
ककोलत जलप्रपात पर टिकट वसूली का विरोध, पूर्व विधायक प्रत्याशी आनंद प्रिय देव ने प्रशासन को घेरा
नवादा: बिहार के कश्मीर कहे जाने वाले ककोलत जलप्रपात पर स्थानीय ग्रामीणों से ₹10 का प्रवेश शुल्क लेने के फैसले का राजनीतिक चेतना दल के पूर्व विधायक प्रत्याशी आनंद प्रिय देव ने कड़ा विरोध किया है। उन्होंने इसे ग़लत और अन्यायपूर्ण बताते हुए प्रशासन को घेरा और इसे तुरंत वापस लेने की मांग की।
स्थानीय लोगों के अधिकारों का हनन – आनंद प्रिय देव
आनंद प्रिय देव ने कहा कि ककोलत और आसपास के गांवों के लोग सदियों से इस जलप्रपात से जुड़े रहे हैं, यह न सिर्फ एक पर्यटन स्थल है, बल्कि स्थानीय संस्कृति और धार्मिक आस्था का केंद्र भी है। ऐसे में यहीं के लोगों से टिकट वसूलना अन्याय है।
उन्होंने प्रशासन से सवाल किया कि जब सरकार इस जलप्रपात से पर्यटन के नाम पर राजस्व कमा रही है, तो फिर स्थानीय निवासियों से शुल्क क्यों लिया जा रहा है? उन्होंने इसे सरकारी तानाशाही करार दिया और इसे तुरंत समाप्त करने की मांग की।
विरोध प्रदर्शन की चेतावनी
पूर्व विधायक प्रत्याशी ने स्पष्ट किया कि यदि प्रशासन तुरंत इस फैसले को वापस नहीं लेता, तो वे ग्रामीणों के साथ बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही वे जिला प्रशासन और संबंधित विभाग से मिलकर अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे।
ग्रामीणों में भी आक्रोश
ककोलत और आसपास के गांवों के लोग भी इस टिकट शुल्क से नाराज हैं। उन्होंने इसे अन्यायपूर्ण बताते हुए विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी। ग्रामीणों का कहना है कि वे पीढ़ियों से इस जलप्रपात से जुड़े हैं और अब उनके ही लिए टिकट प्रणाली लागू कर दी गई है, जो अस्वीकार्य है।
प्रशासन का पक्ष
अभी तक इस मुद्दे पर प्रशासन की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि यह टिकट शुल्क पर्यटन विकास और जलप्रपात के रखरखाव के लिए लिया जा रहा है।
आंदोलन की आहट
ककोलत जलप्रपात पर स्थानीय लोगों से टिकट शुल्क लेने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। यदि प्रशासन जल्द ही इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाता, तो यह मामला बड़े जन आंदोलन का रूप ले सकता है।