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आसनसोल अग्निकांड में निरसा के कोयला व्यवसायी सहित तीन की मौत, पत्नी गंभीर रूप से घायल; दो पत्नियों का राज आया सामने

निरसा/आसनसोल, 30 जून:
पश्चिम बंगाल के आसनसोल में बीती रात एक दर्दनाक अग्निकांड में झारखंड के निरसा निवासी कोयला व्यवसायी बबलू सिंह, उनके ससुर बीरेंद्र नाथ चंद और सास गायत्री चंद की मौत हो गई। हादसे में बबलू सिंह की पत्नी शिल्पी चटर्जी गंभीर रूप से झुलस गईं, जिन्हें इलाज के लिए दुर्गापुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

यह दिल दहला देने वाली घटना आसनसोल नगर निगम के वार्ड संख्या 57 अंतर्गत फतेहपुर स्वागतम रेजिडेंसी स्थित हाउस नंबर B2 में रविवार देर रात करीब 11:30 बजे घटी। पड़ोसियों ने अचानक चीख-पुकार की आवाजें सुनीं और देखा कि बबलू सिंह के फ्लैट से भीषण आग की लपटें उठ रही हैं। तुरंत दमकल विभाग और स्थानीय पुलिस को सूचित किया गया। दमकलकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक तीनों की जान जा चुकी थी।

पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए आसनसोल जिला अस्पताल भेज दिया है। घटनास्थल पर पुलिस बल तैनात है और फॉरेंसिक टीम के साथ मिलकर आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है।

इस हादसे में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है—बबलू सिंह की दो शादियां थीं। सूत्रों के अनुसार, बबलू सिंह का मूल निवास झारखंड के धनबाद जिला अंतर्गत निरसा नया डंगाल में है, जहां उनकी पहली पत्नी और तीन बच्चे (दो बेटे, एक बेटी) रहते हैं। वह स्थानीय काली मंदिर के ट्रस्टी मखु सिंह के पुत्र थे। दूसरी पत्नी शिल्पी चटर्जी के साथ वे आसनसोल में रहते थे। इस रहस्योद्घाटन ने मामले को और पेचीदा बना दिया है।

बबलू सिंह और शिल्पी चटर्जी का एक बेटा त्रिथानकर चटर्जी है, जो फिलहाल नौवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहा है। घटना के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। आस-पास के लोग स्तब्ध हैं और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

पुलिस अब इस पहलू की भी गहराई से जांच कर रही है कि कहीं यह हादसा किसी साजिश का हिस्सा तो नहीं था। मामले में हर दृष्टिकोण से जांच जारी है।

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