
सावधान! भोपाल राष्ट्रीय राजमार्ग और काटोल बाईपास बना मौत का कुआँ, सावनेर के पास सीमेंट रोड में जानलेवा दरारें!
नागपुर ग्रामीण, सावनेर प्रतिनिधी: सूर्यकांत तळखंडे
नागपुर: भोपाल से गुजरने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग और शहर का लाइफलाइन काटोल बाईपास अब हादसों का अड्डा बनता जा रहा है! हमारी पड़ताल में सामने आया है कि सावनेर के पास इन दोनों ही महत्वपूर्ण सड़कों पर सीमेंट की सतह बुरी तरह से फट चुकी है, जिससे राहगीरों और वाहन चालकों की जान खतरे में पड़ गई है।
मौत को दावत देती दरारें: राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ-साथ काटोल बाईपास पर सावनेर के नजदीक बनी सीमेंट की सड़क में जगह-जगह गहरी और चौड़ी दरारें मौत को खुली चुनौती दे रही हैं। इन खतरनाक दरारों के कारण वाहन चलाना तो दूर, पैदल चलना भी दूभर हो गया है। खासकर रात के अंधेरे और बारिश के मौसम में यह सड़कें किसी जानलेवा जाल से कम नहीं हैं।
बाईपास भी बदहाल: शहर के ट्रैफिक को स्मूथ करने के लिए बनाया गया काटोल बाईपास भी अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। मुख्य राजमार्ग की तरह ही बाईपास पर भी सावनेर के आसपास खतरनाक दरारें देखी जा सकती हैं, जिससे वाहन चालकों में दहशत का माहौल है।
स्थानीय लोगों का फूटा गुस्सा: सड़कों की इस खस्ता हालत को लेकर स्थानीय लोगों और रोजाना इन मार्गों का इस्तेमाल करने वालों का गुस्सा फूट पड़ा है। उनका कहना है कि पिछले कुछ समय से सड़कों पर दरारें दिख रही थीं, लेकिन अब इनकी संख्या और गहराई इतनी बढ़ गई है कि हर पल दुर्घटना का डर बना रहता है। सावनेर के निवासियों ने इस समस्या पर तत्काल ध्यान देने की मांग की है।
बाल-बाल बचे वाहन चालक: एक नियमित यात्री, रमेश कुमार ने बताया, “यह सड़क और बाईपास पहले शानदार थे, लेकिन अब सावनेर के पास का हिस्सा इतना खतरनाक हो गया है कि हर पल जान हथेली पर रखकर चलना पड़ता है। दोपहिया वाले तो हर पल मौत के मुंह में जा रहे हैं। सरकार कब जागेगी?” कई वाहन चालक इन जानलेवा दरारों के कारण संतुलन खोते-खोते बचे हैं।
अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई की मांग: सावनेर और आसपास के चिंतित नागरिकों ने संबंधित अधिकारियों से हाथ जोड़कर प्रार्थना की है कि इस गंभीर समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जाए, ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके। उनका कहना है कि अगर अब भी ध्यान नहीं दिया गया तो यह सड़कें पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगी और यहां दुर्घटनाएं आम बात हो जाएंगी।
अब देखना यह है कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और जिम्मेदार विभाग कब तक गहरी नींद से जागते हैं और इन सड़कों की मरम्मत के लिए ठोस कदम उठाते हैं। हमारी मांग है कि नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए तुरंत कार्रवाई की जाए, वरना किसी भी अप्रिय घटना की जिम्मेदारी किसकी होगी?