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मंडला MP हेमंत नायक✍️
Mp News:-मण्डला -भारत आदिवासी पार्टी के आदिवासी नेता संभागीय अध्यक्ष के नेतृत्व में सौंपा गया ज्ञापन वहीं आदिवासी नेता सुरेन्द्र सिंह सिरश्याम ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 244,13,3(क) के अनुसार मण्डला जिला पांचवी अनूसूची अन्तर्गत आदिवासी बाहुल्य, क्षेत्र है। मॉ नर्मदा नदी अमरकंटक से निकलकर अविरलता से मण्डला शहर के तटीय क्षेत्रों से होकर गुजरती है जो कि मण्डला बड़ा पुल के पास संगम के नीचे नर्मदा नदी का टापू स्थित है यह प्राकृतिक है मूल स्वरूप में विद्यमान है। किन्तु दैनिक समाचार पत्रिका 16 सितम्बर 2024 को प्रकाशित खबर के माध्यम से जानकारी प्राप्तु हुई है कि मध्य प्रदेश शासन की लोक स्वास्थ यांत्रिकी मंत्री मा.संपतिया उइके जी द्वारा सौन्दर्यीकरण करने के निर्देश दिये गए हैं जिसका नाम महाकुम्भ स्थ्ल दिया गया है जिसमें 100 करोड़ रूपये खर्च किया जायेगा। प्रकाशित खबर में यह भी उल्ले्खित है कि पर्यटन, रोजगार और श्रध्दालुओं के लिए विभिन्न प्रकार के निर्माण कराए जायेंगे, नर्मदा परिक्रमावासियों के लिये धर्मशाला बनाया जायेगा, साथ ही नर्मदा नदी की जीवनगाथा का चित्रण तथा भगवान परशुराम, भगवान सहस्त्रााबाहू, नर्मदा जी, भगवान शंकर की प्रतिमा स्थापित करने का जिक्र है। जनजाति संग्रहालय निर्माण का भी उल्लेख है। इसके अलावा गोंड राजाओं जैसे रानी दुर्गावती, राजा शंकरशाह, रघुनाथ शाह इत्यादि महापुरूषों के वृतांत का वर्णन किये जाने की जानकारी प्राप्त हुई है।
हमारा जिला मण्डला अनुसूचित क्षेत्र है चाहे जल, जंगल हो या प्राकृतिक नदी पर्यावरण को संरक्षित करना अति आवश्यवक है। चूंकि नर्मदा नदी का यह स्थल अपने मूल स्वररूप में विद्यमान है, यदि किसी भी प्रकार का निर्माण होता है तो नदी के प्राकृतिक स्त्रोत, अविरलता एवं अस्तित्व, नष्ट होने का खतरा है, जिससे पर्यावरण प्रदूषण होने की संभावना है तथा नदी का बहाव विपरीत परिवर्तित होगा, जिससे मृदा कटाव तेजी से होगा, साथ ही जलचर जीव जन्तुओं पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा, मानव जीवन पर भी इसके गम्भीर परिणाम होंगे। इससे यह भी दुष्प्रभाव होगा कि प्रस्तावित कुम्भ स्थल पर परिक्रमावासी, श्रद्धालु एवं हजारों लोग आयेंगे जायेंगे जिनके ठहरने रूकने से मलमूत्र एवं तमाम प्रकार की गन्दगी नर्मदा नदी में प्रवाहित होगी जिससे नदी का जल पर्यावरण दूषित होगा। इसलिये हम प्रकृति पूजक लोग नर्मदा नदी (टापू) में किसी भी प्रकार के निर्माण, पौराणिक नायकों की प्रतिमा इत्यादि का विरोध करते है ताकि मां नर्मदा स्वच्छ अविरल धारा के साथ नैसर्गिक रूप से यथावत स्थिति विद्यमान रहे। यह कि मण्डला जिला के विकास के लिए सरकारी मद आदिवासी फंड में आता है। जो कि आदिवासी अंचलों में उनके तमाम संवैधानिक व्यवस्था अनुसार खर्च किया जाना था। परन्तु। 100 करोड़ का प्रोजेक्ट गैर- संवैधानिक तरीके से खर्च किये जाना निदंनीय है।
शासन के द्वारा बगैर किसी विशेषज्ञ सर्वेक्षण के मनमाने तरीके से 100 करोड़ का प्रोजेक्ट पारित किया गया है उसमें अविलम्ब रोक लगाई जावे एवं उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जावे। ज्ञापन सौंपकर भारत आदिवासी पार्टी ने खुला चेतावनी दिया है कि इन विषयों पर रोक नहीं लगाया जाता है तो अगामी समय पर मण्डला के समस्त ब्लाकों में आदिवासी अधिकार यात्रा निकालते हुए मध्यप्रदेश सरकार की घेराबंदी करेंगे।