
गाजीपुर। पूर्वांचल को रेल नेटवर्क के ज़रिए तेज़ी से विकास की पटरी पर लाने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। भारतीय रेलवे बोर्ड ने वाराणसी से गाजीपुर के औड़िहार जंक्शन तक तीसरी रेल लाइन के निर्माण को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इस 35 किलोमीटर लंबी प्रस्तावित रेल लाइन के सर्वेक्षण के लिए 70 लाख रुपये का बजट भी जारी कर दिया गया है।
इस रेलखंड पर वर्तमान में प्रतिदिन 43 यात्री ट्रेनें और दर्जनों मालगाड़ियाँ संचालित होती हैं। हर 27 से 30 मिनट में एक ट्रेन इस रूट से गुजरती है, जिससे परिचालन पर दबाव बना रहता है। ट्रेनों की गति बनाए रखने और समयबद्ध संचालन सुनिश्चित करने के लिए यह तीसरी रेल लाइन बेहद आवश्यक मानी जा रही थी। यह प्रस्ताव लंबे समय से विचाराधीन था, जो अब मूर्त रूप लेने की दिशा में अग्रसर है।
🚆 औद्योगिक विकास को नई रफ्तार मिलेगी
तीसरी रेल लाइन बनने से इस रूट पर ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी। साथ ही, उद्योगों को कच्चा माल लाने और तैयार माल को देशभर में भेजने में सुगमता होगी। पूर्वांचल के औद्योगिक विकास को इससे सीधा लाभ मिलेगा।
📍 औड़िहार जंक्शन का बढ़ेगा महत्व
औड़िहार जंक्शन एक छोटा कस्बा होने के बावजूद रेल नेटवर्क में एक महत्त्वपूर्ण कड़ी है। यहां से वाराणसी सिटी, गाजीपुर-छपरा, मऊ-भटनी-गोरखपुर और जौनपुर जैसे महत्वपूर्ण रूट जुड़ते हैं। तीसरी रेल लाइन के निर्माण से यहां का रेल यातायात और माल ढुलाई क्षमता और अधिक सशक्त होगी।
🌾 1800 बीघा भूमि का अधिग्रहण प्रस्तावित
गाजीपुर में कृषि और हस्तशिल्प जैसे परंपरागत उद्योगों के साथ-साथ अब औद्योगिक गलियारा भी विकसित हो रहा है, जो पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के किनारे बन रहा है। इस गलियारे के लिए मुहम्मदाबाद तहसील के 13 गांवों की लगभग 1800 बीघा जमीन का अधिग्रहण प्रस्तावित है। तीसरी रेल लाइन इस क्षेत्र में उद्योगों को नई ऊर्जा प्रदान करेगी और स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे।
🔚 निष्कर्ष
रेलवे की यह बड़ी पहल सिर्फ यातायात सुविधा नहीं बल्कि पूर्वांचल के आर्थिक और औद्योगिक विकास की नई आधारशिला बन सकती है। अब देखना होगा कि सर्वे के बाद निर्माण कार्य कितनी शीघ्रता से शुरू होता है।