
जिला पदाधिकारी पूर्णिया को अध्यक्षता में लू एवं अग्निकांड से बचाव के लिए पूर्व तैयारी एवं की जाने वाली कार्रवाई के संबंध में समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया।
सर्व प्रथम जिला पदाधिकारी द्वारा लू से बचाव हेतु किए जा रहे तैयारियों की समीक्षा की गई।
समीक्षा के क्रम में जिला पदाधिकारी द्वारा कार्यपालक अभियंता पीएचइडी पूर्णिया को निदेश दिया गया कि जिले में सभी खराब चापकलों की युद्ध स्तर पर मरम्मती टीम बना कर करना सुनिश्चित करेंगे।
जिला पदाधिकारी द्वारा नगर आयुक्त, नगर निगम पूर्णिया तथा सभी नगर इकाई के कार्यपालक अधिकारियों को निदेश दिया गया कि शहरी क्षेत्र में सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ की व्यवस्था कराना सुनिश्चित करेंगे तथा लू से बचाव हेतु सूचनाओं का प्रदर्शन आम लोगों के लिए कराना सुनिश्चित करेंगे।
जिला पदाधिकारी द्वारा सिविल सर्जन पूर्णिया तथा अधीक्षक जीएमसीएच पूर्णिया को निदेश दिया गया कि सभी सरकारी अस्पतालों में लू से प्रभावित व्यक्तियों के इलाज हेतु विशेष प्रबंध तथा कम से कम दो बेड सुरक्षित करना सुनिश्चित करेंगे।
सभी चिकित्सा केंद्रों पर प्रयाप्त मात्र में ors पैकेट, आई वी फ्लूड एवं जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे।
जिला पदाधिकारी द्वारा सिविल सर्जन पूर्णिया को बच्चों, वृद्ध तथा गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखने तह चलन चिकित्सा दल एवं वाहन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
जिला पदाधिकारी द्वारा जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस पूर्णिया को निदेश दिया गया कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर पेयजल की समुचित व्यवस्था कराना सुनिश्चित करेंगी तथा स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से आंगनबाड़ी केंद्रों पर जीवन रक्षक घोल(ORS) व्यवस्था कराना सुनिश्चित करेगी।
जिला पदाधिकारी द्वारा लू से बचाव हेतु जिला आपदा प्रबंधन, पूर्णिया द्वारा बताए गए सुझावों पर अमल करने हेतु आम लोगों को कहा गया ।
गर्म हवाओं तथा लू से बचाव हेतु
*गर्भवती व धात्री महिलाएं दोपहर में बाहर जाने से बचें।*
*घर मे प्रत्यक्ष रूप से आने वाले सूर्य के प्रकाश को अवरूद्ध करें।*
*जितनी बार हो सके पानी पीएं, प्यास ना भी लगे तो भी पानी पीएं।*
*अधिक तापमान में कठिन काम न करें।*
खान पान में सावधानी
*तरल पदार्थ जैसे, सत्तू का घोल, नींबू पानी, आम का सरबत, छांछ एवं लस्सी आदि का सेवन करें।*
*नवजात से छः माह तक के बच्चे को केवल माँ का दूध पिलाए और कुछ न दें।*
*चाय, कॉफी तथा अन्य गरम पदार्थो का सेवन ना करें।*
यदि आवश्यकता पर धूप में निकला पड़े तब
*धूप मे निकलने से पहले शरीर को पूरी तरह से सूती कपड़े से ढ़क लें।*
*धूप का चश्मा इस्तेमाल करें। संभव हो तो तौलिया / गमछा रखे।*
*जूता या चप्पल पहन कर ही बाहर निकले।*
जिला पदाधिकारी द्वारा जिला पशुपालन पदाधिकारी पूर्णिया को पशु पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था हेतु सरकारी ट्यूबवेल के समीप / अन्य सुविधाजनक स्थानों पर गढ्डा कर पानी इक्कठा कराने तथा बीमार पशुओं हेतु अविलंब चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।
जिला पदाधिकारी द्वारा सभी संबंधित पदाधिकारियों को लू तथा अग्निकांड से बचाव हेतु व्यापक रूप से प्रचार प्रसार करने का निर्देश दिया गया।
