एवं साइडिंग का काम चालू हो सका।ग्रामीण ने चेतावनी दिया कि यदि मांगों को पूरा नहीं किया गया तो फिर से बंदी की जाएगी।मौके पर विक्रम गंझु,बिरेंद्र कुमार, कुलदीप गंझु,प्रदीप गंझु, दीपक करमाली,संजय करमाली,संजय गंझु,सोविंद गंझु,जितेंद्र कुमार,करीमन गंझु,निरु रिकसन,मट्टू भुइया,रुपेश भुइया,संतोष कुमार,सिनोद गंझु,अमर सिंह,छोटू सिंह,अर्जुन कुमार,राथू गंझु,कालेश्वर गंझू,मनजीत करमाली,हेमंत भोगता,राजेश गंझु,सुखदेव भुइया,सुखदेव गंझु,मुकेश कुमार,राम करमाली, आकाश करमाली,संदीप गंझु,निखिल कुमार,विश्वास करमाली,लकी कुमार,रोशन करमाली,लक्ष्मण कुमार, दीपक गंझु,पाको देवी, अनीता देवी,अनु देवी, गुड़िया देवी,मंजू देवी, राजकुमारी देवी,पार्वती देवी, रोहिणी देवी,अनीता देवी, रीता देवी,अनीता देवी,सोनी देवी,सरिता देवी,लीला देवी, गीता देवी,सरस्वती देवी, हैवंती देवी,समुद्री देवी,रेखा देवी,रेवानी देवी,ललिता देवी,दुहानी देवी,सरस्वती देवी,पिंटू देवी,आशा देवी, जिरवा देवी,फागुनी देवी सहित काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

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