हरदोई। एसपी नीरज कुमार जादौन का कार्रवाई करने का सिलसिला जारी है। उनके द्वारा भ्रष्टाचार की शिकायत पर जांच कराकर कार्रवाई की जा रही है। अब एसपी ने गौसगंज चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक अभय कुमार सिंह को निलंबित किया है और सीओ संडीला को 7 दिनों में जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए है। इससे पहले एक दरोगा समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जा चुका है और तीन पर भ्रष्टाचार अधिनियम की एफआईआर भी दर्ज हुई है।�
हरदोई में कार्यभार ग्रहण करने के बाद IPS नीरज कुमार जादौन ने अधीनस्थों को अपनी कार्यशैली से अवगत करा दिया था। उन्होंने कहा था कि सभी अपनी कार्यशैली में सुधार कर ले नहीं तो भ्रष्टाचार करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वाबजूद इसके पुलिसकर्मियों ने अपनी कार्यशैली को नहीं सुधारा। जिससे एक के बाद एक पांच पुलिसकर्मी कार्रवाई के जद में आ चुके है। जिसमें दो दरोगा समेत पांच पुलिसकर्मी शामिल है। एक दरोगा और दो पुलिसकर्मियों सहित तीन पर एफआईआर भी दर्ज हुई है।�
आज सीओ संडीला की जांच में दोषी पाए जाने पर कासिमपुर थाना क्षेत्र के गौसगंज चौकी इंचार्ज अभय कुमार सिंह को एसपी ने निलंबित कर दिया है। दरोगा पर पीड़ित से फोन पे के माध्यम से रिश्वत लेने का आरोप था। जांच में तथ्य सही पाए जाने पर एसपी ने कार्रवाई की है। साथ ही सीओ संडीला शिल्पा कुमारी को 7 दिनों में जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।�
सवाल ये खड़ा होता है कि पहले से भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे पुलिसकर्मी एएसपी पूर्वी और सीओ को क्यों नहीं नजर आए। जब तेजतर्रार एसपी नीरज कुमार जादौन ने हरदोई जिले में दस्तक दी। तबसे ही ऐसे मामलों में क्यों कार्रवाई की जा रही हैं। हाल ही में मल्लावां में प्रभारी के तौर पर तैनात रहे वर्तमान में सवायजपुर के प्रभारी निरीक्षक निर्भय सिंह ने होमगार्ड से डेढ़ लाख रूपये लिए थे। जिसकी जांच तत्कालीन एसपी से लेकर एएसपी पूर्वी तक ने की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद इंस्पेक्टर निर्भय सिंह को शह देते हुए सवायजपुर कोतवाली का चार्ज दे दिया गया जोकि कौतूहल का विषय बना है। नवागंतुक एसपी के आने के बाद फिर से होमगार्ड ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर शिकायत की लेकिन उस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई हैं। ऐसा लगता है उस शिकायतीपत्र की सूचना एसपी नीरज कुमार जादौन तक नहीं पहुंची हैं।�
एसपी नीरज कुमार जादौन ने सभी अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को निर्देशित किया है कि कोई भी पुलिसकर्मी ऐसा कोई कृत्य न करे। जिससे पुलिस विभाग की छवि धूमिल होती हो। विधि के प्रतिकूल तथ्य संज्ञान में आने पर संबंधित के विरुद्ध कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी।