उत्तर प्रदेशबस्ती

काली मन्दिर हटाने में प्रशासन से हुई चूक, आन्दोलित हैं लोग

अजीत मिश्रा (खोजी)

🚨काली मन्दिर हटाने में प्रशासन से हुई चूक, आन्दोलित हैं लोग🚨

बस्ती, 29 मई। बड़ेवन से कम्पनी बाग चौराहे तक चल रहे सड़क चौड़ीकरण में बाधा बने वर्षों पुराने काली मंदिर को अनुचित तरीके से तोड़े जाने व ट्रांसप्लान्ट किये जाने को लेकर जनाक्रोश देखने को मिल रहा है। स्थानीय प्रशासन व ठेकेदार पर आरोप है कि उन्होने लोगों को विश्वास में नही लिया और धार्मिक भावनाओं का सम्मान भी नही किया। आवास विकास के गेट पर वर्षों पूर्व स्थापित मां काली व दुर्गा माता की मूर्ति जेसीबी से हटाये जाने व इन्हे खण्डित किये जाने को लेकर लोग गुस्से मे हैं।

लोगों का कहना है कि सड़क के चौड़ीकरण के लिये मन्दिर या मूर्ति हटाया जाना जरूरी था लेकिन जो तरीका अपनाया गया वह बेहद आपत्तिजनक है। जनता को विश्वास में लेकर जन सहभागिता से मूर्तियों को हटाया जाना चाहिये था। लोग विधि विधान से जयकारों के साथ नदी में विसर्जित कर देते तो जनभावनायें आहत न होती। खण्डित मूर्तियों का प्रशासन ने क्या किया किसी को नही मालूम। इसके बदले आवास विकास के प्रवेश द्वारा पर जो मन्दिर बना, उस पर लोगों को आपत्ति है। वह मन्दिर कम घर ज्यादा लग रहा है। देखने से ही लग रहा है कि घर के अंदर मन्दिर बनाया गया है।

सड़क पर पुराने काली मंदिर में 5 फिट ऊंची मूर्तियां मां काली व दुर्गा की लगी थी, उनकी जगह 1.5-2.0 फिट ऊंची मूर्ति स्थापित करा दी गई। मन्दिर में वेन्टीलेशन की व्यवस्था नही है। नवरात्रि व अन्य धार्मिक पर्वो पर काली मंदिर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा होती है। मन्दिर को जहां स्थापित किया गया वहां भीड़ संभालना मुश्किल हो जायेगा। मन्दिर का प्रवेश व निकास द्वार एक ही है इससे काफी परेशानी होगी। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासन न जाने किसकी सलाह पर कार्य कर रहा है। स्थितियां असहज होती जा रही हैं।

लोग आन्दोलित हैं। मांग हैं कि ठेकेदार व इंजीनियर के खिलाफ केस दर्ज कार्यवाही सुनिश्चित की जाये और नये मन्दिर में मूर्तियों की साइज बदली जाये। दुर्गा व काली माता की मूर्ति बड़ी हो बाकी मूर्तिया छोटी की जा सकती हैं। श्रद्धालुओं का एक समूह यह भी कह रहा है कि आवास विकास का गेट और मन्दिर तोड़े जाने की प्रक्रिया कई दिनों से चल रही है, अब मन्दिर मलबे में तब्दील हो गया तब कुछ लोग राजनीति चमकाने आ गये हैं। अच्छा होगा यदि प्रशासन जनभावनाओं को समझे और धर्म स्थलों के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ से पहले लोगों को विश्वास मे ले। जो भी कार्यवाही हो सर्वसम्मति से हो।

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