वंदे भारत न्यूज सुसनेर। नगर परिषद सुसनेर में नई परिषद बैठने के बाद सफाई कर्मचारियों को नगर में सफाई व्यवस्थाओं को सुचारू तरीके से चलाने के लिए नगर का कचरा उठाने के लिए सफाई कर्मचारियों को 40 दो पहिया हाथ कचरा गाड़ी प्रत्येक कर्मचारियों को दी गई थी जिसको परिषद द्वारा 8 से 10 हजार रुपए में खरीदा गया था जिसकी बाजार कीमत की बात करे तो वहीं कचरा गाड़ी आपको बाजार में 3 से 4 हजार रुपए में मिल जाती लेकिन परिषद द्वारा भ्रष्टाचार कर उसको 8 से 10 हजार रुपए में खरीदा जिसकी गुणवत्ता की बात करे तो वह भी ऐसी की 2 साल भी नहीं चल पाई बहुत से कर्मचारियों की गाड़ी तो साल भर में ही हल्की गुणवत्ता के कारण सड़ कर टूट गई जिसके कारण कर्मचारियों को कचरा भरने में काफी समस्याएं आ रही है कोई टाट लपेटकर तो कोई थैलियां लगा कर कचरा गाड़ी में कचरा भर रहे है।
कर्मचारी– साहब हमारी गाड़ी सही करवादो इसमें कचरा नहीं भरता
सफाई कर्मचारियों द्वारा टूटी हुई हाथ कचरा गाड़ी को सही करवाने नगर परिषद मेट से लेकर सीएमओ को बोला जाता है तो कही दिन बीत जाने पर भी कर्मचारियों की नहीं सुनी जाती जिससे कर्मचारी को मजबूरी में वार्डो में एक ही जगह कचरे का ढेर करना पड़ रहा है।
सवाल यह उठता है कि नगर परिषद के भ्रष्टाचार का मामला लोकायुक्त ओर आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो में तो चल ही रहा है लेकिन परिषद के जनप्रतिनिधि और अधिकारियों ने हाथ कचरा गाड़ी से लेकर ई–रिक्शा तक को नहीं छोड़ा ऐसे ही अनेक मामलों की शिकायत नगर के सामाजिक कार्यकर्ता दीपक राठौर द्वारा लोकायुक्त में की गई जिसके बाद भी भ्रष्ट अधिकारी,जनप्रतिनिधि पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही।
क्या कहना है इनका
सफाई कर्मचारियों की जो हाथ कचरा गाड़ी सड़ गई है उन्हें रिपेयरिंग के लिए धीरे धीरे पहुंचाया जा रहा है दो तीन दिनों में सभी गाड़ियां सही करवा ली जाएगी और नई गाड़िया भी परिषद द्वारा मंगवाई जाएगी। पुरानी कचरा गाड़ी गुणवत्ता पर सीएमओ ने कहा कि पुरानी गाड़ी मेरे कार्यकाल में नहीं आई इस लिए मुझे उसके बारे में नहीं पता
ओ.पी नागर नगर परिषद सीएमओ सुसनेर
वंदे भारत से संवाददाता दीपक राठौर की रिपोर्ट,,
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