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Indus Water Treaty: ‘पानी की एक भी बूंद पाकिस्तान नहीं जाएगी’, शाह से मुलाकात के बाद जल शक्ति मंत्री का बयान

Indus Water Treaty: केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने कहा कि केंद्र ने भारतीय नदियों का पानी पाकिस्तान को न जाने देने के लिए एक रोडमैप तैयार किया है, जिसमें नदियों की गाद निकालने जैसे उपाय शामिल हैं। यह कदम पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़ते तनाव के बीच उठाया गया है।

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जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल – फोटो : एएनआई

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केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र ने भारतीय नदियों का पानी पाकिस्तान जाने से रोकने के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया है, जो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ एक अहम बैठक के बाद तैयार हुआ। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि तत्काल कदम उठाए जा रहे हैं, जिसमें नदियों की गाद निकालने जैसे उपाय शामिल हैं।

पाटिल ने मीडिया से बातचीत में कहा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक में एक रोडमैप तैयार किया गया। बैठक में तीन विकल्पों पर चर्चा हुई। सरकार अल्पकालिक, मध्यमकालिक और दीर्घकालिक उपायों पर काम कर रही है, ताकि पाकिस्तान को एक बूंद भी पानी न मिले। जल्द ही नदियों की गाद निकाली जाएगी ताकि पानी रोका जा सके और उसे मोड़ा जा सके।

सिंधु जल संधि जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए सबसे अन्यायपूर्ण दस्तावेज: उमर अब्दुल्ला
यह कदम पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बढ़ते तनाव के बीच उठाया गया है। इसी बीच, सिंधु जल संधि पर अपनी कड़ी असहमति जताते हुए जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हस्ताक्षर की गई यह संधि ‘जम्मू और कश्मीर के लोगों के लिए सबसे अन्यायपूर्ण दस्तावेज’ है। अब्दुल्ला ने कहा, भारत सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं। जम्मू और कश्मीर के संदर्भ में हम कभी भी सिंधु जल संधि के पक्षधर नहीं रहे हैं। हम हमेशा मानते हैं कि सिंधु जल संधि जम्मू और कश्मीर के लोगों के लिए सबसे अन्यायपूर्ण दस्तावेज रही है।

मुख्यमंत्री ने अमित शाह से अन्य राज्यों में जम्मू और कश्मीर के लोगों की सुरक्षा के बारे में मिले आश्वासन पर भी बात की। उन्होंने कहा, दुख की बात है कि यह हमला हुआ। हमने सुनिश्चित किया कि जो भी मुद्दे बैठक में हमारे ध्यान में लाए गए, हम उन पर काम करेंगे। इस बैठक के दौरान, मैंने केंद्रीय गृह मंत्री से बात की और उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि जम्मू और कश्मीर के जो लोग अन्य राज्यों में रह रहे हैं, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे। गृह मंत्रालय की ओर से एक एडवाइजरी जारी की जाएगी और केंद्रीय मंत्री ने कई राज्यों के मुख्यमंत्री से भी बात की है।

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा समिति की बैठक में भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तब तक निलंबित करने का निर्णय लिया, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपना समर्थन समाप्त नहीं करता।
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