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राकेश सोनी सीधी मध्यप्रदेश
एके आदिवासी जो लंबे समय से टी बी का मर्ज था और उसका इलाजजिला अस्पताल में चल रहा था बीती रात उसने दम तोड़ दिया ऐसे में परिजन जाब शव वाहन के लिए जद्दोजहद किया परन्तु ड्राइवर की अनुपलब्धता के चलते उसे सुविधा नहीं मिली ,जानकारीनुसार जिले में तीन शव वाहन है जिसमें एक खराब स्थिति में है एक दिन में तो एक रात में शव को ढोने के लिए लगाया गया है ,बताया गया कि इन दो वाहनों के लिए ड्राइवर एक ही है,परिजनों के अनुसार जिला अस्पताल में वहां तो था परंतु ड्राइवर ना होने से शव को लगभग 2 किलोमीटर बांस बल्ली में ले जाना पड़ा , यह स्थिति आज पहली बार नहीं हुई है ,फिर भी शासन और प्रशासन सचेत नहीं होता ये जवाबदारी आखिर किसकी है ,जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं क्यों नहीं सुधार प रही है