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परिक्षा में तनाव मुक्त होकर करें तैयारी -राज कुमार अश्क

*परीक्षा में कैसे रहे तनाव मुक्त*

जौनपुर।परीक्षा के समय विद्यार्थियों में तनाव होना लाजमी होता है जिसका असर उनके पढाई पर पड़ता है और माता पिता भी इस चिंता से मुक्त नहीं रह पाते हैं, तो इस लेख के माध्यम से मैं अपना निजी विचार रखने का प्रयास कर रहा हूँ जिससे बोर्ड परीक्षा में विद्यार्थी और उनके माता पिता तनाव मुक्त होकर अपने बच्चों को परीक्षा देने में मदद कर सकें.

बच्चों हमारा सम्पूर्ण जीवन ही परीक्षा की एक धुरी के इर्दगिर्द हमेशा घुमता रहता है फिर वह चाहें कैरियर बनाने के लिए दी जानें वाली परीक्षा हो या संघर्ष मय जीवन जीने की परीक्षा हो. ऐसे में तनाव होना लाजमी है, मगर उस तनाव को अपने ऊपर हावी हो जाने देना वही हमारी पहली हार की सीढ़ी बनता है. आप अपने आपको उस आने वाली परीक्षा के लिए तब तैयार करते हैं जब परीक्षा की तारीख़ घोषित हो जाती है या जब परिस्थितियां आपके विपरीत होने लगती है, यही आपकी सबसे बडी़ भूल होती है, आप अपने आपको उस दिन से ही बोर्ड परीक्षा के लिए तैयार करना शुरू कर दीजिए जिस दिन से आपने दाखिला लिया था, फिर देखिए यही बोर्ड परीक्षा आपको कितनी रोचक लगती है. मैं उन सभी माता पिता से भी कहना चाहूगा कि आप अपने बच्चों के ऊपर पढाई को लेकर विशेष प्रेशर न बनाए, बोर्ड परीक्षा एक ऐसी परीक्षा होती है जिसकों लेकर हर विद्यार्थी तनाव में रहता है उस पर से माता पिता का प्रेशर देना उस तनाव को और भी बढा देता है, उन माता पिता के लिए मेरा सुझाव है कि आप अपने बच्चें के खानपान पर विशेष ध्यान दीजिये और उन्हें समझाईए कि यह सिर्फ एक नार्मल परीक्षा है इसको लेकर इतना तनाव लेने की जरूरत नहीं है, बस तुम हर सब्जेक्ट को समय समय पर रिवीजन करते रहो और किसी चीज़ को रटने की कोशिश मत करो उस चीज़ को समझों. कागज़ का एक टुकड़ा आपकी योग्यता का पैमाना तय नहीं करता है,ऐसा मेरा मानना है। मैं अपने नीजि जीवन की कुछ बातें आपके समक्ष रख रहा हूँ, शायद आप को कुछ मदद मिल सकें। जब मैं हाई स्कूल में था तभी परिस्थितियाँ मेरे प्रतिकूल हो गई। और मैने छोटे छोटे बच्चों का ट्यूशन पढा़ना शुरू कर दिया अपनी पढ़ाई का समय मैं बच्चों को देने लगा जिससे मेरी पढ़ाई पर प्रभाव पड़ना लाजमी था। मगर मैने मैनेज करना शुरू किया, और सब्जेक्ट को दिनों में बाट दिया। जैसे सोमवार को यदि हिन्दी तैयार करनी है तो मंगलवार को अंग्रेजी, बुधवार को विज्ञान आदि। मैने कभी किसी सब्जेक्ट को रटा नहीं उसे समझ कर पढा़। इससे मुझे यह फायदा हुआ कि मेरा कोर्स रिवीजन होने के साथ साथ तैयार होता गया। दिन में मैं बच्चों को पढा़ता था और रात के समय मैं अपना कोर्स तैयार करता था।

परीक्षा में तनाव को दूर करने के लिए नीचे कुछ बिन्दुओं को मैं लिख रहा हूँ जिसे यदि आपने अपनाया तो यकीन मानिए आप अवश्य सफल होगें ऐसा मुझे पुर्ण विश्वास है

1-उस सब्जेक्ट पर आप विशेष फोकस करिए जो सब्जेक्ट आपको परेशान करते हैं, जैसे आप हिन्दी, संस्कृत, इतिहास पर आप अगर एक एक घंटे का समय देते हैं मगर अंग्रेजी आपको उबाऊ सब्जेक्ट लगता है वह आपको जल्दी याद नहीं होता है तो उस पर आप अन्य सब्जेक्ट की अपेक्षा ज्यादा समय दीजिये। उसको रटिए नही उसके सारांश को समझ कर उसको पढ़िए।

2- कुछ बच्चों की मैथ बहुत अच्छी होती है मगर हिन्दी और अंग्रेज़ी कमज़ोर होती है तो आप इन दोनों सब्जेक्ट के बीच में मैथ को करिये. जैसे पहले आप हिन्दी पढि़ए फिर मैथ उसके बाद अंग्रेजी.इन सबके बीच में आधे घंटे का अंतर अवश्य रखिये.