गर्मी अधिक होने पर मनरेगा तथा अन्य कार्यों में लगे मजदूरों की सुबह तथा अपराह्न 3 बजे कार्य कराने का निर्देश जिला पदाधिकारी द्वारा सभी कार्य विभागों तथा श्रम अधीक्षक, पूर्णिया को दिया गया।
जिला पदाधिकारी द्वारा श्रम अधीक्षक, पूर्णिया को मजदूरों हेतु लू से बचाव के लिए जागरूकता कैंप का आयोजन कराने का निर्देश दिया गया।
जिला पदाधिकारी द्वारा कार्यपालक अभियंता विद्युत आपूर्ति प्रमंडल पूर्णिया को जीर्ण शरण तथा ढीले तारों की मरम्मती कराने का निर्देश दिया गया जिससे आग लगने की संभावन नहीं रहे तथा गर्मी की मौसम में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित किया जा सके ।
जिला पदाधिकारी द्वारा जिला परिवहन पदाधिकारी पूर्णिया को सभी वाहन मालिकों से समन्वय स्थापित कर सभी वाहनों में पेयजल तथा ओआरएस की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया तथा सभी वाहनों में लू से बचाव हेतु क्या करे , क्या न करे प्रदर्शित करने का निर्देश दिया गया।
*लू लगने पर क्या करे…?*
✓ लू लगे व्यक्ति को छाँव में लिटा दें अगर उनके शरीर पर तंग कपड़े हो तो उन्हें ढीला कर दें अथवा हटा दें।
✓लू लगे व्यक्ति का शरीर ठंडे गीले कपड़े से शरीर पोछे या ठंडे पानी से नहलायें।
✓ उसके शरीर के तापमान को कम करने के लिए कूलर, पंखे आदि का प्रयोग करें।
✓ उसके गर्दन, पेट एवं सिर पर बार-बार गीला तथा ठंडा कपड़ा रखें।
✓ उस व्यक्ति को ओ०आर०एस० / नींबू-पानी, नमक-चीनी का घोल, छाछ या शर्बत पीने को दें, जो शरीर में जल की मात्रा को बढ़ा सके।
✓ लू लगे व्यक्ति की हालत में एक घंटे तक सुधार न हो तो उसे तुरंत नजदीकी
*लू लगने पर क्या न करें..*
* जहाँ तक संभव हो कड़ी धूप में बाहर न निकलें।
* अधिक तापमान में बहुत अधिक शारीरिक श्रम न करें।
* चाय, काफी जैसे- गर्म पेय तथा जर्दा तंबाकू आदि का सेवन कम करें अथवा न करें।
* ज्यादा प्रोटीन वाले भोजन जैसे मांस, अंडा व सूखे मेवे जो शारीरिक ताप को बढ़ाते हैं, का सेवन कम करें अथवा न करें।
* यदि व्यक्ति गर्मी या लू के कारण पानी की उल्टियां करें या बेहोश हो तो उसे कुछ भी खाने-पीने को न दें।
* बच्चों को बंद वाहनों में अकेला न छोड़े ।
इसके पश्चात जिला पदाधिकारी द्वारा अग्निकांड से बचाव की तैयारियों की समीक्षा की गई।
जिला पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि आपस में बचाव ही सबसे बड़ी तथा बड़ी सहायता है। यदि हम सचेत रहेंगे तो आपदा से बचाव होती तथा हमें किसी अन्य सहायता की जरूरत नहीं होगी।
जिला पदाधिकारी द्वारा सभी संबंधित पदाधिकारियों को अपने क्षेत्र के अग्निशमन वाहनों तथा यंत्रों की क्रियाशीलता जांच करने का निर्देश दिया गया। सभी अग्निशमन वाहनों कार्यशील रखना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया
जिला पदाधिकारी द्वारा सभी उपस्थित पदाधिकारियों को अपने क्षेत्रों में अग्निशमन वाहनों हेतु पानी का स्रोत चिन्हित कर रखने का निर्देश दिया गया जिससे आपदा के स्थिति में पानी भरा जा सके।
जिला पदाधिकारी द्वारा अग्निकांड से बचाव हेतु व्यापक रूप से प्रचार प्रसार करने का निर्देश दिया गया।
*अग्निकांड से बचाव हेतु*
✓हवा के झंकों के तेज होने के पहले ही खाना पकाकर चूल्हे की आग को पानी से पूरी तरह बुझा दें।
✓चूल्हे की आग की चिंगारी पूरी तरह बुझी हो, इसे सुनिश्चित कर लिया जाए।
✓घर से बाहर जाते समय बिजली का स्विच ऑफ हो, इसे सुनिश्चित कर लिया जाए।
✓खाना वैसी जगह पकाया जाय, जहाँ हवा का झोंका न लगे ।
✓बीड़ी-सिगरेट पीकर इधर-उधर या खलिहान की तरफ न फेंके।
