
आरा। उप-विकास आयुक्त भोजपुर विक्रम वीरकर की अध्यक्षता में सम्भावित बाढ़ 2024 को लेकर समीक्षा बैठक की गई। उक्त बैठक में नगर आयुक्त, भोजपुर आरा सिविल सर्जन, अनुमण्डल पदाधिकारी सदर आरा, डीएओ, डीईओ, जिला प्रबंधक राज्य खाद्य निगम, डीपीओ, आईसीडीएस, जिला पशुपालन पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमण्डल आरा, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी, आरा पथ प्रमण्डल, आरडब्लुडी, बीडीओ बड़हरा, उदवंतनगर, अंचल अधिकारी सदर आरा, कोईलवर, उदवंतनगर, बिहियाँ एवं शाहपुर, पीएचसी प्रभारी चिकित्सक, सदर आरा, बडहरा कोईलवर, उदवंतनगर, बिहियाँ एवं शाहपुर, सीडीपीओ सदर आरा, बड़हरा, कोईलवर, उदवंतनगर, बिहियाँ एवं शाहपुर उपस्थित थे।
सर्वप्रथम उप विकास आयुक्त भोजपुर के द्वारा जानकारी दी गई कि भोजपुर जिला में गंगा एवं सोन नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो जाने के कारण बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इस जिले के दो अंचल यथा शाहपुर एवं बड़हरा पूर्णरूपेण तथा बिहियाँ, सदर आरा, उदवन्तनगर एवं कोईलवर आंशिक रूप से प्रभावित होते है।अद्योहस्ताक्षरी द्वारा बाढ प्रभावित अंचलों में की गई तैयारियों की समीक्षा हेतु संबंधित अनुमण्डल पदाधिकारी को एक सप्ताह के अन्दर बैठक करने का निदेश दिया गया है। समीक्षोपरांत संबंधित पदाधिकारियों को निम्नांकित निदेश दिये गये की वर्षा मापक यंत्र पूर्व में प्रतिवेदित अंचल बड़हरा अन्तर्गत खराब वर्षा मापक यंत्र को सही कर लिया गया है। वर्तमान में सभी 14 प्रखण्डों में वर्षा मापक यंत्र कार्यरत है। सम्भावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्र एवं संकटग्रस्त व्यक्ति समूहो की पहचान जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस, भोजपुर को निराश्रितों, दिव्यांगों, बिमार व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं एवं धातु माताओं की सूची विशेष रूप से तैयार कर 3 दिनों के अन्दर उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया है। वहीं तटबंधों की सुरक्षा कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमण्डल आरा द्वारा जानकारी दी गई कि जिला अन्तर्गत सभी 09 तटबंधों का संयुक्त निरीक्षण कर लिया गया है। असुरक्षित स्थानों पर खाली बोरे, लोहे के जाल एवं बालू की व्यवस्था कर ली गई है। वर्तमान में तटबंध के निगरानी हेतु 11 कर्मियों, मजदुरों की प्रतिनियुक्ति जोकहरी से महुली तक की गई है। उप विकास आयुक्त, भोजपुर द्वारा सभी संवेदनशील स्थानों बालू तथा ईसी बैग की समुचित व्यवस्था करने का निदेश दिया गया।
*12 नाव की उपलब्धता* बाढ़ प्रवण क्षेत्र के अंचल अधिकारी को निदेश दिया गया है कि निजी नाव से एकरारनामा तथा निबंधन अचूक रूप से करवा कर आपदा प्रबंधन प्रशाखा, भोजपुर आरा को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
*पशु चारा एवं पशु दवा की उपलब्धता की स्थिति* जिला पशुपालन पदाधिकारी भोजपुर द्वारा पशु चारा का दर निर्धारण 30 मार्च 2024 को निविदा द्वारा आपूर्तिकर्ता का चयन कर लिया गया है। उप विकास आयुक्त भोजपुर द्वारा पूर्व के बाढ़ वर्ष 2016, 2019 एवं 2021 के आधार पर वर्तमान में पशुचारा की व्यवस्था करना सुनिश्चित करने तथा पशुचारा की उपलब्धता हेतु चयनित आपूर्तिकत्ता से भण्डारण के संबंध में स्पष्ट प्रतिवेदन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। उप विकास आयुक्त भोजपुर द्वारा जिला तथा सभी प्रखण्ड स्तर पर पशु चिकित्सालयों में पशु चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति तथा पशु दया की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु निदेश दिया गया है। *शुद्ध पेयजल की व्यवस्था* बाढ़ प्रभावित अंचलो में चयनित शरण स्थलों पर खराब हुए चापाकलों की मरम्मति तत्काल करवाई जाय। इसके लिए कार्यपालक अभियंता, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण को निदेश दिया गया कि वे बाढ़ शरण स्थल की सूची संबंधित बाढ़ क्षेत्र के अंचल अधिकारी से प्राप्त करेगें।