
मरुधरा किसान यूनियन एवं पर्यावरण प्रेमियों ने सीएम के नाम खून से लिखा भावनात्मक संदेश
अलवर ब्यूरो चीफ बलदेव चौधरी
राजस्थान के जयपुर स्थित डोल का बाड़ जंगल वो स्थान है जहां कई किलोमीटर के दायरे प्राकृतिक वातावरण सघन पेड़ पौधों से आच्छादित एक बहुत बड़ा जंगल है जो राजस्थान की भूमि के लिए किसी वरदान से कम नहीं है परंतु हृदय को कम्पायमान करने वाली बात ये है जहां राजस्थान सरकार से लेकर भारत सरकार तक एक और पेड़ लगाओ अभियान चला रही हैं वहीं प्राकृतिक रूप से उगे उगाए घने जंगलों को निजी स्वार्थ के वशीभूत होकर धुंआधार कटाई करी जा रही है जिसके विरोध में मरुधरा किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में समस्त मरुधरा किसान यूनियन टीम एवं क्षेत्रीय और राष्ट के कोने कोने से आए पर्यावरण प्रेमियों ने हर संभव प्रयास करने के उपरांत भी। जंगल की कटाई रुक नहीं रही उल्टा पुलिस प्रशासन के माध्यम से सभी को डराया धमकाया जा रहा है उनके पर्यावरण प्रेमियों के विरुद्ध षड्यंत्र रचने की भी ताक में है
आप को बता दें आज इसी संघर्ष के चलते मरुधरा किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बालियान एवं समस्त पर्यावरण प्रेमियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक अभूतपूर्व कदम उठाया और वह ये की राजस्थान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम खून से एक भावनात्मक संदेश लिखा
ये संदेश है जंगलों के पक्ष में उठी एक गूंगी लेकिन गूंजती हुई पुकार ,
इस पत्र को लिखने में रेखा शर्मा,विजेंदर शेखावत,रिदम चतुर्वेदी ने योगदान किया यह कदम कोई राजनीतिक विरोध नहीं,बल्कि धरती मां के लिए एक करुण क्रंदन अपील है
इस अवसर पर दीपक बालियान ने कहा,की ये पत्र पुकार है उस धरती मां की क्रंदन है उन मूक जंगल के जीवो का और वहां के पर्यावरण प्रेमियों का जो सत्य धर्म की रक्षा करने का आश्वासन देने वाली सरकार को संदेश है हम सभी का जब प्राकृतिक पद पेड़ पौधे ही नहीं रहेंगे तो मनुष्य जीवन कैसे सुरक्षित रहेगा,आदान प्रदान ही प्रकृति का नियम है और जब जब प्रकृति के नियमों का उल्लंघन हुआ या किया गया तब तक प्रकृति प्रकोप करती है और उसका दुष्परिणाण साथ में उन निर्दोषों को भी भुगतना पड़ता हैं जिन्होंने प्रकृति को अपने खून पसीने से सीच कर सजोया हैं
आप को बता दें आज महीनों मरुधरा किसान यूनियन के अध्यक्ष दीपक बालियान,महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष रेखा शर्मा, विजेंद्र शेखावत समाज कार्यकर्ता, रिदम चतुर्वेदी के अलावा अनेक पर्यावरण प्रेमी एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपने घर परिवार को त्याग कर इस पर्यावरण की रक्षा के लिए धरना दे रखा है इस चिलचिलाती गर्मी में जिसमें कोई अपने घरों से बाहर निकलने में कतराता है और फिर भी राजस्थान सरकार का इस और कतई ध्यान नहीं है,