निघासन। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र निघासन में विशाल मानसिक स्वास्थ्य जागरुकता एवं उपचार शिविर का आयोजन हुआ। शिविर का शुभारंभ चिकित्सा अधीक्षक डॉ पीके रावत द्वारा किया गया। मनोचिकित्सक डॉ अखिलेश शुक्ला द्वारा 48 मानसिक मंदित व्यक्तियों का इलाज और दवाएं प्रदान की गई। नैदानिक मनोवैज्ञानिक स्तुति कक्कड़ द्वारा 4 मानसिक दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी किए गए और साइकेट्रिक नर्स विवेक कुमार मित्तल द्वारा उपस्थित मरीजों को दवा प्रदान की गई। साइकेट्रिक सोशल वर्कर अतुल कुमार पांडेय ने उपस्थिति लोगों को मानसिक रोगों के सामान्य लक्षणों के बारे में बताया, जैसे नींद ना आना या नींद अधिक आना, नींद देर से आना या बीच-बीच में टूटना, घबराहट, उलझन, बेचैनी, नकारात्मक विचार आना, बहुत अधिक गुस्सा आना, सिर में काफी दिनों से दर्द रहना, बेहोशी के दौरे, मिर्गी के दौरे आना, एक ही विचार मन में बार-बार आना, अत्यधिक सफाई करना, अपने आप से बातें करना,भूत -प्रेत, देवी देवता का साया होना, चिड़चिड़ापन एवं किसी चीज के बारे में ज़रूरत से ज़्यादा चिंतित रहना, जीवन के प्रति निराश रहना एवं आत्महत्या का विचार आना, आत्म विश्वास में कमी महसूस करना, छोटी छोटी बातों में अपने आप को दोषी ठहराना, बेवजह शक करना, बिना वजह हंसना-मुस्कुराना -बडबडाना -बुदबुदाना एवं इशारे कर अपने आप में बातें करना, क्षमता से अधिक बड़ी बड़ी बाते करना, हिंसा एवं अपव्यवहार करना, किसी कार्य को बार-बार करना, मिर्गी के दौरे आना, नशीले पदार्थों का सेवन और उसके कारण उससे उत्पन्न मानसिक एवं व्यवहारिक समस्याओं शामिल हैं। ऐसे लक्षण हो तो मानसिक रोग विशेषज्ञ से परामर्श करने की सलाह दी गई एवं उपस्थित लोगों को किसी भी मानसिक समस्या होने पर राष्ट्रीय स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन नंबर टेली मानस 14416 पर संपर्क करने की सलाह दी गई। किसी भी मानसिक समस्या होने पर सोमवार , मंगलवार एवं शुक्रवार को सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक स्वशासी राज्य चिकित्सा कॉलेज संबद्ध जिला चिकित्सालय, लखीमपुर खीरी आने की सलाह दी गई। शिविर में अन्य चिकित्सकों द्वारा ओपीडी कार्य किया गया। साथ ही स्टाफ नर्स द्वारा बीपी एवं शुगर की भी जांच की गई। शिविर में ब्लॉक एकाउंट मैनेजर, बीपीएम, बीसीपीएम,आशा , एएनएम सहित समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।
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