✓गाँव/मोहल्लों में जल एवं बालू संग्रहण की व्यवस्था रखी जाय ताकि आग पर शीघ्र काबू पाया जा सके ।
✓यथासंभव सूती वस्त्र पहनकर ही खाना बनावें ।
✓गेहू ओसनी का काम हमेशा रात में तथा गाँव के बाहर खलिहान में जा कर करें।
✓तैलीय पदार्थ से लगी आग पर पानी न डालें नमक डाले या उसे ढक दें।
✓गैस चूल्हे का इस्तेमाल करने के तुरंत बाद सिलिंडर कां नॉब तुरंत बंद कर दें।
✓बच्चों को माचिस या आग फैलाने वाले सामानों के पास न जाने दे।
✓चूल्हा, ढिबरी, मोमबती, कपूर इत्यादि जला कर न छोड़े ।
✓अनाज के ढेर, फूस या खपड़ैल की झोपड़ी के निकट अलाव न जलायें ।
✓गैस की दुर्गध आने पर बिजली की स्वीच को न छुएँ।
✓खाना पकाते समय रसोईघर में बच्चों को अकेला न छोड़ें।
जिला पदाधिकारी द्वारा अग्निकांड से बचाव हेतु खाना बनाने वक्त हमेशा सूती का वस्त्र उपयोग करने का सुझाव दिया गया। गेहूं ओसनी का कार्य हमेशा रात में तथा गांव से बाहर करने का सुझाव दिया गया।
जिला पदाधिकारी द्वारा आम लोगों को बिजली की तारों का नियमित जांच करने का निर्देश दिया गया जिससे शॉर्ट सर्किट की समस्या न हो।
जिला पदाधिकारी द्वारा बच्चों को माचिस या आग फैलाने वाले अन्य समानों से दूर रखने का सुझाव दिया गया ।
बीड़ी , सिगरेट आदि को पीकर जहां तहां नहीं फेकने का सुझाव दिया गया।
जिला पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि राज्य में गर्मी के मौसम की शुरूआत हो चुकि है। पछुआ हवा भी चल रही है। ऐसे में गर्मी के मौसम में ज्यादातर गांवों में अगलगी की घटनाओं की संभावना बढ़ गयी है। आग से हमारे घर, खेत, खलिहान एवं जान-माल की भारी क्षति पहुँचती है तथा सब कुछ पूरी तरह से बर्बाद हो जाता है। हम सब इसे रोक सकते हैं अगर हम थोड़ी सी सावधानी बरतें।
जिला पदाधिकारी द्वारा आग लगने पर तुरंत अग्निशमन कार्यालय तथा संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी/अंचल अधिकारी से संपर्क करने का निर्देश दिया गया।
अग्निकांड की स्थिति में जिला प्रशासन पूर्णिया द्वारा निम्न नंबरों को उपलब्ध कराया गया है..
.सदर अनुमंडल 7485805858, 7585805859
.धमदाहा अनुमंडल 7485805860,7485805861
.बायसी अनुमंडल 7485805862,7485805863
बनमनखी अनुमंडल 7485805864
जिला आपदा नियंत्रण कक्ष : 06454 242319, 9473310439
जिला नियंत्रण कक्ष: 06454 243000
अनुमंडल अग्निशमन पदाधिकारी सदर:9534749663
अनुमंडल अग्निशमन पदाधिकारी बायसी: 9939216161
अनुमंडल अग्निशमन पदाधिकारी धमदाहा: 7563838319
अनुमंडल अग्निशमन पदाधिकारी बनमनखी: 7061230274
अग्निकांड की घटना पर ऊपर दिए गए नंबरों पर संपर्क कर सूचना दें जिससे सहायता तुरंत उपलब्ध कराया जा सके।
जिला पदाधिकारी द्वारा सभी उपस्थित पदाधिकारियों को निदेश दिया गया कि आपदा में आपदा के बाद की सहायता से जरूरी आपदा से बचाव की तैयारी होती है। हमारा बचाव तंत्र इतना मजबूत होना चाहिए कि आपदा का सामना ही नहीं करना पड़े ।
जिला पदाधिकारी द्वारा सभी संबंधित पदाधिकारियों को लू तथा अग्निकांड के निपटने हेतु सभी आवश्यक तैयारियों को अचूक रूप से पूर्ण करने का निर्देश दिया गया।
बैठक में सभी अपर समाहर्ता पूर्णिया,अपर समाहर्ता विधि व्यवस्था पूर्णिया, सभी अनुमंडल पदाधिकारी पूर्णिया, प्रभारी पदाधिकारी जिला आपदा प्रबंधन शाखा पूर्णिया, वरीय उप समाहर्ता सह जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस पूर्णिया,सभी कार्यपालक अभियंता पीएचइडी तथा विद्युत आपूर्ति प्रमंडल पूर्णिया सभी अंचल अधिकारी पूर्णिया तथा अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे