A2Z सभी खबर सभी जिले कीअन्य खबरेउत्तर प्रदेशताज़ा खबरदेश

सहारनपुर विशेष रिपोर्ट #अवैध_कॉलोनियों_का_जाल – जनप्रतिनिधियों की खामोशी और अफसरों की मिलीभगत से शहर की नियोजित विकास व्यवस्था पर कुठाराघात

कॉलोनियों का जाल – भूतेश्वर मंदिर से लेकर देहात सीमा तक फैली अराजकता

🏗️ सहारनपुर विशेष रिपोर्ट

#अवैध_कॉलोनियों_का_जाल – जनप्रतिनिधियों की खामोशी और अफसरों की मिलीभगत से शहर की नियोजित विकास व्यवस्था पर कुठाराघात

✍️ रिपोर्टर: एलिक सिंह, संपादक – वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
उत्तर प्रदेश महामंत्री – भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
📞 संपर्क: 8217554083


सहारनपुर।
एक ओर सरकारें “स्मार्ट सिटी”, “विकसित भारत” जैसे सपनों की बात करती हैं, वहीं दूसरी ओर सहारनपुर शहर की हकीकत इन दावों की पोल खोलती है। शहर के चारों ओर बेतरतीब और अवैध तरीके से उग आईं सैकड़ों अवैध कॉलोनियां, न केवल प्रशासनिक तंत्र की नाकामी का प्रतीक हैं, बल्कि विकास के नाम पर राजनीतिक और नौकरशाही गठजोड़ के शर्मनाक उदाहरण भी हैं।


🏘️ कॉलोनियों का जाल – भूतेश्वर मंदिर से लेकर देहात सीमा तक फैली अराजकता

  • भूतेश्वर मंदिर, नागल रोड, देवबंद बाइपास और हरिद्वार रोड जैसे क्षेत्रों में अवैध प्लॉटिंग खुलेआम जारी है।

  • शिकायतों के बावजूद नगर निगम, विकास प्राधिकरण और राजस्व विभाग आंख मूंदे बैठे हैं।

  • मंडलायुक्त के स्पष्ट आदेश तक फाइलों में दफन होकर रह जाते हैं


🧾 राजनीति और अफसरशाही का गठजोड़ – जमीन पर ‘सिस्टम’ की खुली बिक्री

  • विकास प्राधिकरण के अधिकारी, बिल्डरों से साठगांठ कर नियमों की अनदेखी कर रहे हैं।

  • जनप्रतिनिधियों – सांसदों और विधायकों – की चुप्पी, इन अवैध कॉलोनियों में वोट बैंक की राजनीति का प्रमाण है।

  • सड़क, बिजली, पानी जैसी सुविधाएं गैरकानूनी ढंग से मोहैया कराई जा रही हैं, ताकि जनता को सरकारी भ्रम में रखा जा सके।


📉 नक्शा पासिंग और भवन नियंत्रण – सिर्फ कागजों की खानापूरी

  • कॉलोनी में जैसे ही 50% मकान बन जाते हैं, अधिकारी उसे नियमित मान लेते हैं।

  • भवन निर्माण बिना नक्शा पास कराए धड़ल्ले से हो रहा है।

  • न कोई निरीक्षण, न कोई रोक – प्रशासन की लाचारी या मिलीभगत?


🧑‍💼 मुख्यमंत्री के आदेश भी बेमानी – स्थानीय तंत्र बना ढाल

  • मुख्यमंत्री द्वारा मंडलायुक्त को जांच के आदेश देने के बावजूद नतीजा सिफर।

  • स्थानीय नागरिकों, बिल्डरों और अफसरों की साँठगांठ ने हर जांच को बना दिया खानापूरी।

  • कई शिकायतकर्ता भी व्यक्तिगत स्वार्थ या लेन-देन के फेर में रहते हैं।


⚖️ समाधान क्या है?

  1. विकास प्राधिकरण में बैठे सभी दोषी अधिकारियों पर FIR दर्ज हो।

  2. नक्शा पास किए बिना बने मकानों पर सीधी कार्यवाही की जाए।

  3. भूमि मालिकों और कॉलोनी काटने वालों से वसूली की जाए।

  4. प्राधिकरण की कार्यप्रणाली को डिजिटल व पारदर्शी बनाया जाए।

  5. मुख्यमंत्री को स्वयं इसकी निगरानी करनी चाहिए।


📢 नतीजा:

अगर सरकार और प्रशासन ने जल्द ही कठोर कदम नहीं उठाए, तो आने वाले वर्षों में सहारनपुर अनियोजित बस्ती, जलभराव, गंदगी, ट्रैफिक और नागरिक संकटों का ज्वालामुखी बन जाएगा। फिर यह सवाल उठेगा – जिम्मेदार कौन?


🛑 विकास का ढोल तब तक खोखला है, जब तक नियम-कानून सिर्फ किताबों तक सीमित रहेंगे।

🎙️ सच के साथ आपकी आवाज – वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़

Back to top button
error: Content is protected !!