जालौन के उरई में अवैध ‘बादशाह गुटखा’ का धड़ल्ले से उत्पादन*
*प्रशासनिक लापरवाही से जन स्वास्थ्य खतरे में*
*उरई (जालौन)*
जिले के उरई शहर में अवैध रूप से मिश्रित ‘बादशाह गुटखा’ का उत्पादन और बिक्री जारी है, जिसे लेकर स्थानीय नागरिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों में गहरी चिंता व्याप्त है। यह गुटखा न केवल प्रतिबंधित होने के बावजूद खुलेआम बेचा जा रहा है, बल्कि इसके सेवन से कैंसर सहित मुंह के छाले, पाचन तंत्र की गंभीर बीमारियाँ, और हृदय रोग जैसी एक दर्जन से अधिक स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होने की आशंका जताई जा रही है।
*प्रमुख बिंदु*
1. **अवैध उत्पादन का खुला खेल*
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, उरई के कुछ इलाकों में छिपे हुए ठिकानों पर तंबाकू युक्त मिश्रण वाला ‘बादशाह गुटखा’ बनाया जा रहा है। यह उत्पादन पूरी तरह गैरकानूनी है, क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले ही गुटखा और तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगा रखा है।
2. *प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल*
नागरिकों का आरोप है कि प्रशासन इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई नहीं कर रहा है। गुटखा की बिक्री रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं, जिससे अफवाहें फैल रही हैं कि प्रशासन और निर्माताओं के बीच मिलीभगत हो सकती है।
3. *स्वास्थ्य को गंभीर खतरा**
डॉक्टर बताते हैं कि *”इस गुटखे में कैंसरकारक रसायनों की मात्रा अंतरराष्ट्रीय मानकों से कहीं अधिक है। यह युवाओं और बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रहा है।”*
*नागरिकों का आक्रोश*
उरई के रहवासी मोहन लाल ने कहा, *”पुलिस और प्रशासन को बार-बार शिकायत दी गई, लेकिन दुकानदारों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह साफ तौर पर भ्रष्टाचार का मामला है।”*