पेयजल की शुद्धता को सुनिश्चित करने हेतु पर्याप्त संख्या में क्लोरिन टेबलेट की व्यवस्था कर ली जाय।जेनरेटर सेट, महाजाल की व्यवस्था जेनरेटर सेट, टेन्ट, खाली सिमेन्ट की बोरियों इत्यादि की उपलब्धता का विशेष रूप से मानचित्रण किया जाय। उक्त संदर्भ में अंचल अधिकारी को स्थानीय बाजार से आपूर्तिकर्ता का चयन करने का निदेश दिया गया है।
*सड़को की मरम्मती* कार्यपालक अभियंता पथ प्रमण्डल आरा एवं कार्यपालक अभियंता, आरडब्लुडी आरा एव॔ जगदीशपुर को बाढ़ के पूर्व जिले की मुख्य सड़को, विशेष कर जिला मुख्यालय से प्रखण्ड, अंचलों को जोड़ने वाली सड़को की मरम्मती करा ली जाये।पुल-पुलिया की भी मरम्मती कर के उन्हें यातायात के लिए सुगम बना ली जाये। जिला अन्तर्गत पुल-पुलिया के नीचे भेन्ट की सफाई ससमय कराने का निदेश दिया गया है।नाव, लाईफजैकेट, मोटरवोट के परिनियोजन की अकास्मिक व्यवस्थाः बाढ़ के समय जिले के किसी भी स्थान पर किसी भी समय लोगो के बचाने की आवश्यकता पड़ सकती है।अतः नाव, लाईफ जैकेट, मोटरयोट, आदि परिनियोजन हेतु एक अकास्मिक योजना तैयार कर ली जाये।
*शरण स्थलों की पहचान* भोजपुर जिला अंतर्गत चिन्हित शरण स्थल में मूलभूत सुविधा यथा शौचालय, चापाकल इत्यादि का भौतिक सत्यापन कराने का निदेश सभी संबंधित अंचल अधिकारी को दिया गया। मोबाईल मेडिकल टीम एवं मेडिकल कैम्प तथा मानव दवा की व्यवस्था सिविल सर्जन को निदेश दिया गया कि बाढ़ के समय अधिक मात्रा में उपयोग आवश्यक दवाएँ यथा, सर्पदंश की दवाएँ, क्लोरिन टैबलेट, ओआरएस घोल के पैकेट, हैलोजन टैबलेट, एन्टीरेबीज की सूईयाँ, एन्टीबायोटिक दवाएँ, ब्लीचिंग पाउडर आदि का भंण्डारण जिला एवं प्रखण्ड स्तर तक करना सुनिश्चित करेंगें। सभी शरण स्थल पर पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों, पारामेडिकल स्टाफ की प्रतिनियुक्ति तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निष्क्रमित आबादी के निमित मोबोईल मेडिकल टीम की व्यवस्था, जिसमें पर्याप्त संख्या में चिकित्सक, पारामेडिकल स्टाफ की प्रतिनियुक्ति से संबंधित प्रतिवेदन एक सप्ताह के अन्दर आपदा प्रबंधन प्रशाखा को उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया है। *गोताखोर* उप विकास आयुक्त, भोजपुर द्वारा सभी बाढ़ क्षेत्र के अंचल अधिकारियों को निदेश दिया गया है कि ये अद्यतन प्रशिक्षित गोताखोरो का नाम एवं मोबाईल नम्बर संधारित करते हुए आपदा प्रबंधन प्रशाखा, भोजपुर को उपलब्ध करायें।
*अकास्मिक फसल योजना* इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी, भोजपुर को निदेश दिया गया है कि वे बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के लिए अकास्मिक फसल योजना बनायेगें, ताकि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में धान की फसल, बिचड़ों की क्षति होने पर बिचडें उपलब्ध करायी जा सकें एवं वैकल्पिक फसल उगाई जा सकें।
*बाढ़ प्रभावितों की GR वितरण हेतु आधार सीडिंग एवं डाटा अपडेशन की स्थिति* भोजपुर जिला अंतर्गत बाढ़ प्रभावित परिवारो का पूर्व में अपलोड सूची का भौतिक रूप से सत्यापन करते हुए वर्तमान सम्पूर्ति पोर्टल पर पीएफएमएस द्वारा अस्वीकृत डाटा को शीघ्र सुधार करने का निदेश दिया गया है।
*अनुग्रह अनुदान* अनुग्रह अनुदान के मामलों के शीघ्र निष्पादन हेतु सभी अनुमंडल पदाधिकारी एवं सभी अंचल अधिकारी को प्रत्येक 15 दिनों पर समीक्षा करते हुए जिला को अभिलेख की अद्यतन स्थिति उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया है।