
सदर तहसील में कृषि बिल को लेकर प्रदर्शन करते भाकियू टिकैत के पदाधिकारियों से वार्ता करते सीओ – फोटो : संवाद। रामपुर। केंद्र सरकार की तरफ से तीन कानून वापस न लेने, एमएसपी लागू न करने समेत कई बिंदुओं पर सोमवार को किसान गुस्से में दिखे। किसानों ने कलक्ट्रेट से लेकर जिले की सभी तहसीलों में धरना-प्रदर्शन किया। सदर और टांडा समेत कई तहसीलों में किसानों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक के साथ झड़प भी हुई। किसानों ने विभिन्न संगठनों के नेतृत्व में प्रदर्शन कर विरोध जताया। प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन भी दिया। सदर तहसील में भारतीय किसान यूनियन टिकैत की जिला इकाई के नेतृत्व में किसानों ने प्रदर्शन किया। कलक्ट्रेट में भाकियू भानु गुट के किसानों ने कृषि बिल के विरोध में डीएम को ज्ञापन दिया।
कलक्ट्रेट में भारतीय किसान यूनियन (श्रमिक जनशक्ति) के प्रदेश महासचिव जुबैद खां, प्रदेश मीडिया प्रभारी शाहजमान खां, जिलाध्यक्ष बाबू खां और मो. इमरान, नरेश कुमार, जैनुल खां, तौसीफ खां, फैसल खां, नाजिम खां ने जोरदार प्रदर्शन किया। इन लोगों ने कहा कि किसानों के विरुद्ध बनाए गए कानून केंद्र सरकार वापस ले। किसानों को फसलों के दाम स्वयं तय करने का अधिकार मिले। एमएसपी पर जल्द कानून बने। सदर तहसील में प्रदर्शन कर रहे किसान कृषि बिल की प्रतियां जला रहे थे तो सीओ सिटी जितेंद्र सिंह और गंज थाना निरीक्षक पवन कुमार ने प्रतियां छीन ली थीं। इस बीच किसान और भड़क गए।
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प्रदेश महासचिव हसीब अहमद और उनके साथ मौजूद किसानों से पुलिस से तीखी नोकझोंक हुई। फिर किसान वहीं धरने पर बैठ गए। धरने पर सीओ सिटी जितेंद्र सिंह व नायब तहसीलदार गौरव विश्नोई भी पहुंचे और बैठकर किसानों से बातचीत की। किसानों ने कहा, आंदोलन जारी रहेगा। इस मौके पर किसान मो. तालिब, छिद्दा नेता, नईम प्रधान, तौकीर अहमद, नल सिंह, राजपाल, अमृत पाल सिंह भिंडर, जुबैद आलम, दरबारी लाल, मेंहदी हसन, खलील अहमद, मित्रपाल, जिशान, रियाजुल हसन, इदरीस, सुलेमान, नौशाद, शबाबुल, मुनव्वर, शादाब, शाकिर आदि मौजूद रहे।
पुलिस ने भाकियू जिला उपाध्यक्ष को तीन घंटे तक किया नजरबंद
भाकियू टिकैत गुट के जिला उपाध्यक्ष बलजीत सिंह को पुलिस ने उनके घर में तीन घंटे नजरबंद रखा। तहसील परिसर में किसानों का प्रदर्शन समाप्त होने के बाद पुलिस उनके घर से वापस लौटी। जिला उपाध्यक्ष ने बताया कि राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर तहसील परिसर में कृषि कानून की प्रतियां जलाने का कार्यक्रम था। उधर, तहसील पहुंचे अन्य किसानों ने प्रदर्शन के दौरान तीन कृषि कानून की प्रतियां जलाने का प्रयास किया तो पुलिस ने उनसे कागज छीन लिए। जिससे किसानों और पुलिस में झड़प भी हुई। इसके बाद किसानों ने एसडीएम को ज्ञापन दिया।
मुआवजा न मिलने का आरोप भी लगाया
भारतीय किसान यूनियन टिकैत के कार्यकर्ता तहसील पहुंचे, जहां एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। किसानों ने केंद्र-प्रदेश सरकार पर किसानों की उपेक्षा का आरोप लगाया। बताया कि किसानों का गन्ना भुगतान पूरा नहीं किया जा रहा है। यूनियन की प्रमुख मांगों में किसान आयोग का गठन शामिल है। किसानों ने कहा, विद्युत ट्रांसमिशन लाइन का मुआवजा किसानों को अभी तक नहीं दिया गया है, जबकि इस संबंध में विद्युत विभाग ने तहसील में संबंधित मुआवजा फाइल भेज दी है। इस दौरान नए कानून की प्रतियों को जलाए जाने के आशंका में पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहा। इस अवसर पर सिराज, मोहम्मद उस्मानी, हरीराम, असगर, इमराम अली आदि मौजूद रहे।
किसानों ने तहसील में फूंकीं पॉलिसी ड्राफ्ट की प्रतियां
स्वार में भारतीय किसान यूनियन टिकैत और भारतीय किसान यूनियन तोमर ने सोमवार को कृषि मार्केटिंग पॉलिसी ड्राफ्ट के विरोध में प्रदर्शन कर ड्राफ्ट के पुतले फूंके और नारेबाजी की। भाकियू टिकैत के जिला सलाहकार सलामत जान के नेतृत्व में किसान तहसील परिसर पहुंचे थे, जहां उन्होंने कृषि मार्केटिंग पॉलिसी ड्राफ्ट के विरोध में प्रदर्शन कर ड्राफ्ट की प्रति आग के हवाले कर दी। इसके बाद तहसीलदार को ज्ञापन देकर ड्राफ्ट वापस लिए जाने की मांग की। इस मौके पर तहसील अध्यक्ष अमीर अहमद, ब्लॉक अध्यक्ष लखविंद्र सिंह, नगर अध्यक्ष जसवीर सिंह, अजीत सिंह, लईक जान, महबूब जान और जीशान आदि रहे।
उधर, भाकियू तोमर के जिलाध्यक्ष शारिक इकबाल के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ और कार्यकर्ता नारेबाजी कर रहे थे। बाद में उन्होंने ड्राफ्ट की प्रति जलाकर गुस्सा जताया।जिलाध्यक्ष ने कहा कि मार्केटिंग नीति ड्राफ्ट योजना से किसानों, आढ़तियों एवं हर वर्ग को नुकसान पहुंचेगा। इस मौके पर जिला उपाध्यक्ष शेरा पहलवान, जिला महासचिव नईम अहमद, वरिष्ठ ब्लॉक अध्यक्ष नामे अली, वरिष्ठ जिला सचिव अरशद अली आजाद और ब्लॉक प्रभारी गुरपिंदर सिंह आदि किसान नेता रहे।
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