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आखिर कौन होगा जिला पंचायत का तारणहार ?

सारंगढ़(पेंड्रावन)संवाददाता-चित्रसेन घृतलहरे,9 मार्च 2025//जिस प्रकार से जनपद पंचायत के चुनाव में बहुमत होने के बाद भी कांग्रेस ने बडा खेला कर दिया उसको देखते हुए आगामी 11 तारिख को होने वाले जिला पंचायत चुनाव में भी बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है। बहुत ही नाटकीय ढंग से आज भाजपा के ममता राजीव सिंह अचानक अपने बीडीसी दल से अलग हो गए और फिर नामांकन दाखिल कर दिया। उनके नामांकन दाखिले के बाद कांग्रेस से जनपद अध्यक्ष पद के लिए अधिकृत प्रत्याशी चंद्रकुमार नेताम ने अपना नाम वापस भी ले लिया। ममता राजीव सिंह ठाकुर के जनपद सदस्य बनने के बाद से लगातार उनके सहयोगियों के द्वारा येन तेन प्रयास किया जा रहा था कि किसी भी तरह से उनको अध्यक्ष के पद तक पहुंचाया जाए लेकिन जनपद सदस्य के रूप में पटेल अघरिया समाज से पांच चेहरे होने के कारण और सामाजिक समीकरण को देखते हुए अघरिया पटेल समाज के चेहरे रजनी चोखलाल पटेल पर पार्टी ने दांव लगाया। पार्टी के इस दांव को देखते हुए आखरी में श्रीमती ममता राजीव सिंह के सहयोगियों ने अपने स्तर पर कांग्रेस नेताओं के साथ सम्पर्क किया जिसे कांग्रेस ने सहर्ष स्वीकारते हुए उनको अध्यक्ष पद पर आसीन कर दिया। इस नाटकीय घटनाक्रम के बाद पुरे जनपद क्षेत्र के सभी जमीनी कार्यकर्ता अपने आप को ठगा सा पा रहे हैं तो वहीं श्रीमती ममता राजीव ठाकुर को अध्यक्ष बनाने वाले उनके मित्र अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। भाजपा जिला अध्यक्ष ज्योति पटेल के अगुवाई में भाजपा को जिस प्रकार से जनपद चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है, उसके बाद प्रदेश स्तर पर उनको जवाब भी देना पड़ सकता है कि आखिर पुरे दस-बारह दिनों तक साथ रहने के बाद श्रीमती ममता राजीव सिंह को क्यों पार्टी गाईनलाईन से बाहर जाना पड़ा।

बिना भीतरी समर्थन के पार्टी से बगावत असंभव

जिस प्रकार से से पार्टी एक एक बीडीसी का ध्यान रखी हुई थी रखी हुई थी और उनके एक एक गतिविधियों को ट्रैक कर 5 कर रही थी यहां तक की सभी के मोबाईल भी बंद कर के रखी हुई थी ऐसे में जब तक ममता राजीव सिंह को किन्ही मजबुत चेहरों का सहयोग नहीं मिलेगा तब तक पार्टी से बगावत करना संभव नही था। इस बात को लेकर पार्टी में कार्यकर्ताओं का गुस्सा जमकर फुट रहा है। पहले भी मामा भांचा वाली बदनामी, पार्टी के दामन पर लगा हुआ है लेकिन प्रदेश नेतृत्व के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं हुई ऐसे में वित्त मंत्री ओपी चौधरी के मेहनत पर पानी फेरते हुए अब भाजपा जनपद सदस्य का इस तरह से कांग्रेस के साथ सांठगांठ की राजनिती कर पुरी पार्टी का लुटिया डुबो देने वाले चेहरों को बेनकाब करना अब जरूरी हो चला है।

