ये कहानी सिद्धार्थनगर जिले के लोटन कोतवाली क्षेत्र के भिटपरा ग्राम पंचायत के बरगदवा गांव की है.
इसी गांव का रहने वाला 38 वर्षीय अनिल राजभर मुंबई में काम करता था. चार महीने बाद काम करके कुछ पैसा कमा कर वह खुशी-खुशी अपने घर लौट रहा था. घर पर उसकी बीवी, बच्चे और भाई-बहन उसके आने का इंतजार कर रहे थे. अनिल राजभर मुंबई से 15 दिसंबर की सुबह अंतोदय ट्रेन से सिद्धार्थनगर के लिए खुशी-खुशी निकला. उसने ट्रेन में बैठकर घर वालों से बात भी की. सब कुछ सामान्य था.करीब 11:00 बजे उसने घर अपनी बीवी को फोन कर बताया कि उसके पीछे ट्रेन में कुछ बदमाश लग गए हैं और उनसे उसकी कुछ कहासुनी भी हो गई है. उसे डर है कि वे लोग उसे मार डालेंगे. उसने अपनी बीवी को बताया कि मैंने चुपके से उनकी फोटो भी खींच ली है, जिसे मैं भेज रहा हूं. अगर मेरे साथ कुछ घटना होती है तो इसकी जिम्मेदार यही लोग होंगे. तुम इन लोगों को छोड़ना नहीं. यह सुनकर घर वाले परेशान हो गए और फिर उससे संपर्क बनाए रहे, लेकिन दिन में दो बजे के बाद उससे संपर्क नहीं हो सका. इसी परेशानी और उधेड़बुन में रात के 11:00 बज गए. अनिल राजभर की पत्नी और भाई के अनुसार 16 दिसंबर की रात 2:00 बजे मध्य प्रदेश के शामगढ़ थाने से उनके पास फोन आया और वहां के थाना इंचार्ज ने उन्हें वह दहला देने वाली खबर दी, जिसका उन्हें अंदेशा था.
थानाध्यक्ष ने बताया कि शामगढ़ स्टेशन की पटरी के पास एक शव मिला है, जिसमें मौजूद आधार कार्ड और मोबाइल से यह अंदेशा है कि यह अनिल राजभर का है. आप लोग यहां आकर शव की शिनाख्त कर लें. यह सुनकर अनिल के घर पर कोहराम मच गया. उसका बड़ा भाई और कुछ रिश्तेदार बताए गए पते पर पहुंचे और वहां उन्होंने अपने भाई के शव को देखा. उसके भाई ने बताया कि अनिल का शव टुकड़ों में बंट गया था. सर और एक हाथ भी गायब था. बचे हुए कपड़े और शव के हिस्सों से उन्होंने अपने भाई का शव होने की पुष्टि की.अनिल के भाई ने बताया कि शामगढ़ थाने की पुलिस ने मामले की ट्रेन दुर्घटना में मौत की एफआईआर तो दर्ज की है, लेकिन शव का पोस्टमार्टम कराया गया या नहीं इसके बारे में पूछने पर उन लोगों को कोई भी सही जानकारी नहीं दी गई. शव से मिले कपड़े और अन्य सामानों को पुलिस ने अपनी सुपुर्दगी में लेकर शव को उन्हें सुपुर्द कर दिया.मृतक अनिल राजभर के परिजनों का कहना है कि उनके भाई की हत्या वही व्यक्ति और उसके साथियों ने की है, जिसकी फोटो अनिल ने उन लोगों के पास भेजी थी और अपनी हत्या करने का अंदेशा जाहिर किया था. परिजन भेजी गई तस्वीर में मौजूद व्यक्ति और उसके अन्य साथियों को इस हत्या के लिए दोषी मानते हुए उन्हें ढूंढ कर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.