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बिहार में बने जूते यूक्रेन में मचा रहे हैं कोहराम, रूसी सैनिक पहन कर दे रहे हैं ऑपरेशन को अंजाम, जाने क्या है खूबियां पढ़े रिपोर्ट में

पटना: Made in Bihar boots : पिछले करीब ढाई साल से रूसी सेना यूक्रेन में अपना सैन्य अभियान जारी रखे हुए है। इस बीच, यह बात जानकार आपको हैरानी होगी कि रूसी सैनिक बिहार में बने जूते पहनकर दुश्मन देश में कोहराम मचाते हुए अपने मंसूबों के अंजाम दे रहे हैं। ये जूते बिहार की राजधानी पटना से सटे हाजीपुर में बने हैं। हाजीपुर शहर, जो केले की खेती और अन्य कृषि उपज के लिए जाना जाता था, अब रूसी सेना के लिए सुरक्षा जूते बनाकर विकास की नई कहानी लिख रहा है। इस जूते की अंतरराष्ट्रीय बाजार में अच्छी मांग है।

हाजीपुर स्थित कॉम्पिटेंस एक्सपोर्ट्स, एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है, जो रूस स्थित कंपनियों के लिए सुरक्षा जूते और यूरोपीय बाजारों के लिए डिजाइनर जूते बनाती है। कंपनी के महाप्रबंधक शिब कुमार रॉय ने ANI को बताया, “हमने 2018 में हाजीपुर में काम शुरू किया था। शुरुआती फोकस स्थानीय स्तर पर रोजगार पैदा करना था। हम सुरक्षा जूते बनाते हैं जो रूस निर्यात किया जाता है। फिलहाल ज्यादातर निर्यात रूस के लिए केंद्रित है लेकिन अब हम धीरे-धीरे यूरोप पर भी काम कर रहे हैं और जल्द ही घरेलू बाजार में भी अपने प्रोडक्ट लॉन्च करने जा रहे हैं।”

रॉय ने बताया कि उनकी कंपनी रूसी सेना की जरूरतों के हिसाब से ऐसे सुरक्षा जूते बनाती हैं जो हल्के और फिसलन-रोधी होते हैं। उन्होंने कहा कि इनके सोल (तलवे) खास किस्म से डिजायन किए गए हैं, जो माइनस 40 डिग्री सेल्सियस जैसी चरम मौसम स्थितियों का सामना कर सकें। उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी रूस के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है। उम्मीद है कि संख्या दिन-ब-दिन बढ़ेगी।

राज्य में रोजगार उपलब्ध कराने के मुद्दे पर रॉय ने कहा, “कंपनी के एमडी दानेश प्रसाद की महत्वाकांक्षा बिहार में एक विश्व स्तरीय कारखाना बनाना और राज्य के रोजगार में योगदान देना है। हम कर्मचारियों को अधिकतम रोजगार देने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। फिलहाल 300 कर्मचारी काम कर रहे हैं। इनमें से 70 प्रतिशत महिलाएं हैं।” रॉय ने बताया कि कंपनी ने पिछले साल 15 लाख जोड़े जूते निर्यात किए हैं, जिसकी कीमत 100 करोड़ रुपये है और अगले साल इसे 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य है।

रॉय ने आगे कहा कि बिहार सरकार ने उद्योगों को बढ़ावा दिया है और उनका समर्थन किया है, लेकिन अभी भी सड़कों और बेहतर संचार जैसे बुनियादी ढांचे में सुधार की आवश्यकता है ताकि रूस के खरीदार आसानी से संपर्क और संवाद कर सकें। उन्होंने कहा, “हमें कुशल वर्क फोर्स भी चाहिए और इसके लिए एक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किया जाना चाहिए ताकि हमें कुशल कारीगर मिल सके, अन्यथा हमें कामगारों को काम पर रखने से पहले उन्हें प्रशिक्षित करना होगा।” बता दें कि हाजीपुर की यह कंपनी रूस के अलावा इटली, फ्रांस, स्पेन और ब्रिटेन जैसे यूरोपीय बाजारों में लक्जरी डिजाइनर और फैशन जूते का भी निर्यात करता है।

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