जिला पंचायत में अध्यक्ष बनने का फार्मुला तय

जिस प्रकार से खुले आम पार्टी से भीतरघात करने वालों पर पार्टी हमेशा मेहरबान रही है ऐसे में आने वाले 11 तारिख को जिला पंचायत चुनाव में जिला पंचायत बनने का फार्मुला भी तय हो चुका है। कांग्रेस के पास भले ही बहुमत नही हो लेकिन वह अब भाजपा के अध्यक्ष पद के दावेदारों पर नजर बनाए हुए है। वर्तमान समय को देखें तो डॉ. दिनेश लाल जांगडे इन दिनों भाजपा प्रदेश कार्यालय जाकर अध्यक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी कर रहे हैं तो वहीं सारंगढ़ में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अरूण मालाकार को लगभग 11000 वोटों के विशाल अंतर से हराने वाले भाजपा के लोकप्रिय नेता संजय भूषण पाण्डेय भी प्रदेश कार्यालय में लगातार सक्रिय हैं और अध्यक्ष पद को लेकर अपनी दावेदारी कर रहे हैं। इनके अलावा जिला पंचायत सदस्य के रूप में चार सदस्य पटेल अघरिया समाज से होने के कारण उक्त समाज से कई चेहरों की स्वतः दावेदारी बन रही है। वहीं जिले में सबसे बड़े समाज साह समाज को भी मौका मिलने की संभावना है ऐसे में पार्टी जिस भी चेहरे पर दांव लगाती है तो उसके बाद पार्टी का अगला कार्य अन्य चेहरों पर नजर रखने का और उनको मान मनौव्वल करने का भी हो चला है। जिस प्रकार से जनपद अध्यक्ष के चुनाव में अपने खास सिपहसलारों के दम पर ममता राजीव सिंह अध्यक्ष पद पर आसीन होने में कामयाब हुई और जिलाध्यक्ष ज्योति पटेल हांथ पर हांथ धरे बैठे रहे ऐसे में 11 तारिख का जिला पंचायत चुनाव अब रोचक हो चला है।

सोशल मिडिया में भाजपा कार्यकर्ता निकाल रहे भड़ास

जिस प्रकार से बहुमत होने के बाद भी जनपद पंचायत में भाजपा का अध्यक्ष नही बना उसके बाद से भाजपा कार्यकर्ताओं में खासा रोष देखने को मिल रहा है। चाटुकारिता की राजनिति करने वालों को भी सोशल मिडिया में जमकर लताड़ लगाई जा रही है। मामा भांचा की राजनिती के कारण सारंगढ़ विधानसभा में हुई हार के बाद अब जनपद में भाजपा के जमीनी कार्यकर्ता अपने आपको ठगा सा महसुस कर रहे हैं। सारंगढ़ में जनता के मन में भी सारंगढ़ भाजपा के प्रति लगातार विश्वास कम होता जा रहा है। लगभग 15 साल पहले भी इसी तरह की स्थिति निर्मित हुई थी। उस समय भी भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी को इसी तरह से भाजपा के ही नेताओं ने आपसी सांठगांठ कर अध्यक्ष सीट गंवा दिया था।

जिलाध्यक्ष ज्योति पटेल की प्रेस विज्ञप्ति बन रहा मजाक का विषय

जनपद चुनाव के पहले वर्तमान स्थिति परिस्थिति को लेकर लगातार कवरेज का दौर चल रहा था और सबके दावों पर बात हो रही थी ऐसे समय में भाजपा के जिलाध्यक्ष ज्योतिलाल पटेल ने सामुहिक फोटो जारी कर बड़ी बड़ी बातों का पहाड़ खडा किया था। अब चुनाव परिणाम के बाद जनता जर्नादन में उक्त प्रेस विज्ञप्ति का मजाक बन रहा है। जिस प्रकार से जिलाध्यक्ष ज्योति लाल पटेल के नेतृत्व में पार्टी का बेड़ागर्क हो रहा है उसके बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में भी बहुत ज्यादा निराशा छाई हुई है और सभी कार्यकर्ताओं में आक्रोश देखने को भी मिल रहा है।

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