A2Z सभी खबर सभी जिले की

बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर? नीतीश के नेतृत्व पर BJP की कभी हां, कभी ना; CM की खामोशी से गहराया सस्पेंस

बिहार में एनडीए एकजुट है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधानसभा का चुनाव लड़ने को लेकर भी एका है। पर, भाजपा नेताओं के बयान लगातार बदल रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जयसवाल ने पहले कहा कि नीतीश ही चुनाव का नेतृत्व करेंगे। वे 24 घंटे में ही पलट गए। अब कह रहे हैं कि केंद्रीय नेतृत्व ऐसे फैसले लेता है। भाजपा नेताओं के लगातार बदल रहे बयानों के क्या हैं मायने, जानिए इस रिपोर्ट में

पटनाः बिहार में एनडीए एकजुट है। पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए के विधायकों-सांसदों की बैठक बुला कर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में 220 सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया। फिर एनडीए में शामिल सभी घटक दलों के प्रांतीय प्रमुख बैठे। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दो ऐसे बयान बयान आए, जिससे बिहार की राजनीति में खुसुर-फुसुर शुरू हो गई है। प्रदेश स्तर के भाजपा नेता कभी कहते हैं कि विधानसभा का चुनाव नीतीश कुमार के नेतत्व में लड़ा जाएगा तो कभी यह कह कर चौंका देते हैं कि इसके बारे में फैसला केंद्रीय नेतृत्व को लेना है।
Plus
पटना
बिहार
राज्य
भारत
बिजनेस
लाइफस्टाइल
धर्म
खेल
मनोरंजन
दुनिया
टेक
शिक्षा
वीडियो
चुनाव
स्पीकिंग ट्री
यूएस न्यूज़
Viral
अपना बाजार
विचार
यात्रा
संसद सत्र
विजुअल स्टोरीज़
वेब सीरीज
टीवी
फोटो धमाल
ईपेपर
मौसम
ब्रीफ
फाइनेंशियल लिटरेसी
रीजनल सिनेमा
लेटेस्ट न्यूज
फैक्ट-चेक
Hindi NewsstatebiharPatnaNda Alliance In Bihar Uncertain Nitish Kumar Silence And Bjp Changing Statements Increase Suspense
बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर? नीतीश के नेतृत्व पर BJP की कभी हां, कभी ना; CM की खामोशी से गहराया सस्पेंस
बिहार में एनडीए एकजुट है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधानसभा का चुनाव लड़ने को लेकर भी एका है। पर, भाजपा नेताओं के बयान लगातार बदल रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जयसवाल ने पहले कहा कि नीतीश ही चुनाव का नेतृत्व करेंगे। वे 24 घंटे में ही पलट गए। अब कह रहे हैं कि केंद्रीय नेतृत्व ऐसे फैसले लेता है। भाजपा नेताओं के लगातार बदल रहे बयानों के क्या हैं मायने, जानिए इस रिपोर्ट में

Edited byरवि सिन्हा | Written by ओमप्रकाश अश्क | Lipi 21 Dec 2024, 4:13 pm
फॉलो करे
पटनाः बिहार में एनडीए एकजुट है। पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए के विधायकों-सांसदों की बैठक बुला कर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में 220 सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया। फिर एनडीए में शामिल सभी घटक दलों के प्रांतीय प्रमुख बैठे। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दो ऐसे बयान बयान आए, जिससे बिहार की राजनीति में खुसुर-फुसुर शुरू हो गई है। प्रदेश स्तर के भाजपा नेता कभी कहते हैं कि विधानसभा का चुनाव नीतीश कुमार के नेतत्व में लड़ा जाएगा तो कभी यह कह कर चौंका देते हैं कि इसके बारे में फैसला केंद्रीय नेतृत्व को लेना है।
नवभारतटाइम्स.कॉम
nitish kumar

जानिए अमित शाह के बयानों के बारे में

अमित शाह ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा कि बिहार में अगले साल विधानसभा का चुनाव किसके नेतृत्व में होगा, इसका फैसला संसदीय बोर्ड की बैठक में होगा। जेडीयू से इस बारे में बात कर की जाएगी। उसके बाद ही नाम तय होगा कि किसके नेतृत्व में चुनाव होगा। शाह का दूसरा बयान अंडेकर की कांग्रेस सरकारों द्वारा उपेक्षा को लेकर आया। दूसरे बयान का कनेक्शन बिहार से इसलिए जुड़ा कि दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शाह के बयान को अंबेडकर का अपमान बताते हुए नीतीश को एक चिट्ठी लिखी। इसमें उन्होंने भाजपा से अलग होने की नीतीश को सलाह दी है।
Plus
पटना
बिहार
राज्य
भारत
बिजनेस
लाइफस्टाइल
धर्म
खेल
मनोरंजन
दुनिया
टेक
शिक्षा
वीडियो
चुनाव
स्पीकिंग ट्री
यूएस न्यूज़
Viral
अपना बाजार
विचार
यात्रा
संसद सत्र
विजुअल स्टोरीज़
वेब सीरीज
टीवी
फोटो धमाल
ईपेपर
मौसम
ब्रीफ
फाइनेंशियल लिटरेसी
रीजनल सिनेमा
लेटेस्ट न्यूज
फैक्ट-चेक
Hindi NewsstatebiharPatnaNda Alliance In Bihar Uncertain Nitish Kumar Silence And Bjp Changing Statements Increase Suspense
बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर? नीतीश के नेतृत्व पर BJP की कभी हां, कभी ना; CM की खामोशी से गहराया सस्पेंस
बिहार में एनडीए एकजुट है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधानसभा का चुनाव लड़ने को लेकर भी एका है। पर, भाजपा नेताओं के बयान लगातार बदल रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जयसवाल ने पहले कहा कि नीतीश ही चुनाव का नेतृत्व करेंगे। वे 24 घंटे में ही पलट गए। अब कह रहे हैं कि केंद्रीय नेतृत्व ऐसे फैसले लेता है। भाजपा नेताओं के लगातार बदल रहे बयानों के क्या हैं मायने, जानिए इस रिपोर्ट में

