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गोरखपुर में कोऑपरेटिव सोसाइटी का बड़ा घोटाला: चार एटीएम से बढ़ाया भरोसा, आठ करोड़ लेकर फरार हुई कंपनी

गोरखपुर ब्यूरो, वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज
गोरखपुर। निवेश के नाम पर बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। शहर में ‘द लोनी अर्बन मल्टी स्टेट थेफ्ट कोऑपरेटिव सोसाइटी’ के नाम से संचालित एक फर्जी कंपनी ने लोगों का भरोसा जीतने के लिए शहर के चार अलग-अलग स्थानों पर एटीएम लगाए। इन एटीएम के माध्यम से सभी बैंकों के कार्ड से लेन-देन की सुविधा दी गई थी। लोगों ने इसे देखकर बड़ी संख्या में निवेश किया, लेकिन अब वही कंपनी करीब आठ करोड़ रुपये लेकर फरार हो गई है।

चार स्थानों पर लगाए थे एटीएम, बढ़ा निवेश

जानकारी के अनुसार, साल 2022 में कंपनी ने बरगदवां, मोहरीपुर, शाहपुर और मेडिकल कॉलेज के पास एटीएम लगाए थे। कंपनी के एजेंटों का कहना है कि इन एटीएम में सभी बैंकों के कार्ड से ट्रांजेक्शन होता था, जिससे लोगों को विश्वास हो गया कि कंपनी विश्वसनीय है। निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ी और करोड़ों रुपये कंपनी के पास जमा हो गए।

2024 की शुरुआत में बंद हो गए एटीएम

कंपनी ने जनवरी 2024 में सभी एटीएम को यह कहकर बंद कर दिया कि अब लोग ऑनलाइन ट्रांजेक्शन अधिक कर रहे हैं और एटीएम का खर्च निकालना संभव नहीं है। इसके बाद कंपनी के मुख्य संचालक बाबूलाल गुप्ता और राघवेंद्र तिवारी समेत अन्य लोग फरार हो गए। कंपनी की वेबसाइट भी बंद कर दी गई।

500 से अधिक निवेशकों के डूबे पैसे

बताया जा रहा है कि इस फर्जीवाड़े में शहर के 500 से अधिक लोगों ने निवेश किया था, जिनका कुल करीब आठ करोड़ रुपये कंपनी लेकर फरार हो गई है। कंपनी 2017 से गोरखपुर में सक्रिय थी और कई बार अपने कार्यालय का स्थान बदल चुकी थी।

पुलिस ने मांगी निवेशकों की सूची

रविवार को दर्जनों पीड़ित कोतवाली थाना पहुंचे और पुलिस को कंपनी से जुड़े दस्तावेज सौंपे। पुलिस ने एजेंटों से निवेशकों की पूरी सूची मांगी है ताकि यह पता चल सके कि कितने लोगों को नुकसान हुआ है। शिकायतकर्ताओं में संजय अग्रहरि, विशाल गुप्ता, अजय यादव समेत कई एजेंट शामिल रहे।

11 लोगों पर दर्ज हुआ केस

संजय अग्रहरि की तहरीर पर पुलिस ने कुल 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इनमें वाराणसी के मुरारी मिश्रा, बाबूलाल गुप्ता, राघवेंद्र तिवारी, बीएल गुप्ता, पुणे के समीर अग्रवाल (सीएमडी), सानिया अग्रवाल, शबाब हुसैन, अनूप जैन, संजय मुद्गिल, आरके शेट्टी और अभय राय शामिल हैं।

पीड़ितों का कहना है कि मुरारी मिश्रा खुद भी निवेशक हैं और उनके भी लाखों रुपये कंपनी के पास डूबे हैं।

पुलिस कर रही जांच

कोतवाली प्रभारी निरीक्षक छत्रपाल सिंह ने बताया कि एजेंटों से कंपनी से जुड़े कागजात और निवेशकों की जानकारी मांगी गई है। मामले की विस्तृत जांच जारी है और जल्द ही आरोपी पकड़े जाएंगे।


वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज

Jitendra Maurya

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