A2Z सभी खबर सभी जिले कीCOVID-19FinanceInsuranceLok Sabha Chunav 2024Technologyअन्य खबरेउत्तर प्रदेशकृषिटेक्नोलॉजीमनोरंजन

ग्राम हड़बड़ो दक्षिण में दबंगई की हदें पार: जनपद सदस्य के भाई ने महिला को दी गालियां, मीडिया को दी धमकी; पत्रकारों में उबाल

ग्राम हड़बड़ो दक्षिण में दबंगई की हदें पार: जनपद सदस्य के भाई ने महिला को दी गालियां, मीडिया को दी धमकी; पत्रकारों में उबाल

जमोड़ी, सीधी (म.प्र.) — जिला सीधी के ग्राम पंचायत हड़बड़ो दक्षिण, थाना जमोड़ी क्षेत्र में हाल ही में हुए दो परिवारों के आपसी विवाद ने उस वक्त गंभीर मोड़ ले लिया जब विवाद के दौरान एक महिला ने हमले की वीडियो बनानी शुरू की। इसी दौरान जनपद सदस्य के रिश्ते का भाई, मनबहोर पनिका के परिवार के युवक ने महिला से मोबाइल छीनने का प्रयास करते हुए न केवल गालियां दीं, बल्कि खुलेआम मीडिया को भी धमकी दे डाली। उसने कहा, “मीडिया को भेजेगी वीडियो? मीडिया की ऐसी की तैसी कर दूंगा।” यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है।

 

वीडियो सामने आने के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया है। खास बात यह है कि उक्त युवक जनपद सदस्य का भाई है, और इसके परिवार की दबंगई की चर्चा गांव में पहले से होती रही है। मगर इस बार जब मामला महिला सुरक्षा और मीडिया की स्वतंत्रता पर आकर टिक गया, तब यह विषय पूरे जिले में आक्रोश का कारण बन गया।

महिला को खुलेआम दी गालियां, मीडिया को धमकी

 

वीडियो में साफ देखा और सुना जा सकता है कि जब महिला अपने घर के बाहर हो रहे विवाद की वीडियो बना रही थी, तभी आरोपी युवक उग्र होकर उसके पास आया, उसे गंदी-गंदी गालियां देने लगा और मीडिया को धमकाते हुए अपशब्द कहे। उसने धमकी भरे लहजे में कहा कि यदि यह वीडियो मीडिया तक पहुँची, तो वह ‘मीडिया की ऐसी की तैसी’ कर देगा। यह बयान स्पष्ट रूप से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ — मीडिया — के लिए सीधी धमकी है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है।

 

थाने में दर्ज हुई एफआईआर, गिरफ्तारी अभी तक नहीं

 

इस घटना के संबंध में थाना जमोड़ी में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। पीड़ित पक्ष की ओर से स्पष्ट तौर पर आरोपी की पहचान करते हुए रिपोर्ट दी गई है, परंतु अब तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इससे गांववासियों में प्रशासन को लेकर असंतोष है। लोगों का कहना है कि यदि आरोपी प्रभावशाली परिवार से न होता, तो अब तक उसे सलाखों के पीछे भेजा जा चुका होता।

 

पत्रकारों में आक्रोश, सामूहिक कार्रवाई की तैयारी

 

इस शर्मनाक घटना के बाद अब जिले भर के पत्रकार संगठनों और स्वतंत्र पत्रकारों में भी उबाल है। पत्रकारों का कहना है कि यह मामला केवल महिला अपमान का नहीं, बल्कि पत्रकारिता और प्रेस की स्वतंत्रता पर भी सीधा हमला है। वीडियो बनाने पर धमकी देना और गालियां देना किसी भी लोकतांत्रिक समाज में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

 

सीधी जिले के वरिष्ठ पत्रकारों और प्रेस क्लबों ने संयुक्त बैठक कर यह निर्णय लिया है कि आरोपी युवक के खिलाफ सामूहिक रूप से एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी और प्रशासन पर दबाव डाला जाएगा कि उसके खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही की जाए। पत्रकारों का कहना है कि यदि ऐसे मामलों में कार्रवाई नहीं हुई, तो भविष्य में मीडिया के लोग फील्ड में सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे।

 

लोकतंत्र और महिला सम्मान पर हमला

 

इस मामले ने न केवल एक सामान्य विवाद को गंभीर बना दिया है, बल्कि इससे यह सवाल भी उठ खड़ा हुआ है कि यदि जनप्रतिनिधियों के परिजन ही कानून हाथ में लेंगे और मीडिया को धमकाएंगे, तो आम जनता कहां जाएगी? इससे महिला सम्मान, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मीडिया की निष्पक्षता सब कुछ खतरे में पड़ जाता है।

 

गांव की महिलाओं ने भी इस घटना के खिलाफ आवाज बुलंद की है। उनका कहना है कि अगर कैमरे में सबकुछ कैद होने के बावजूद प्रशासन मौन है, तो न्याय की उम्मीद करना व्यर्थ है। महिलाओं का यह भी कहना है कि आरोपी युवक को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए और उसके राजनीतिक संबंधों की भी जांच हो।

 

प्रशासन पर सवाल, निष्पक्ष जांच की मांग

 

इस पूरे मामले को लेकर प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। एफआईआर दर्ज होने के बावजूद गिरफ्तारी न होना, कार्रवाई में देरी और दबाव की आशंका से लोगों का विश्वास प्रशासन पर डगमगाता दिख रहा है। स्थानीय लोगों और पत्रकारों ने स्पष्ट तौर पर मांग की है कि आरोपी को तत्काल गिरफ्तार किया जाए, जनपद सदस्य की भूमिका की भी जांच की जाए और पीड़ित महिला व पत्रकारों को सुरक्षा दी जाए।

 

यह घटना केवल एक आपसी झगड़े तक सीमित नहीं रह गई है। यह महिलाओं के सम्मान, पत्रकारिता की आज़ादी और लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला है। यदि अब भी प्रशासन ने कड़ी कार्यवाही नहीं की, तो यह नजीर बन जाएगा कि प्रभावशाली परिवार कानून से ऊपर हैं और लोकतंत्र का चौथा स्तंभ असुरक्षित। समाज और पत्रकारिता जगत ऐसे मामलों में चुप नहीं बैठने वाला — अब समय है, कि शासन-प्रशासन दृढ़ निर्णय ले।

Back to top button
error: Content is protected !!