
वंदेभारतलाइवटीवी न्युज-नागपुर:- फर्जी प्रमाण पत्रों पर रोक लगाने के लिए राजस्व विभाग ने किया बदलाव। अब बिना उचित सही दस्तावेज के जन्म मृत्यु आदि प्रमाण पत्रों के लिए आवेदन करने पर सजा हो सकती है। महाराष्ट्र सरकार में राजस्व मंत्री श्री चंद्रशेखर बावनकुले जी ने जन्म मृत्यु पंजीयन अधिनियम में बदलाव किए है। इसके अंतर्गत यदि जन्म या मृत्यु के एक वर्ष बाद कोई व्यक्ति प्रमाण पत्र के लिए बिना किसी सही दस्तावेज के आवेदन करता है तो आवेदनकर्ता के खिलाफ सीधे तौर पर कानूनी अपराधिक कार्यवाही हो सकती है। राजस्व मंत्री जी ने इसके साथ ही रिकार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया को भी तय किया है।महाराष्ट्र सहित देशभर में पिछले कुछ समय से बांग्लादेशी और रोहिंगया घुसपैठ कर रहे हैं। ये घुसपैठिये फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर रहते हैं। यह मुद्दा भी वर्तमान में चर्चा में बना हुआ है। घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग लगातार हो रही है। महाराष्ट्र सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरतापूर्वक लिया है। राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले जी ने इसी को लेकर जन्म मृत्यु पंजीयन अधिनियम में परिवर्तन भी किए हैं। जिससे घुसपैठियों को रोकने मे मदद हो सकती है। जन्म मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 के प्रावधानों के साथ साथ महाराष्ट्र जन्म मृत्यु पंजीकरण नियम 2000के अनुसार एक वर्ष से अधिक की देरी से जन्म मृत्यु रिकार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया निर्धारित की गई थी। इसमे जन्म स्थान के रिकार्ड की जांच के बाद प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा। सरकार ने यह जानकारी दी है कि ग्राम सेवक जन्म मृत्यु रजिस्ट्रार, तहसीलदार,उपखण्ड अधिकारी, कलेक्टर किस प्रकार से काम करें इसकी भी प्रक्रिया तय की जायेगी। इसमे ग्राम सेवक , मनपा के जन्म मृत्यु रजिस्ट्रार तक सभी को जन्म मृत्यु अनुपलब्धता प्रमाण पत्र कारण सहित देना होगा। आवेदन की जांच पुलिस विभाग द्वारा कराई जायेगी पुलिस की राय आवश्यक होगी। रिकार्ड गलत पाया जाता है आवेदन मे दी गई जानकारी गलत पाई जाती है तो ग्राम सेवक से लेकर मनपा के जन्म मृत्यु रजिस्ट्रार तक सभी को कारण सहित जन्म मृत्यु अनुपलब्धता प्रमाण पत्र देना होगा।