Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में प्रदूषण पर लगाम लगाने के उपायों को लागू करने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट सख्त नजर आया. कोर्ट ने पूछा कि GRAP-4 लागू करने में देरी क्यों की गई? फटकार लगाते हुए शीर्ष कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार ने क्या किया बताएं?
पीठ ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर सुनवाई करते हुए कहा कि यदि AQI 400 से नीचे भी आता है तो भी हम आपको GRAP-4 को वापस लेने की अनुमति नहीं देंगे. अदालत की अनुमति के बिना GRAP-4 को वापस नहीं लिया जाना चाहिए.
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने याचिका पर सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट 14 नवंबर को इस याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर राजी हो गया था. कोर्ट से अनुरोध किया गया था कि दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर न बन जाये इसलिए याचिका को तत्काल सूचीबद्ध किया जाये.
आज जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन की बेंच सुनवाई कर रही है। कोर्ट ने इस दौरान कई टिप्पणियां की। कोर्ट ने कहा कि ग्रेप 3 लागू करने के लिए 3 दिन का इंतजार क्यों किया गया? जबकि ग्रैप 4 के लागू करने को लेकर कोर्ट से सहमति व्यक्त की।
कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि GRAP-4 लागू करने में देरी क्यों की गई?
अदालत ने प्रदूषण मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि GRAP-4 लागू करने में तीन दिन की देरी क्यों की गई? दिल्ली सरकार ने इस पर क्या किया कारण बताएं.
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने दिल्ली और इससे सटे इलाकों में प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर सुनवाई करते हुए कहा कि हम यह जानना चाहते हैं कि दिल्ली सरकार ने क्या किया है. अब अगर AQI 400 से नीचे भी आता है तो भी हम आपको GRAP-4 को वापस लेने की अनुमति नहीं देंगे. हम यही आदेश देने का प्रस्ताव रखते हैं. आप अदालत की अनुमति के बिना GRAP-4 को वापस नहीं लेंगे.
एमिकस क्यूरे अपराजिता सिंह ने 14 नवंबर को ही दिल्ली में खतरनाक होते प्रदूषण के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई करने की मांग करते हुए कहा था कि आज हम गंभीर स्थिति में हैं. अब तो स्थिति भयानक गंभीर हो चुकी है लेकिन सरकार ने अभी तक कोई ठोस उपाय नहीं किया है. हमें दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर नहीं बनने देना चाहिए.
पिछली सुनवाई में बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को फटकार लगाते हुए कहा था कि प्रदूषण से जुड़े मामले में जबतक कठोर फैसला नहीं लिया जाएगा, कुछ नहीं होने वाला.
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर सवाल उठाते हुए पूछा कि अपने स्तर पर उसने क्या उपाय किए हैं? कोर्ट ने सरकार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से पूछा कि जब AQI 401 की सीमा 13 नवंबर को ही पार कर गया था तो तीन दिनों के बाद ग्रेप-4 क्यों लागू किया गया? कोर्ट ने पूछा कि सरकार ने प्रदूषण कम करने को लेकर क्या करवाई की है?
दिल्ली में फिर प्रदूषण से स्थिति खराब…
दिल्ली-एनसीआर में फिर प्रदूषण की स्थिति खराब है. दमघोंटू हवाएं चल रही हैं. सोमवार सुबह से घना कोहरा और प्रदूषण की वजह से धुंध छाई है. ठंड ने भी जबरदस्त दस्तक दी है. कई जगहों पर विजिबिलिटी शून्य रिकॉर्ड की जा रही है. CPCB के आंकड़े कहते हैं कि दिल्ली, देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बन गया है. यहां 13 अलग-अलग स्टेशनों में आंकड़ा 450 को भी पार कर गया है. हरियाणा का बहादुरगढ़ 445 AQI के साथ लिस्ट में टॉप प्रदूषित शहर है.
दिल्ली में कुल 40 निगरानी स्टेशन हैं और इनमें 32 स्टेशन का डेटा कहता है कि यहां हवा की गुणवत्ता गंभीर (AQI 400 प्लस) श्रेणी में है. हालात यह हैं कि दोपहर में भी सड़कों पर वाहनों को लाइट जलाकर चलना पड़ रहा है. रविवार शाम 4 बजे तक AQI 441 तक पहुंच गया था और शाम 7 बजे तक बढ़कर 457 हो गया था. शनिवार को AQI 417 दर्ज किया गया था.
क्या है GRAP?
GRAP-1: खराब (AQI 201-300)
GRAP-2: बहुत खराब (AQI 301-400)
GRAP-3: गंभीर ( AQI 401 से 450)
GRAP-4: बहुत गंभीर ( AQI 450 से ज्यादा)
ग्रैप 4 कितना कारगर?
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता संकट हर साल गंभीर रूप लेता है. वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गंभीर प्लस श्रेणी में होने से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. सरकार ने आज से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चौथे चरण को लागू कर दिया है, जो वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सबसे कठोर उपाय के तौर पर माना जाता है.
पिछले साल दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप के पहले चरण को 6 अक्टूबर, दूसरे चरण को 21 अक्टूबर, तीसरे चरण को 2 नवंबर और चौथे चरण को 5 नवंबर को लागू किया गया था. 2023 में ग्रैप 4 कुल 14 दिन लागू रहा था. 19 नवंबर को जब AQI लेवल 319 पर आ गया था, तब ग्रैप 4 की पाबंदिया हटा दी गई थीं और हवा साफ रहने तक ग्रैप 3 लागू रहने के निर्देश दिए गए थे. इसी तरह साल 2022-23 की सर्दियों में भी ग्रैप 4 को सिर्फ 3 दिन लागू रखना पड़ा था
दिन के काम के अंत में मामले की विस्तार से सुनवाई
पीठ ने कहा कि हम चरण 4 के तहत निवारक उपायों को कम करने की अनुमति नहीं देंगे, भले ही AQI 300 से नीचे चला जाए। चरण 4 तब तक जारी रहेगा, जब तक न्यायालय इसकी अनुमति नहीं देता। पीठ ने कहा कि वह दिन के काम के अंत में मामले की विस्तार से सुनवाई करेगी।
दिल्ली-एनसीआर के लिए कड़े प्रदूषण नियंत्रण उपाय लागू
इससे पहले केंद्र की वायु गुणवत्ता समिति ने ग्रैप के चौथे चरण के तहत दिल्ली-एनसीआर के लिए कड़े प्रदूषण नियंत्रण उपाय लागू किए गए। प्रतिबंध सोमवार सुबह आठ बजे से प्रभावी हो गए। इसके तहत ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है और सार्वजनिक निर्माण परियोजनाओं पर अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।
आदेश में क्या-क्या?
आदेश के मुताबिक, आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले या स्वच्छ ईंधन (एलएनजी/सीएनजी/बीएस-VI डीजल/इलेक्ट्रिक) का उपयोग करने वाले ट्रकों को छोड़कर किसी भी ट्रक को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), सीएनजी वाहनों और बीएस-VI डीजल वाले वाहनों को छोड़कर दिल्ली के बाहर पंजीकृत हल्के वाणिज्यिक वाहन भी प्रतिबंध के दायरे में होंगे। राजमार्ग, सड़क, पुल और अन्य सार्वजनिक परियोजनाओं सहित सभी निर्माण गतिविधियों पर अस्थायी रोक रहेगी।
14 नवंबर को तत्काल सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई थी
इससे पहले 14 नवंबर को शीर्ष अदालत ने याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई थी। कोर्ट को बताया गया था कि बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बनने की ओर बढ़ रहा है। ऐसा कतई नहीं होना चाहिए।