अल्जाइमर रोग करता है व्यवहार और रोजमर्रा के कार्य करने की क्षमता को प्रभावित-शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमन सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि
अल्जाइमर रोग एक प्रकार का मनोभ्रंश है जो आपकी सोच, व्यवहार और रोजमर्रा के कार्य करने की क्षमता को प्रभावित करता है।
अल्ज़ाइमर रोग आपके मस्तिष्क में कुछ प्रोटीनों के जमाव के कारण होता है, और समय के साथ बदतर होता जाता है।
यद्यपि अल्जाइमर रोग वृद्ध लोगों में अधिक आम है, लेकिन यह उम्र बढ़ने का सामान्य हिस्सा नहीं है।
यदि आपको स्मरण शक्ति की हानि, परिचित कार्यों या भाषा में कठिनाई, या आपके मूड या व्यक्तित्व में परिवर्तन हो तो अपने डॉक्टर से मिलें।
अल्ज़ाइमर रोग का कोई इलाज नहीं है, लेकिन कुछ दवाएं आपके जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद कर सकती हैं।
थिंक मानवाधिकार संगठन एडवाइजरी बोर्ड मेंबर एवं अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त डॉ कंचन जैन ने कहा कि शुरुआती दौर में अल्ज़ाइमर रोग को पहचान पाना मुश्किल हो सकता है। इसके शुरुआती लक्षण आमतौर पर हाल की घटनाओं को याद रखने में परेशानी और रोज़मर्रा की चीज़ों के लिए सही शब्द खोजने में कठिनाई होते हैं।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, डॉक्टर आरके शर्मा, निदेशक डॉक्टर नरेंद्र चौधरी, शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जैन , डॉ संजीव शर्मा आदि ने कहा कि आपके मस्तिष्क में होने वाले बदलावों से ऐसा लग सकता है कि आपका व्यक्तित्व बदल गया है।अल्जाइमर रोग को रोकने का कोई निश्चित तरीका नहीं है। आप अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखकर अल्जाइमर रोग के विकास के जोखिम को कम कर सकते हैं।