
ग्राम वैरमई बुजुर्ग में मममता शाक्य शास्त्री की कथा ने भक्ति भाव से भिगोया
वैरमई बुजुर्ग, [तारीख] – ग्राम वैरमई बुजुर्ग में चल रही मममता शाक्य शास्त्री जी की श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। कथा में शास्त्री जी ने “उमरैपा विताई दपी राम नहीं जाना” प्रसंग का मार्मिक वर्णन किया, जिसने भक्तों को भाव-विभोर कर दिया। कथा के दौरान श्रद्धालु कभी हँसे तो कभी अपने आंसू नहीं रोक पाए।
चौथे दिन की कथा में उन्होंने भक्ति की महिमा और भगवान श्रीराम की करुणा का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने बताया कि सच्ची भक्ति ही जीवन का सबसे बड़ा आधार है, जो हर संकट को पार करने की शक्ति देती है। शास्त्री जी ने भजन और कथा के माध्यम से भगवान के भक्तों पर कृपा और उनकी कठिनाइयों का वर्णन किया, जिससे श्रद्धालु पूरी तरह भक्ति रस में डूब गए।
इस दौरान उन्होंने कहा, “भगवान भक्ति की परीक्षा अवश्य लेते हैं, लेकिन अंततः अपने भक्तों का कल्याण भी करते हैं।” कथा के प्रभाव से वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो गया और श्रद्धालु जयकारे लगाते हुए झूम उठे।
आयोजकों के अनुसार, अगले दिन कथा में श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं और भक्त प्रह्लाद की कथा का वर्णन किया जाएगा। श्रद्धालुओं में कथा को लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है, और दूर-दूर से भक्त इस आध्यात्मिक आयोजन में भाग लेने के लिए पहुंच रहे हैं।रामसिंह शाक्य, वैरमई बूर्जग वर्तमान ग्राम प्रधान, शोमवीर शाक्य, लीतश शाक्य, शुभाष लाला, चुना लाला, अवनेश ,श्रीओम ,सुरेन्द्रर ,भगवान सिंह डा0, जगदीश ,ओमपाल ,अशोक लाला, ओम, जशवीर ,उमेश ,रमेश शर्मा ,अवनेश शाक्य, रूपकिशोर, आदि लोग मोजूद रहे
भूदेव प्रेमी संवाददाता,