- नीलगाय गेहूं चना मक्का की फैसले को कर रही है नष्ट
- प्रदेश के लगभग 20 से 25 जिलों में किसानों के गेहूं चना मक्का सरसों जैसी फसलों को तबाह कर अन्नदाता की मेहनत के दुश्मन बन रहे हैं नीलगाय जंगली सूअर और बंदर जैसे हालात यह है कि इन शाखाहारी वन्य प्रणालियों की संख्या कई गुना हो चुकी है दरअसल जब जंगल कि कटाई होती है इन वन्य जीवों ने शहर गांवों से लगे खेतों को अपने चारागाह बना लिया मालवा और निमाड़ क्षेत्र के जिले जैसे धार उज्जैन देवास आगर मालवा नीमच रतलाम खंडवा अलीराजपुर झाबुआ जिले समेत नील गायों की समस्या विकराल रूप ले चुकी है किसानों को नुकसान पहुंचाने वाले वन्य जीव किसानों को भी घायल कर चुके हैं माना जाए तो नीलगाय की प्रजनन क्षमता भी बहुत बड़ी परेशानी बन रही है प्रजनन क्षमता में लगभग 2 से 3 बच्चे प्रजनन करने की क्षमता नीलगाय में है
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