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फर्जी विकलांग शिक्षकों को डीईओ का खुला संरक्षण कलेक्टर एवं सिविल सर्जन के निर्देश के बावजूद भी डीईओ नहीं कर रहे कार्यवाही

2 वर्षों से मेडिकल बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत नहीं हो रहे हैं फर्जी विकलांग शिक्षक

फर्जी विकलांग शिक्षकों को डीईओ का खुला संरक्षण
कलेक्टर एवं सिविल सर्जन के निर्देश के बावजूद भी डीईओ नहीं कर रहे कार्यवाही
2 वर्षों से मेडिकल बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत नहीं हो रहे हैं फर्जी विकलांग शिक्षक
सीधी- प्रदेश सरकार एवं आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के निर्देशों के बावजूद भी जिला शिक्षा अधिकारी फर्जी विकलांगता से नौकरी कर रहे शिक्षकों को मेडिकल बोर्ड में परीक्षण के लिए उपस्थित नहीं करा पा रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी राजनीतिक दबाव के चलते फर्जी विकलांग शिक्षकों पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। जबकि कलेक्टर एवं सिविल सर्जन के द्वारा दो वर्षों से लगातार नोटिस देने के बाद भी मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित न होने वाले माध्यमिक शिक्षक प्राथमिक शाला खरहना श्रीमती रमा पाण्डेय, जन शिक्षक भरतपुर प्रकाश पाण्डेय पर डीईओ काफी मेहरबान हैं। जिला शिक्षा अधिकारी उक्त दोनो फर्जी विकलांग शिक्षकों को न तो मेडिकल बोर्ड के समक्ष हाजिर करवा रहे हैं और न ही सक्षम अधिकारी के आदेशों का पालन न करने पर निलंबन की कार्यवाही ही कर रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा फर्जी विकलांग शिक्षकों को खुला संरक्षण देने के चलते आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय के आदेशों का पालन नहीं हो पा रहा है। कार्यालय सिविल सर्जन एवं सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक के द्वारा पत्र क्रमांक 8267 दिनांक 7 अगस्त 2024 को जिला शिक्षा अधिकारी सीधी को पत्र लिखकर श्रीमती रमा पाण्डेय, प्रकाश पाण्डेय का मेडिकल परीक्षण कराने हेतु मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित कराने के लिए लिखा था। जिस पर जिला शिक्षा अधिकारी सीधी द्वारा पत्र क्रमांक 5283 दिनांक 14 अगस्त 2024 को पत्र लिखकर श्रीमती रमा पाण्डेय माध्यमिक शिक्षक शासकीय माध्यमिक शाला खरहना संकुल केंद्र भरतपुर एवं प्रकाश पाण्डेय उच्च शिक्षक शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय देवदहा को पत्र लिखकर 20 अगस्त 2024 दिन मंगलवार को मेडिकल परीक्षण हेतु सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक के यहां उपस्थित होने के निर्देश दिए थे। किंतु उक्त दोनो शिक्षक मेेडिकल परीक्षण हेतु 20 अगस्त को उपस्थित नहीं हुए। तब पुन: सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक ने 2 सितंबर 2024 को जिला शिक्षा अधिकारी को आवश्यक कार्यवाही हेतु पत्र लिखकर इस बात की जानकारी दी थी कि श्रीमती रमा पाण्डेय एवं प्रकाश पाण्डेय आपके निर्देश के बावजूद भी 20 अगस्त 2024 को मेडिकल परीक्षण हेतु उपस्थित नहीं हुए। सिविल सर्जन के लिखित पत्र के बाद भी जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा निर्देशों की अवहेलना करने वाले व जानबूझकर मेडिकल परीक्षण हेतु न आने वाले फर्जी विकलांग शिक्षकों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिसके कारण फर्जी विकलांग प्रमाणपत्र के माध्यम से शिक्षक बने  फर्जी विकलांग खुलेआम घूम रहे हैं।

सिविल सर्जन के नोटिस पर भी नहीं हुए हाजिर
कलेक्टर जन सुनवाई में ऋषिराज मिश्रा उपाध्यक्ष जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के द्वारा फर्जी विकलांग अंकिता पाण्डेय पिता राकेश पाण्डेय, श्रीमती रमा पाण्डेय पति राकेश पाण्डेय, प्रकाश पाण्डेय पिता स्व. गणेशमणि पाण्डेय ग्राम सगौनी पोस्ट भरतपुर तहसील रामपुर नैकिन के विकलांगता प्रमाणपत्र एवं मेडिकल परीक्षण कराकर विकलांगता की जांच करने के लिए कलेक्टर को आवेदन दिया था। जिस पर कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखकर उक्त तीनों व्यक्तियों के मेडिकल परीक्षण कराने के निर्देश दिए थे। जिस पर सिविल सर्जन एवं सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक के द्वारा पत्र क्रमांक 5220 दिनांक 26 जून 2023 को अंकिता पाण्डेय, रमा पाण्डेय व प्रकाश पाण्डेय को नोटिस जारी कर सात दिवस के अंदर मूल विकलांगता प्रमाण सहित मंगलवार को मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित होने के निर्देश दिए थे। साथ ही इस बात का भी उल्लेख किया गया था कि तीन बार नोटिस देने के बाद भी यदि इस बार मेडिकल बोर्ड में उपस्थित नहीं हुए तो विकलांगता प्रमाणपत्र यूडीआईडी कार्ड निरस्त करते हुए प्रकरण पुलिस को अग्रिम कार्यवाही के लिए भेज दिया जाएगा। सिविल सर्जन एवं सह मुख्य अधीक्षक के निरंतर तीन बार नोटिस जारी होने के बाद भी उक्त तीनों फर्जी विकलांग व्यक्तियों के द्वारा मेडिकल परीक्षण हेतु मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित नहीं हुए।

इनका कहना है
कलेक्टर द्वारा अंकिता पाण्डेय पिता राकेश पाण्डेय, श्रीमती रमा पाण्डेय पति राकेश पाण्डेय, प्रकाश पाण्डेय पिता स्व. गणेश मणि पाण्डेय के विकलांगता परीक्षण हेतु जांच करने के निर्देश दिए गए थे। जिसके तहत मेेरे द्वारा संबंधीजनों को नोटिस भेजकर मेडिकल बोर्ड में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए थे। किंतु उक्त व्यक्तियों के द्वारा निर्देशों का पालन न किए जाने एवं मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित न होने की स्थिति में मेरे द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर उक्त व्यक्तियों को मेडिकल बोर्ड में उपस्थित कराने के लिए कहा गया था। किंतु वह उपस्थित नहीं हुए। कार्यवाही करने का अधिकार जिला शिक्षा अधिकारी सीधी को है।
डॉ. दीपारानी इसरानी
सिविल सर्जन सीधी
कलेक्टर के निर्देश के बावजूद भी जिला शिक्षा अधिकारी फर्जी विकलांगों को खुला संरक्षण दे रहे हैं। सिविल सर्जन के पत्र लिखने के बाद भी जिला शिक्षा अधिकारी फर्जी विकलांगों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं।
ऋषिराज मिश्रा, उपाध्यक्ष
जनपद पंचायत रामपुर  

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