
मुख्यमंत्री व निजी स्कूल शिक्षा अधिकारी*
-विकास खंड बहादुरपुर में प्रशिक्षकों के विपरीत अनुदेशकों के सम्बद्धीकरण से जुड़ी याचिका का मामला
बस्ती – एक तरफ प्रदेश सरकार जहां आम जनमानस को तत्काल न्याय दिलाने के प्रति कटिबद्ध है तो वहीं दूसरी तरफ जिले के केशिक शिक्षा अधिकारी आईजी ने नामांकन पत्र को खारिज न करके मुख्यमंत्री के आग्रह को ठेंगा टोकन में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं और प्रदेश सरकार की साख को बट्टा लगा रहे हैं।
प्राप्त समाचार के अनुसार – डिजिटल स्कूल शिक्षा के विपरित जिले के विकास खंड बहादुरपुर में बिजनेस शिक्षा अधिकारी द्वारा अनुदेशकों को सम्बद्ध करते हुए शासनादेश को तार-तार किया जा रहा है और इसी मामले में आईजी पर दर्ज शिकायत का स्टूडियो स्तर से भी नहीं जा रहा है. प्रदेश सरकार द्वारा जहां मप्र के गुणवत्ता पूर्ण सत्यलारि की बात बार-बार दुहराई जा रही है, लेकिन सरकारी परीक्षाओं पर सरकारी परीक्षाओं का कोई असर नहीं दिख रहा है। औद्योगिक स्कूल शिक्षा के विपरीत अनुदेशकों के सम्बद्धीकरण को लेकर जिले में चर्चाओं का बाजार गर्म है। जिले में शिक्षा अधिकारी की संस्था की पूर्ण बिक्री यदि यूएन जारी हो रही है तो कभी भी अनुदेशकों का रुख आक्रामक हो सकता है।