
बस्ती उत्तर प्रदेश✍️अजीत मिश्रा✍️
एडवांसमेंट यानि उन्नति को भी एडवांस यानि पेशगी मानता है पंचायती राज विभाग
लगता है हर जगह एडवांस की झलक पाने को बेताब है महकमा
बस्ती उत्तर प्रदेश✍️अजीत मिश्रा✍️
एडवांसमेंट यानि उन्नति को भी एडवांस यानि पेशगी मानता है पंचायती राज विभाग
लगता है हर जगह एडवांस की झलक पाने को बेताब है महकमा
बस्ती – चौंकिए मत इस समय लग्न मुहूर्त का समय चल रहा है लोगों ने अपने परिवारिक उत्सवों के विहंगम आयोजन के लिए कुछ माह पूर्व डीजे, भंडारी, लाइट व टेंट आदि के इंतजामात के लिए एडवांस यानि बयाना देकर बुकिंग करवा रखी थी जो आज उनके कार्यक्रम की सफलता में पूरक के रूप में काम आ रही हैं। ठीक इसी तरह से किसी भी काम की पूर्ति के लिए पंचायती राज विभाग में भी एडवांस पद्धति के आरोप गाहेबगाहें आएदिन रिटायरमेंट के करीब पहुंच चुके जनपद बस्ती के डीपीआरओ साहब के ऊपर लगते रहे हैं। इसी कार्य संस्कृति की मनोदशा को महकमे ने शायद राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 24 अप्रैल, 2025 के दिन विकास भवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में भी बया कर ही दिया। जिसकी सदारत भारतीय जनता पार्टी के पुनर्नियुक्त जिला अध्यक्ष विवेकानंद मिश्रा मुख्य विकास अधिकारी बस्ती की उपस्थिति में कर रहे थे। जहां जनपद के दस ग्राम प्रधानों को पंचायत उन्नति सूचकांक के विविध आयामों पर उम्दा प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया जा रहा था। शील्ड के साथ ग्राम प्रधानों को दिए गए प्रशस्ति पत्र पर एडवांस बखरा पद्धति में अटूट विश्वास रखने वाले महकमे ने पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स की जगह पर पंचायत एडवांस इंडेक्स लिखवाकर विधिवत कार्यक्रम करके बटवा दिया। गौरतलब बात यह रही कि प्रशस्ति पत्र पर विभाग प्रमुख जिला पंचायत राज् अधिकारी के साथ शायद अनभिज्ञता में सीडीओ साहब व जिलाधिकारी महोदय बस्ती का हस्ताक्षर भी दर्ज रहा। अब इसे विभाग में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों की मनोदशा एवं कार्यसंस्कृति से ना जोड़ा जाए तो क्या माना जाए। बाक़ी अर्थ का अनर्थ करने में अगर इस महकमे का अलग से सरकार रेटिंग करवाए तो शायद जिले में टॉप पोजीशन आए तो किसी को भी अचरज नहीं होगा।
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