बलिया।बैरिया के द्वाबा राष्ट्रीय इंटर कालेज के मैदान से मैं उपजिलाधिकारी सुनील कुमार बोल रहा हूं। साफ आसमान, खुली हुई धूप, रह रह कर चलती हवा। आज वाई सी एच् ऐल क्रिकेट मैच का पहला सेमीफाइनल मैच खेला जा रहा है।बलिया की टीम ने टॉस जीता है और बल्लेबाजी का फैसला किया है।एम्पायर का इशारा, यश यादव की पहली गेंद दीपक को ,आफ स्टंप से थोड़ा बाहर। दीपक ने गेंद को अच्छी तरह समझा, बैकफुट पर गए, शॉट के लिए जगह बनाई और कवर की तरफ खेला।एक रन बलिया के खाते में पहला रन दीपक को ।इस ओवर की दुसरी बाल गुड लेंथ और ये चौका।दीपक ने पहले ही गेंद को पढ़ लिया था खुद को गेंद की लाइन से अलग करते हुए स्टोक के लिए जगह बनाया और सीमा रेखा की ओर कट कर दिया।उपजिलाधिकारी के ये शब्द, ये अहसास मैदान पर पहुँचे करीब एक हजार श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।उपजिलाधिकारी की यह क्रिकेट की कमेंटरी थी, जिससे हजारों लोग अभिभूत रहे। यह क्रिकेट कमेंट्री दर्शकों को रोमांचित तो करती ही थी ।उपजिलाधिकारी ने कमेंट्री के लिए नए शब्द दिए, मुहावरे तलाशे जिसकी प्रशंसा दिन भर होती रही।
एस डी एम महोदय के कमेंट्री सुन पेवेलियन में दर्शकों के शोर, नारे, उत्साह की जो लहरें दौड़ती थी, वह लहर माइक के जरिए दूर दराज के कस्बों तक पहुंच गयी।चाय की दुकान हो या पान की हर जगह एस डी एम महोदय की सराहनीय कामेंट्री की चर्चा होती रही।
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