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मनवा राम नाम भज लीजे ,सत्संग से होत आनंद ,महंत ज्ञान दास

जीवन में किया सत्संग है तो उसके हर घडी आनंद ही आनंद मेहन्त ज्ञान दास

गंगरार , ” जीवन में किया सत्संग है तो उसके हर घडी आनंद ही आनंद है “उक्त भजनों की पंक्तियां उपखंड क्षेत्र के खारखन्दा स्थित गोल टेकरी के मेहन्त ज्ञान दास ने मंगलवार मकर संक्रांति पर्व की रात्रि में मेवाड़ी कवि व कथावाचक स्वर्गीय पंडित मूलचंद शर्मा पंचारिया की 50वीं पुण्यतिथि पर उनके पुत्र मधुसूदन शर्मा पंचारिया के निवास राम गली स्टेशन स्थित नचिकेता निकेतन पर परम्परागत रूप से आयोजित श्रद्धांजलि सभा, पंडित जगदीश प्रसाद शर्मा द्वारा स्वरचित श्री कृष्ण भगवान की आरती के विमोचन समारोह एवं भजन जागरण में बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर विभिन्न आध्यात्मिक भजनो को गाते हुए विचार व्यक्त कर रहे थे।।

उन्होंने अपनी ओर से श्रद्धांजलि में स्वर्गीय पंडित मूलचंद शर्मा द्वारा स्वरचित भजनो को आध्यात्मिक रचना बताते हुए कहा कि आज भी मूल भजन माला की कृतियों पर आधारित भजनों को उनके अनुयाई एवं श्रद्धालु बरबस भजनों को गा आनंद की अनुभूति करते हैं। इस अवसर पर मेहन्त ज्ञान दास ने पंडित जगदीश प्रसाद शर्मा द्वारा रचित श्रीमद् भागवत गीता ग्रंथ एवं श्रीमद् भागवत महापुराण पर आधारित श्री भगवान कृष्ण की आरती का समारोह अध्यक्ष राजस्थान राज्य कर्मचारी महा संघ के प्रदेश अध्यक्ष एवं गुर्जर गौड ब्राह्मण समाज गंगरार के अध्यक्ष अरविंद व्यास की अध्यक्षता, सरपंच प्रतिनिधि एवं दादू दयाल सेवक संघ के अध्यक्ष बालकृष्ण शर्मा, पू्र्व सीके एस बी अध्यक्ष देवी सिंह राठौड़, अरुण कुमार पांडे व नारायण लाल सुथार के विशिष्ट आतिथ्य में नवसृजित भगवान श्री कृष्ण की आरती का विमोचन कर लोकार्पण किया। मुख्य अतिथि मेहन्त ज्ञान दास ने “जीवन में किया सत्संग है, उसके हर घडी आनंद ही आनंद है” तथा “मनवा राम नाम भज लीजे” जैसे कई दादू दयाल की वाणी तथा भजनों की प्रस्तुतियां दे भक्ति का संदेश दिया। आरती के विमोचन एवं लोकार्पण के बाद व्यास पीठ से पंडित जगदीश प्रसाद शर्मा ने आरती की प्रस्तुति के साथ मीमांसा करते हुए मूल भजन माला एवं स्वरचित जगदीश भजन गंगा पर आधारित भजनों की प्रस्तुतियां दी। विमोचन समारोह एवं श्रद्धांजलि सभा में संबोधित करते हुए समारोह अध्यक्ष अरविंद व्यास ने कहा कि स्वर्गीय पंडित मूलचंद शर्मा की आध्यात्मिक रचनाओं को आज भी जनमानस में श्रद्धा के साथ भजन गाए जाते हैं । व्यास ने कहा कि पिता श्री स्वर्गीय पंडित मूलचंद शर्मा की सृजनात्मक एवं भजन गायकी के क्षेत्र में उस परंपरा को कायम रख आगे बढ़ाते हुए जो नए आयाम पंडित जगदीश प्रसाद शर्मा ने स्थापित किए, उससे हम सबको गर्व की अनुभूति हो रही है। इधर देर रात तक चले भजन जागरण में भजन गायक व भागवत कथा प्रवक्ता पंडित निर्मल मुनि ने पचासवी पुण्य तिथि पर प्रकाश डालते हुए “मूल भजन माला “के भजनों की मिमांशा कर भजनों की प्रस्तुतियां दी। भजन गायक इंद्रमल नोग्या ने “हो गुरु जी मैं तो, मोती अमोलक पायो'” भजन गायक प्रहलाद राय बरिया ने “मधुर मधुर तोरी बाजे मुरलिया” रतनलाल टेलर ने “तेरी कंचन जैसी काया, मन क्यों माया में भरमाया”, भजन गायक रामलाल एवं हरिश्चंद्र ने “अवसर आया तेरा नर, पीले पियाला हरि रस भर” साथ ही मदनलाल टेलर, मनोज शर्मा व पृथ्वीराज गंधर्व ने भी आध्यात्मिक भजनों की प्रस्तुतियां दी। इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि महंत ज्ञानदास , समारोह अध्यक्ष अरविंद व्यास , सरपंच प्रतिनिधि बालकृष्ण शर्मा व अरुण कुमार पांडेय विशिष्ट अतिथि ने अखिल भारतीय श्री गुर्जर गॉड ब्राह्मण महासभा में श्री मधुसूदन शर्मा पंचारिया को प्रधानमंत्री पद का दायित्व दिए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उनको साल ओढ़ा, ऊपरना पहना, कलम डायरी तथा प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। समारोह का संचालन अखिल भारतवर्षीय गुर्जर रोड ब्राह्मण महासभा के नव मनोनीत उप प्रधानमंत्री मधुसूदन शर्मा पंचारिया ने किया। जबकि अतिथियों व श्रद्धालुओं का स्वागत चंद्रशेखर शर्मा, एडवोकेट कमलेश कुमार शर्मा, अखिलेश कुमार शर्मा, अमृत शर्मा व अंशुल शर्मा पंचारिया ने ऊपरना पहना स्वागत अभिनंदन किया। इस कार्यक्रम में जीतमल सरेकू, हस्तीमल सुराणा, महावीर जैन, रामलाल नोग्या, गुर्जर गौड ब्राह्मण समाज के मंत्री सतीश चन्द्र पंचारिया, कोषाध्यक्ष मोनीष शर्मा,नवयुवक संघ अध्यक्ष अंकित जोशी, डॉ विष्णु व्यास, मधुकर आचार्य, महावीर इंटरनेशनल के कोषाध्यक्ष सागरमल सुराणा,अक्षय सनाढ्य , जिला अंबेडकर संस्थान के अध्यक्ष , मांगीलाल रेगर, नाना लाल रेगर, कृष्ण चंद्र जागेटिया, सुनील टेलर सहित कई श्रद्धालु उपस्थित थे। समारोह का शुभारंभ शुभारंभ सरपंच प्रतिनिधि बालकृष्ण शर्मा एवं अरविंद व्यास द्वारा स्वर्गीय पंडित मूलचंद शर्मा पंचारिया के चित्र पर माल्यार्पण व पूजा अर्चना कर दीप प्रज्ज्वलित के साथ हुआ । मुख्य अतिथि महंत ज्ञान दास का आयोजन स्थल पहुंचने पर श्रद्धालुओं व परिवार जनों द्वारा माल्यार्पण कर ऊपरना पहना एवं शाल ओढा स्वागत अभिनंदन किया। ढोलक पर संगत बालू राम गंधर्व ने की। जबकि ताल पर संगत हरिश्चंद्र जाट, रामेश्वर व्यास एवं मदनलाल टेलर ने की।

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