
आज फिर एक बार पत्रकार की गोली मारकर हत्या की जा चुकी है यह कोई और पत्रकार नहीं बल्कि एक दैनिक जागरण का पत्रकार है कानून व्यवस्था को चुनौती देते हुए बदमाशों ने दैनिक जागरण के पत्रकार महोली तहसील के संवाददाता राघवेंद्र बाजपेई के सरे आम गोली मारकर हत्या कर दी गई है बाइक सवार राघवेंद्र को शाम 4:00 बजे हिमालय सुल्तानपुर हाईवे के हेमपुर ओवर ब्रिज के ऊपर गोली मारकर हत्या कर दी गई यह जो चौथा स्तंभ बताया गया है पत्रकारिता का यह बिलकुल सेफ नहीं है यह सुरक्षित नहीं है यहां पर अगर कोई पत्रकार किसी भी चीज को उजागर करता है तो वह सामने वाले का दुश्मन हो जाता है और लोग उसे अपनी दुश्मनी निकालना रखते हैं और मौका पाकर उसकी हत्या कर दी जाती है इसलिए पत्रकार बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है ना कोई उसकी सुरक्षा की गारंटी लेता है कि अगर उसको कुछ हो जाएगा तो उसके परिवार की देखभाल कौन करेगा ना सरकार जिम्मेदारी लेती है ना वह चैनल जिम्मेदारी लेता है जिस चैनल के लिए एक पत्रकार काम करता है चैनल तो अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए पत्रकारों को इस्तेमाल करता है मगर उनकी सुरक्षा के लिए सिर्फ कागजों में जिम्मेदारियां होती हैं कागजों में सुरक्षा दी जाती है मगर हकीकत में कोई भी पत्रकार सुरक्षित नहीं है जब इतने बड़े चैनल के इतने बड़े अखबार के पत्रकार सुरक्षित नहीं है दिए प्राइवेट चैनलों के पत्रकार कहां से सुरक्षित होंगे इस बात की कोई भी गारंटी नहीं देगा कि मैं पत्रकारों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेता हूं