
सोनभद्र, उत्तर प्रदेश(राकेश कुमार कन्नौजिया)_
झारखंड सीमा से सटे सोनभद्र जिले के आदिवासी बहुल दुद्धी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विंढमगंज में स्थित भारतीय इंटर कॉलेज की स्थिति आज भयावह रूप ले चुकी है। यह विद्यालय, जहाँ करीब (1000 ) हजार छात्र-छात्राएं, अधिकतर गरीब, दलित और आदिवासी परिवारों से आते हैं, आज जर्जर भवन की दीवारों और छतों के नीचे शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं।
विद्यालय के कई कक्ष पहले ही धराशायी हो चुके हैं, और जो बचे हैं वे कभी भी गिरने की स्थिति में हैं। खासकर कक्षाओं की छतें अब ‘मौत का साया’ बनकर लटक रही हैं, जिससे विद्यालय का हर दिन डर और दहशत के बीच बीतता है। शिक्षक भी छात्रों के साथ इसी भय में ड्यूटी निभा रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को बार-बार ज्ञापन और मांग पत्र सौंपे गए, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई।
हमें डर है कि कहीं झालावाड़ जैसा हादसा विंढमगंज में न हो जाए एक शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में सभी स्कूल-कॉलेजों के भवनों की संरचनात्मक सुरक्षा जांच (सुरक्षा ऑडिट) कराने का आदेश दिया है, पर यह आदेश विंढमगंज तक शायद नहीं पहुंचा।
स्थानीय ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने सरकार और प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। वे चाहते हैं कि या तो नई बिल्डिंग का निर्माण हो या बच्चों को सुरक्षित भवन में स्थानांतरित किया जाए, जिससे कोई अनहोनी न हो।
अब देखना यह है कि शासन-प्रशासन कब जागता है — किसी हादसे के बाद या उससे पहले?