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ज्ञान ज्योति आवासीय विद्यालय आरा में आयोजित दो दिवसीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी में 425 से अधिक प्रोजेक्ट लगाए गए

दो दिवसीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी में 425 से अधिक प्रोजेक्ट लगाए गए

आरा। ज्ञान ज्योति आवासीय विद्यालय आरा में बाल विज्ञान प्रदर्शनी के दो दिवसीय आयोजन का उद्घाटन शनिवार को बड़े धूम-धाम के साथ सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि स्वरूप पधारे प्रो. रणविजय, भाई ब्रह्मेश्वर, डॉ. एस. के. रूंगटा, प्रो. नीरज, डॉ. कुमार जितेन्द्र, डॉ. सविता रूंगटा, डॉ. अन्नपूर्णा प्रसाद के साथ विद्यालय के निदेशक डॉ. आदित्य बिजय जैन, प्राचार्या डॉ. सीपी जैन, डॉ. हर्षित जैन, अरिहन्त, सिद्ध, जिनवाणी द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। साथ ही आकाश की उंचाईयों को छूने की तमन्ना लेकर खुले आकाश में गुब्बारे छोड़े गये।

उद्घाटन समारोह में अतिथियों का स्वागत करते हुए विद्यालय के निदेशक डॉ. आदित्य बिजय जैन ने इस आयोजन की विशेषता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि विद्यालय के वर्ग नर्सरी से 12वीं तक के सिलेबस पर आधारित सभी विषयों पर प्रोजेक्ट के माध्यम से विद्यार्थियों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है। डॉ. जैन का कहना है कि विज्ञान केवल भौतिकी, रसायन अथवा जीव विज्ञान तक ही सीमित नहीं है बल्कि किसी भी विषय का विशेष ज्ञान ही विज्ञान है। इसके अन्तर्गत् विज्ञान के अतिरिक्त, हिन्दी, संस्कृत, समाज विज्ञान, भूगोल, इतिहास आदि सभी विषयों को इस प्रदर्शनी में सम्मिलित किया गया है।

वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. रणविजय ने अपने उद्बोधन में कहा की यह विद्यालय पारस पत्थर की तरह है। जो भी विद्यार्थी यहां आते हैं वो स्वर्ण रूप में निखर जाते हैं। भोजपुर ही नहीं पूरे शाहाबाद में ज्ञान ज्योति और जिनवाणी मैनेजमेन्ट कॉलेज का सफल संचालन गर्व की बात है। आज के विज्ञान प्रदर्शनी में विद्यार्थियों की उत्सकता भी भागीदारी को देखते हुए सुनीता विलियम्स और कल्पना चावला की तरह उड़ान भरते हुए इस विद्यालय का नाम पूरे ब्रह्माण्ड में रौशन होगा। साथ ही बिहार की गौरवगाथा बताने वाले स्टॉल से प्रभावित होकर उस ग्रुप के शिक्षकों की भूरी भूरी प्रशंसा किया।
भाई ब्रह्मेश्वर ने आज के इस प्रदर्शनी में भाग ले रहे बच्चों के ज्ञान और प्रदर्शन तकनीक से प्रभावित होकर कहा कि यहां के बच्चे भी मिसाईलमैन डॉ. कलाम के पद्चिन्हों पर चलकर प्रतिभाशाली हो सकते हैं। विद्यालय में गुरूकुल की तरह समर्पण भावना के साथ पूरे विद्यालय में एक पारिवारिक वातावरण दिखता है।
डॉ. एस. के. रूंगटा ने कहा कि छात्रों का उद्देश्य केवल प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पुरस्कार जितना ही नहीं होना चाहिए अपितु सभी प्रकार के आयोजनों में भागदारी करना सबसे आवश्यक है। डॉ. रूंगटा ने अभिभावकों से भी अपील किया कि उन्हें अपने बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ सभी प्रकार के क्रिया कलापों में भागदरी अवश्य सुनिश्चित करना चाहिए।
प्रो. नीरज सिंह ने कहा कि यहां ज्ञान और कला का अद्भूत संगम देखने को मिल रहा है। विभिन्न विषयों पर बच्चों द्वारा की गई तैयारी की प्रशंसा करते हुए नन्हे बच्चों द्वारा पंचायति राज, मानवाधिकार, उपभोक्ता संरक्षण कानून आदि जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सार्वजनिक रूप से विद्यार्थियों द्वारा प्रकाश डालना विद्यालय हित, देशहित, समाहित, राष्ट्रहित, नागरिक हित में अति लाभकारी है।
डॉ. सविता रूंगटा ने इतिहास का उदाहरण देते हुए बताया कि वैज्ञानिकों की जीवन भर का संघर्ष और सफलता प्राप्त करने पर वह इतिहास बनता है और सदियों तक याद किया जाता है। डॉ. कुमार जितेन्द्र ने प्रदर्शनी का भ्रमण कर कहा कि यहां ज्ञान और विज्ञान का अद्भूत सम्बन्ध है। विद्यालय परिवार द्वारा उत्तम प्रबन्धन किया गया है।अरिहन्त बिजय जैन ने बताया कि विद्यालय के 1140 विद्यार्थियों ने उत्सुकता के साथ इस विज्ञान प्रदर्शनी में भाग लिया और 425 से अधिक प्रोजेक्ट लगाए गए हैं। साथ ही भारत सरकार के डाक विभाग द्वारा एक स्टॉल यहां लगाया गया है जिसमें माई स्टैम्प स्कीम के अन्तर्गत् आपकी फोटो वाला डाक टिकट हाथो-हाथ बनाकर दिया जा रहा है। आगत मुख्य अतिथिगण का माई स्टैम्प बनाकर डॉ. सीपी एवं डॉ0 हर्षित द्वारा वहां प्रदान किया गया जिसकी उन्होंने अत्यधिक प्रशंसा की।सिद्ध बिजय जैन के अनुसार आज बच्चों के पास टैलेन्ट की कमी नहीं है। आवश्यकता है उन्हें अपने टैलेन्ट को प्रदर्शित करने के लिए एक सही गाईडेन्स और प्लेटफॉर्म की। ये बच्चे भी अपनी प्रतिभा और मेहनत से राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कीर्तिमान स्थापित कर सकते हैं।
जिनवाणी जैन ने प्रदर्शनी की विशेषता बताते हुए कहा कि केवल बड़े वर्ग के ही नहीं अपितु नर्सरी, केजी के नन्हे बच्चों द्वारा भी अपने सिलेबस के आधार पर प्रोजेक्ट बनाए गए हैं जो अत्यन्त आकर्षक हैं। इस प्रदर्शनी में भारत में प्राचीन काल से अबतक के दुर्लभ सिक्कों को भी प्रदर्शित किया जा रहा है। इससे भविष्य के कर्णधार बच्चों में अपने राष्ट्र के प्रति सम्मान बढ़ता है।
विदित हो कि 26 एवं 27 अक्टूबर को चलने वाले इस दो दिवसीय विज्ञान प्रदशर्नी में अत्यधिक बड़े स्थान पर बड़े-बड़े पण्डालों में लगे बच्चों द्वारा विभिन्न मॉडल के रूप में क्वीज गेम, विभिन्न श्रोत से विद्युत उत्पादन, वाई फाई के स्थान पर अधिक सुरक्षित लाई फाई तकनीकि, वाटर प्यूरिफायर, वर्षा जल संरक्षण, स्वचालित रोबोट, 50 वर्ष का कैलेन्डर, स्मार्ट वाच के चार्जिंग की तकनीकि आदि के स्टॉल अत्यधिक आकर्षक हैं।प्राचार्या डॉ. सीपी जैन ने बताया कि यह प्रदर्शनी ओपेन फॉर ऑल है। विद्यार्थियों एवं अभिभावकों के अलावा जिला के विभिन्न सरकारी तथा गैर सरकारी, नीजि विद्यालयों के छात्र छात्राओं को भी बौद्धिक विकास हेतु आमंत्रित किया गया है। साथ ही पटना साइंस सेन्टर द्वारा बस के रूप चलन्त प्रदर्शनी भी यहां लगाया गया है। साथ ही कल रविवार, 27 अक्टूबर को समापन के अवसर पर पटना साइंस सेन्टर द्वारा साईंस शो का प्रदर्शन किया जाएगा।वाइस प्रिंसिपल डॉ. सर्वेश कुमार ने बताया कि अपने विद्यालय के अलावा शाहपुर के निर्मला शिक्षा भवन, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बन्धा बिहिया, पठान का एम.एस. विद्यालय, उ.म.वि. खरजुरिया, बिशुनपुरा एवं बामपाली, हाई स्कूल बामपाली एवं कारीसाथ आदि के लगभग 500 छात्र-छात्राओं ने अपने विद्यालय के शिक्षकों के इस प्रदर्शनी का भ्रमण किया। राकेश पाठक ने बताया कि हेल्थ एण्ड एजुकेशनल सोसायटी, आरा के अन्तर्गत् संचालित इस ज्ञान ज्योति आवासीय विद्यालय द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी में जिनवाणी मैनेजमेन्ट कॉलेज के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों द्वारा उत्तम प्रबन्धन की व्यवस्था की गई है। साथ ही ज्ञान ज्योति के प्ले गु्रप की नाला मोड़ आरा में संचालित अतिरिक्त शाखा ज्ञान ज्योति नटखट जोन के भी छात्र-छात्राओं एवं शिक्षिकाओं की भागीदारी प्रशंसनीय है।समारोह में श्रीमती रेशू जैन, प्राची जैन, सालिका, नीशित ज्ञान, प्रेम शंकर सिंह, विभू जैन, शाश्वत जैन आदि समेत हजारों की संख्या में अतिथिगण उपस्थित थे।
विज्ञान प्रदर्शनी में प्रोजेक्ट तैयार कराने वालो शिक्षकों में मुख्य रूप से आशुतोष दीक्षित, ज्योति पाण्डेय, अश्वनी कुमार, जयकान्त उपाध्याय, रविरंजन नारायण, कविता कुमारी, अमर कुमार, चंदन कुमार, गरीमा कुमारी, सूरज कुमार, नीतीश कुमार, पुनम कुमारी, चन्दन कुमार, अंजली कुमारी, अनुष्का, गुड़िया, रश्मि, सरीता कुमारी, रीशिद्धा अंशुल, जया कुमारी, श्वेता रंजन, वर्षा, सीमरदीप कौर, सोनाली कुमारी आदि का सहयेाग प्रशंसनीय रहा। कार्यक्रम को सफल बनाने में राकेश पाठक, तबस्सुम बानो, अमित वर्मा, राय सुनील, चतुरानन ओझा, आनन्द, विजय, नेहा, दीक्षा, सुनील शर्मा, फैज अक्रम आदि का सहयोग प्रशंसनीय रहा।

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