Edited byरवि सिन्हा | Written by ओमप्रकाश अश्क | Lipi 21 Dec 2024, 4:13 pm
फॉलो करे
पटनाः बिहार में एनडीए एकजुट है। पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए के विधायकों-सांसदों की बैठक बुला कर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में 220 सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया। फिर एनडीए में शामिल सभी घटक दलों के प्रांतीय प्रमुख बैठे। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दो ऐसे बयान बयान आए, जिससे बिहार की राजनीति में खुसुर-फुसुर शुरू हो गई है। प्रदेश स्तर के भाजपा नेता कभी कहते हैं कि विधानसभा का चुनाव नीतीश कुमार के नेतत्व में लड़ा जाएगा तो कभी यह कह कर चौंका देते हैं कि इसके बारे में फैसला केंद्रीय नेतृत्व को लेना है।
नवभारतटाइम्स.कॉम
nitish kumar

जानिए अमित शाह के बयानों के बारे में

अमित शाह ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा कि बिहार में अगले साल विधानसभा का चुनाव किसके नेतृत्व में होगा, इसका फैसला संसदीय बोर्ड की बैठक में होगा। जेडीयू से इस बारे में बात कर की जाएगी। उसके बाद ही नाम तय होगा कि किसके नेतृत्व में चुनाव होगा। शाह का दूसरा बयान अंडेकर की कांग्रेस सरकारों द्वारा उपेक्षा को लेकर आया। दूसरे बयान का कनेक्शन बिहार से इसलिए जुड़ा कि दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शाह के बयान को अंबेडकर का अपमान बताते हुए नीतीश को एक चिट्ठी लिखी। इसमें उन्होंने भाजपा से अलग होने की नीतीश को सलाह दी है।

सीएम नीतीश की चुप्पी से गहराया सस्पेंस

संयोग देखिए कि केजरीवाल की चिट्ठी नीतीश को मिली और उसके बाद उनकी तबीयत खराब हो गई। अस्वस्थता के कारण उनके सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए गए। बिहार में निवेशकों की बड़ी बैठक- बिहार कनेक्ट में नीतीश को शामिल होना था और राजगीर जाना था। वे नहीं जा पाए। केजरीवाल की चिट्ठी पर उनकी ओर से कोई बयान नहीं आया है। हालांकि जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा का अमित शाह के पक्ष में बयान जरूर आया है। झा ने कहा है कि कांग्रेस ने अंबेडकर को भारत रत्न न देकर उनका अपमान किया। पर, नीतीश कुमार की इस मसले पर चुप्पी से सस्पेंस बना हुआ है। कहने वाले तो यहां तक कह रहे कि अमित शाह के दोनों बयानों से नीतीश कुमार आहत हैं।
भाजपा का नेतृत्व पर कभी हां, कभी ना

एनडीए में शामिल सभी दलों की शुक्रवार को पटना में बैठक हुई। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बैठक के बाद कहा कि 15 जनवरी से एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन की तैयारियों को लेकर बैठक हुई। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में अगला विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के ही नेतृत्व में होगा। अगले ही दिन जायसवाल पलट गए। उन्होंने कहा कि ऐसे मुद्दों पर केंद्रीय नेतृत्व फैसला लेता है। वे छोटे लोग हैं। उनकी राय कोई मायने नहीं रखती। उनका बयान ठीक उस वक्त आया है, जब भाजपा ने बिहार प्रदेश कोर कमिटी की बैठक दिल्ली में बुलाई है और उसमें जायसवाल भी भागीदारी करने वाले हैं।
नीतीश की चुप्पी से भाजपा घबरा गई है?

शाह के दोनों बयान, अरविंद केजरीवाल की नीतीश कुमार को लिखी चिट्ठी, कार्यकर्ता सम्मेलन के संदर्भ में एनडीए की बैठक और लगे हाथ दिल्ली में बिहार भाजपा कोर कमिटी की बैठक से यही लगता है कि नीतीश के रुख को लेकर भाजपा में घबराहट है। यह भी संभव है कि भाजपा किसी दूसरे तरह की तैयारी में लगी है। नीतीश कुमार भी जब खामोश होते हैं तो कोई चौंकाने वाला फैसला ले लेते हैं। जब-जब उन्होंने खामोशी ओढ़ी है, तब-तब पाला बदल किया है। भाजपा को पता है कि नीतीश को नाराज कर ह बिहार में कामयाब नहीं हो सकती, बल्कि ऐसा करना नीतीश कुमार को इंडिया ब्लॉक में शरण लेने को मजबूर करना होगा। यही वजह है कि भाजपा नेता मंथन में जुट गए हैं।

Vande Bharat Live Tv News
Show More

Jitendra Maurya

Bande Bharat Live News TV Ghazipur
Back to top button
error: Content is protected !!