[pj-news-ticker]

A2Z सभी खबर सभी जिले कीअन्य खबरेछत्तीसगढ़

बेटी ने निभाया बेटे का फर्ज:पिता की अंतिम इच्छा पूरी कर बनी समाज के लिए प्रेरणा

चैनल से जुड़ने के लिए इमेज पर क्लिक करें

 वन्दे भारत लाइव टीवी न्यूज़/समृद्ध भारत डिस्ट्रिक्ट रिपोर्टर चित्रसेन घृतलहरे, 25 अगस्त 2025// भारतीय समाज में अंतिम संस्कार और पिंडदान जैसी परंपराएँ प्रायः बेटों द्वारा निभाई जाती हैं। लेकिन सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के बरमकेला ब्लॉक के ग्राम बोरे की रहने वाली जया चौहान ने परंपरा को बदलते हुए एक नई मिसाल कायम की है।ग्राम बोरे निवासी विद्याधर चौहान का 12 अगस्त 2025 को निधन हो गया। जीवन के अंतिम क्षणों में उन्होंने अपनी बेटी से कहा था कि उनकी अस्थि विसर्जन और पिंडदान की जिम्मेदारी वही निभाए।पिता की अंतिम इच्छा को जया ने अपना धर्म और कर्तव्य मानकर निभाया। उन्होंने बेटे की तरह सिर मुंडवाकर पूरे विधि-विधान से पिंडदान किया। इस दौरान वहां मौजूद हर कोई भावुक हो उठा। पंडित जी ने कहा – “बेटी, आज तुमने बेटे से भी बढ़कर फर्ज निभाया है। सच कहूँ तो आज तुम देश का गर्व हो।” वहीं सिर मुंडवाते समय नाई की आँखें भी भर आईं। उसने कहा – “बिटिया, मैं भाग्यशाली हूँ कि इस रस्म में मेरी भी भूमिका बनी। तुम्हारे पिता सचमुच भाग्यशाली थे जिन्हें तुम जैसी बेटी मिली।”

रस्में पूरी करने के बाद जया ने भावुक होकर कहा –
“मेरे पापा ने मुझ पर बेटे से बढ़कर विश्वास किया था। उनकी अंतिम इच्छा पूरी कर मैं गर्व महसूस कर रही हूँ। मेरी यही प्रार्थना है कि लोग भ्रूण हत्या बंद करें और बेटियों को बोझ नहीं, आशीर्वाद समझें।”

जया चौहान का यह कदम समाज के लिए प्रेरणा बन गया है। उन्होंने साबित कर दिया कि बेटियाँ हर जिम्मेदारी निभाने में सक्षम हैं। यह घटना उन परिवारों के लिए भी एक संदेश है जो अब भी बेटा-बेटी में भेदभाव करते हैं।
“बेटियाँ न केवल बराबरी कर सकती हैं, बल्कि उनसे बढ़कर भी साबित हो सकती हैं।”

[yop_poll id="10"]
Check Also
Close
Back to top button
error: Content is protected !!