3- आप लगातार किसी एक ही सब्जेक्ट को मत पढि़ए बीच बीच में थोड़ा अन्तराल जरूर रखिये. जैसे आपने बायोलॉजी पढा़ और फिर तुरंत आप कमेस्द्री पढ़ना शुरू कर देते हैं, यह गलत तरीका है बीच में आधे घंटे का अन्तराल करके फिर कमेस्द्री पढि़ए इसी तरह अन्य सब्जेक्ट के साथ भी करिये.

4- बहुत से बच्चों को देखा गया है कि वो परीक्षा हाल में जातें समय भी कुछ पढ़ते हुए जातें हैं यह तरीका गलत है, परीक्षा शुरू होने से कम से कम 45 मिनट पहले आपको कापी किताब सब बंद करके रख देना चाहिए और थोड़ा बहुत इधर उधर टहल लेना चाहिए, जिससे आप बिलकुल तनाव मुक्त हो सकें.

5- परीक्षा के समय एक विशेष बात लगभग हर बच्चे में देखने को मिलती कि वह देर रात तक जाग कर पढा़ई करते है ऐसा करना किसी भी तरह से परीक्षा के समय हितकर नहीं है.

परीक्षा के समय आपको भरपूर नींद की आवश्यकता होती है जिससे आप तनाव मुक्त रह सकें. जल्दी सोना और जल्दी उठना यह तो हम सभी जानते हैं कि हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना जरुरी है यही नियम हमें परीक्षा के समय भी अपनाने की जरूरत होती है. सुबह भोर में उठकर थोड़ा ताजी हवा में घुमकर अपने आपको फ्रेश करें फिर अपना नित्य कर्म से निवृत्त होकर पढ़ने बैठे और परीक्षा सेंटर जाने से लगभग 45 मिनट पहले कापी किताब बंद करके अपने आपको रिलैक्स करिए.

6- बहुत से ऐसे बच्चे होतें है जो परीक्षा हाल के बाहर बैठ कर तब तक पढ़ते हैं जब तक कि आखिरी घंटी नहीं बज जाती, यह गलत तरीका है परीक्षा हाल में परीक्षा शुरू होने से कम से कम दस मिनट पहले पहुचना चाहिए और अपनी सीट पर बिलकुल तनावमुक्त हो कर बैठना चाहिए, बेकार की बातें अपने सहपाठियों से न करके सब्जेक्ट के according बात करिये इससे होगा यह कि अगर किसी चीज़ की जानकारी आपको नही है तो हो सकता है आपके सहपाठी को हो उससे आपको मदद मिल जाएगी।

7- बहुत से बच्चे ऐसे होते हैं जो पेपर मिलतें ही लिखना शुरू कर देते हैं, नहीं यह गलत तरीका है पहले आप उस पेपर को कम से कम तीन बार ध्यान पूर्वक अवश्य पढिए, और फिर दिए गयें प्रश्नों को तीन भागों में बाटिए जैसे सबसे पहले आप उन प्रश्नों को करना शुरू कीजिये जो आपको पुरी तरह से याद है, फिर उन प्रश्नों को करिये जिन्हें कुछ सोच कर करने की आवश्यकता महसूस हो रही है. और सबसे बाद आप उन कठीन प्रश्नों को करने की कोशिश कीजिये जो आपको परेशानी में डाल रहे हैं, इससे होगा यह कि आप उन प्रश्नों का सटीक उत्तर दे सकते हैं, जो आपने याद किया है और कोई प्रश्न आप से छूटेगा नहीं।

8- बहुत से बच्चों की यह शिकायत रहती है कि इस प्रश्न का उत्तर तो मुझे आ रहा था मगर समय समाप्त हो गया और छूट गया, तो इस समस्या से बचने का एक सबसे सरल उपाय यह है कि आप की लिखने की Speed अच्छी होनी चाहिए.और इसके लिए आपको प्रतिदिन कम से कम चार पन्ना नकल लिखने की आदत डालनी पड़ेगी।

मैं उन माता पिता से भी कहना चाहता हूँ आप का लड़का बहुत अच्छा करेगा बस आप उसे बिना कारण दबाव मत दीजिए। उसके खानपान का विशेष ध्यान रखिये और घर को तनाव मुक्त वातावरण में रखने का प्रयास कीजिये। घर का तनाव बच्चे की पढ़ाई को विशेष रूप से प्रभावित करता है।

यदि आप इन छोटी छोटी बातों पर विशेष ध्यान देते हैं तो यकीन मानिए सफलता आपको जरूर मिलेगी.

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